ETV Bharat / state

कलयुग के श्रवण कुमार बने लंदन से आए डॉक्टर, बुजुर्गों को कराई मथुरा-वृंदावन की यात्रा - VIDISHA ASHRAM ELDERS PILGRIMAGE

विदिशा के मूल निवासी डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने श्री हरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराई. वृद्धजन भक्ति और आनंद में डूबे.

VIDISHA ASHRAM ELDERS PILGRIMAGE
आधुनिक श्रवण कुमार बने लंदन से आए चिकित्सक संजीव श्रीवास्तव (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 5, 2025, 5:01 PM IST

Updated : Feb 5, 2025, 5:06 PM IST

विदिशा: लंदन में बसे डॉक्टर ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक है. वे न केवल अपने देश की संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि आधुनिक श्रवण कुमार की भूमिका निभाते हुए बुजुर्गों के जीवन में खुशियां भरने का कार्य कर रहे हैं. विदिशा के मूल निवासी डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने श्री हरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को मथुरा वृंदावन की यात्रा कराई.

भक्ति और आनंद में डूबे बुजुर्ग

डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने बुजुर्गों के लिए श्रीधाम एक्सप्रेस का वातानुकूलित कोच आरक्षित कराया और स्वयं की देखरेख में उन्हें तीर्थ यात्रा कराई. उनके साथ आश्रम संचालक वेद प्रकाश शर्मा, एक निजी स्कूल के प्राचार्य बी. पी. सिंह तथा सेवादारों की टीम भी अटेंडर के रूप में मौजूद रही. इस यात्रा के दौरान बुजुर्गों ने बांके बिहारी मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, प्रेम मंदिर और गोकुलधाम के दर्शन किए. जब वे इन पवित्र स्थलों पर पहुंचे तो उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े. उन्होंने डॉक्टर संजीव और उनकी टीम को आशीर्वाद देते हुए कहा, "जीवन की संध्या में हमें सच्चे बेटे मिल गए."

श्री हरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों की तीर्थयात्रा (ETV Bharat)

गोकुल की गलियों में घूमते हुए बुजुर्ग मानो अपने बचपन में लौट आए. यमुना तट पर बैठकर उन्होंने कुल्फी और माखन-मिश्री का आनंद लिया, नाव में बैठकर भजन-कीर्तन किया और भक्ति के रस में डूब गए. उनकी खुशी को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वयं नटखट कन्हैया उनके हृदय में समा गए हों.

संजीव बने बुजुर्गों के ‘श्रवण कुमार’

आज के दौर में जहां कई माता-पिता अपने ही बच्चों द्वारा प्रताड़ित होकर वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. वहीं डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता की स्मृति को सजीव रखने के लिए इन निराश्रित बुजुर्गों के बेटे बनकर उनकी यह धार्मिक यात्रा कराई. सभी बुजुर्गों ने उन्हें गले लगा लिया और कहा, "सच्चे बेटे तो यही हैं, जिन्होंने बिना किसी परेशानी के हमें भगवान के दर्शन करा दिए"

VIDISHA OLD AGE HOME ELDERS PILGRIMAGE
वृद्धजन भक्ति और आनंद में डूबे (ETV Bharat)

डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा, "श्री हरि वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों को हर प्रकार की सुविधा दी जाती है, लेकिन धार्मिक यात्राएं कराकर उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक सुख देना मेरा उद्देश्य है. मैं चाहता हूं कि वे जीवन के अंतिम पड़ाव को शांति और आनंद से बिताएं" उन्होंने बताया कि "पिछले वर्ष भी अपने बेटे के जन्मदिन पर वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गों को उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की यात्रा कराई थी. मेरा संकल्प है कि हर साल 2 बार वृद्धजनों को धार्मिक तीर्थयात्रा पर ले जाएं."

VIDISHA ELDERS PILGRIMAGE
बुजुर्गों को कराई मथुरा वृंदावन की यात्रा (ETV Bharat)

वृद्धजनों ने क्या कहा?

