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सैकड़ों मछुआरे पहुंचे कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत सीईओ पर लगाया फर्जीवाड़ा का आरोप - fisherman reached the collectorate

टीकमगढ़ जिले में सैकड़ों मछुआरे विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ पर बगाज माता तालाब का पट्टा गलत समूह को देने का आरोप लगाया है.

Fishermen accuse District Panchayat CEO of committing fraud
सैकड़ों मछुआरे पहुंचे कलेक्ट्रेट
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Published : Mar 9, 2020, 8:37 PM IST

Updated : Mar 9, 2020, 9:24 PM IST

टीकमगढ़। जिले के मछुआ समिति के सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला पंचायत सीईओ पर बगाज माता तालाब का पट्टा फर्जी तरीके से गलत समूह को दिए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे 10 सालों से इस तालाब में मछली पालन कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं. लेकिन मछली विभाग के अधिकारियों और जिला पंचायत के सीईओ हर्षिल पंचोली की मिलीभगत से तालाब का पट्टा जय बगाज माता समूह को दिया है. जिससे 66 लोग और उनका परिवार भूखे मरने की कगार पर है.

सैकड़ों मछुआरे पहुंचे कलेक्ट्रेट

उन्होंने आरोप लगाया कि ये साठगांठ समूह के अध्यक्ष पुख्खा ढीमर ने की है. जिसकी कई बार शिकायत भी हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई. उन्होंने कहा कि बगाज माता जलाशय डूब में आने वाले गांव बकपुरा, राधापुर, रजाई, और समर्रा गांव की मछुआ समिति को इसकी पात्रता थी. मगर अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र गांव मदनपुर, फुटेरा,महुआ ओर कछिया खैरा गांव के लोगों को जोड़कर मछुआ समूह बनाया गया और उन्हें अनुचित तरीके से पट्टा दे दिया गया.

जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि ये मामला अभी हाईकोर्ट में चल रहा है. इसलिए अभी कुछ नही कह सकते. वहीं शिकायतकर्ता समिति का कहना है कि यदि ऐसा है तो हाईकोर्ट के फैसले तक जिला प्रशासन को तालाब का पट्टा जारी नहीं करना था.

टीकमगढ़। जिले के मछुआ समिति के सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला पंचायत सीईओ पर बगाज माता तालाब का पट्टा फर्जी तरीके से गलत समूह को दिए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे 10 सालों से इस तालाब में मछली पालन कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं. लेकिन मछली विभाग के अधिकारियों और जिला पंचायत के सीईओ हर्षिल पंचोली की मिलीभगत से तालाब का पट्टा जय बगाज माता समूह को दिया है. जिससे 66 लोग और उनका परिवार भूखे मरने की कगार पर है.

सैकड़ों मछुआरे पहुंचे कलेक्ट्रेट

उन्होंने आरोप लगाया कि ये साठगांठ समूह के अध्यक्ष पुख्खा ढीमर ने की है. जिसकी कई बार शिकायत भी हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई. उन्होंने कहा कि बगाज माता जलाशय डूब में आने वाले गांव बकपुरा, राधापुर, रजाई, और समर्रा गांव की मछुआ समिति को इसकी पात्रता थी. मगर अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र गांव मदनपुर, फुटेरा,महुआ ओर कछिया खैरा गांव के लोगों को जोड़कर मछुआ समूह बनाया गया और उन्हें अनुचित तरीके से पट्टा दे दिया गया.

जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि ये मामला अभी हाईकोर्ट में चल रहा है. इसलिए अभी कुछ नही कह सकते. वहीं शिकायतकर्ता समिति का कहना है कि यदि ऐसा है तो हाईकोर्ट के फैसले तक जिला प्रशासन को तालाब का पट्टा जारी नहीं करना था.

Last Updated : Mar 9, 2020, 9:24 PM IST
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