इस यात्रा में शामिल 90 वर्षीय पूना बाई विश्वकर्मा ने भावुक होकर कहा, "डॉक्टर साहब ने हर मंदिर में हमें हाथ पकड़कर दर्शन कराए, हमें लगा जैसे श्याम भगवान स्वयं हमारे बीच आ गए हों. वहीं, श्रीमती बुंदिया बाई ने कहा, "हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम तीर्थयात्रा कर पाएंगे, लेकिन डॉक्टर संजीव और वेद प्रकाश हमारे श्रवण कुमार बनकर आए."

विदिशा: लंदन में बसे डॉक्टर ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक है. वे न केवल अपने देश की संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि आधुनिक श्रवण कुमार की भूमिका निभाते हुए बुजुर्गों के जीवन में खुशियां भरने का कार्य कर रहे हैं. विदिशा के मूल निवासी डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने श्री हरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को मथुरा वृंदावन की यात्रा कराई.

भक्ति और आनंद में डूबे बुजुर्ग

डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने बुजुर्गों के लिए श्रीधाम एक्सप्रेस का वातानुकूलित कोच आरक्षित कराया और स्वयं की देखरेख में उन्हें तीर्थ यात्रा कराई. उनके साथ आश्रम संचालक वेद प्रकाश शर्मा, एक निजी स्कूल के प्राचार्य बी. पी. सिंह तथा सेवादारों की टीम भी अटेंडर के रूप में मौजूद रही. इस यात्रा के दौरान बुजुर्गों ने बांके बिहारी मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, प्रेम मंदिर और गोकुलधाम के दर्शन किए. जब वे इन पवित्र स्थलों पर पहुंचे तो उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े. उन्होंने डॉक्टर संजीव और उनकी टीम को आशीर्वाद देते हुए कहा, "जीवन की संध्या में हमें सच्चे बेटे मिल गए."

श्री हरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों की तीर्थयात्रा (ETV Bharat)

गोकुल की गलियों में घूमते हुए बुजुर्ग मानो अपने बचपन में लौट आए. यमुना तट पर बैठकर उन्होंने कुल्फी और माखन-मिश्री का आनंद लिया, नाव में बैठकर भजन-कीर्तन किया और भक्ति के रस में डूब गए. उनकी खुशी को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वयं नटखट कन्हैया उनके हृदय में समा गए हों.

संजीव बने बुजुर्गों के ‘श्रवण कुमार’

आज के दौर में जहां कई माता-पिता अपने ही बच्चों द्वारा प्रताड़ित होकर वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. वहीं डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता की स्मृति को सजीव रखने के लिए इन निराश्रित बुजुर्गों के बेटे बनकर उनकी यह धार्मिक यात्रा कराई. सभी बुजुर्गों ने उन्हें गले लगा लिया और कहा, "सच्चे बेटे तो यही हैं, जिन्होंने बिना किसी परेशानी के हमें भगवान के दर्शन करा दिए"

VIDISHA OLD AGE HOME ELDERS PILGRIMAGE
वृद्धजन भक्ति और आनंद में डूबे (ETV Bharat)

डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा, "श्री हरि वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों को हर प्रकार की सुविधा दी जाती है, लेकिन धार्मिक यात्राएं कराकर उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक सुख देना मेरा उद्देश्य है. मैं चाहता हूं कि वे जीवन के अंतिम पड़ाव को शांति और आनंद से बिताएं" उन्होंने बताया कि "पिछले वर्ष भी अपने बेटे के जन्मदिन पर वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गों को उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की यात्रा कराई थी. मेरा संकल्प है कि हर साल 2 बार वृद्धजनों को धार्मिक तीर्थयात्रा पर ले जाएं."

VIDISHA ELDERS PILGRIMAGE
बुजुर्गों को कराई मथुरा वृंदावन की यात्रा (ETV Bharat)

वृद्धजनों ने क्या कहा?

इस यात्रा में शामिल 90 वर्षीय पूना बाई विश्वकर्मा ने भावुक होकर कहा, "डॉक्टर साहब ने हर मंदिर में हमें हाथ पकड़कर दर्शन कराए, हमें लगा जैसे श्याम भगवान स्वयं हमारे बीच आ गए हों. वहीं, श्रीमती बुंदिया बाई ने कहा, "हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम तीर्थयात्रा कर पाएंगे, लेकिन डॉक्टर संजीव और वेद प्रकाश हमारे श्रवण कुमार बनकर आए."

Last Updated : Feb 5, 2025, 5:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.