ETV Bharat / state

औषधीय खेती से चमकेगी बुंदेलखंड के किसानों की किस्मत, टीकमगढ़ से शुरु हुआ नवाचार

टीकमगढ़ जिले में किसानों को औषधीय खेती करने के गुण सिखाए जा रहे हैं. ताकि वे परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती में भी दक्ष हो जाए. जिले के किसान भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

author img

By

Published : Sep 26, 2020, 2:27 PM IST

tikamgarh news
टीकमगढ़ न्यूज

टीकमगढ़। बुदेलखंड के किसानों की परेशानियां किसी से छुपी नहीं है, कभी पानी नहीं मिलने से फसल खराब हो जाती है, तो कभी प्राकृतिक आपदा फसलों को नष्ट कर देती है. या फिर पर्याप्त संसाधन न होने से किसानों को फायदा नहीं मिल पाता. ऐसे में अब तक परंपरागत खेती करने वाले बुंदेलखंड के किसानों के लिए कृषि विभाग ने नयी पहल शुरु की है.

टीकमगढ़ में औषधीय खेती की शुरुआत

बुंदेलखंड अंचल के टीकमगढ़ जिले में किसानों को औषधीय खेती के करने के गुण सिखाए जा रहे हैं. ताकि किसान सक्षम भी हो सके और उन्हें पर्याप्त लाभ भी मिल सके. किसानों की माली हालत सुधारने के लिए टीकमगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को दोगुना मुनाफा दिलाए जाने की पहल शुरु की गयी है. जिसके जरिए हजारों किसानों को औषधीय खेती करने के फायदे बताए जा रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिक सिखा रहे औषधीय खेती के गुण

कृषि विज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को औषधीय खेती करने से काफी लाभ होगा. क्योंकि औषधीय सामान काफी मंहगा बिकता और देश में इनकी डिमांड भी अच्छी होती है. लिहाजा आयुर्वेदिक दवाएं, तेल, साबुन, इत्र जैसी वस्तुएं बनाने वाली फसलों की खेती से किसानों को लाभ होगा. इसलिए जिले के किसानों को औषधीय खेती करना सिखाया जा रहा है. ताकि उन्हें परंपरागत खेती के साथ औषधीय खेती से भी लाभ मिल सके.

किसान भी ले रहे प्रशिक्षण

किसानों को खासकर ब्राम्ही, हिस्टोविया, एलोवेरा, इन्सुलिन, सिट्रोला, अश्वगंधा जैसी औषधीय पौधों की खेती के प्रति जागरुक किया जा रहा है. जिसमें किसान भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. किसानों का कहना है कि कृषि विभाग का यह नया प्रयोग उन्हें पसंद आया है. इसलिए वे भी औषधीय खेती करने के तरीके सीख रहे हैं. ताकि उन्हें भी फायदा हो सके.

खास बात यह है कि अगर टीकमगढ़ जिले में यह प्रयोग सफल होता है. तो इसे बुंदेलखंड अंचल के दूसरे जिलों में भी शुरु किया जाएगा. यही वजह हे कि जिले भर किसानों को पपंरागत खेती के साथ-साथ औषधीय खेती के प्रति भी जागरुक किया जा रहा है. अगर बुंदेलखंड में किसानों ने औषधीय खेती में सफलता हासिल कर ली. तो वह दिन दूर नहीं होगा जब बुंदेलखंड में किसानों की दिशा और दशा दोनों में बदलाव आएगा.

टीकमगढ़। बुदेलखंड के किसानों की परेशानियां किसी से छुपी नहीं है, कभी पानी नहीं मिलने से फसल खराब हो जाती है, तो कभी प्राकृतिक आपदा फसलों को नष्ट कर देती है. या फिर पर्याप्त संसाधन न होने से किसानों को फायदा नहीं मिल पाता. ऐसे में अब तक परंपरागत खेती करने वाले बुंदेलखंड के किसानों के लिए कृषि विभाग ने नयी पहल शुरु की है.

टीकमगढ़ में औषधीय खेती की शुरुआत

बुंदेलखंड अंचल के टीकमगढ़ जिले में किसानों को औषधीय खेती के करने के गुण सिखाए जा रहे हैं. ताकि किसान सक्षम भी हो सके और उन्हें पर्याप्त लाभ भी मिल सके. किसानों की माली हालत सुधारने के लिए टीकमगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को दोगुना मुनाफा दिलाए जाने की पहल शुरु की गयी है. जिसके जरिए हजारों किसानों को औषधीय खेती करने के फायदे बताए जा रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिक सिखा रहे औषधीय खेती के गुण

कृषि विज्ञानिकों ने बताया कि किसानों को औषधीय खेती करने से काफी लाभ होगा. क्योंकि औषधीय सामान काफी मंहगा बिकता और देश में इनकी डिमांड भी अच्छी होती है. लिहाजा आयुर्वेदिक दवाएं, तेल, साबुन, इत्र जैसी वस्तुएं बनाने वाली फसलों की खेती से किसानों को लाभ होगा. इसलिए जिले के किसानों को औषधीय खेती करना सिखाया जा रहा है. ताकि उन्हें परंपरागत खेती के साथ औषधीय खेती से भी लाभ मिल सके.

किसान भी ले रहे प्रशिक्षण

किसानों को खासकर ब्राम्ही, हिस्टोविया, एलोवेरा, इन्सुलिन, सिट्रोला, अश्वगंधा जैसी औषधीय पौधों की खेती के प्रति जागरुक किया जा रहा है. जिसमें किसान भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. किसानों का कहना है कि कृषि विभाग का यह नया प्रयोग उन्हें पसंद आया है. इसलिए वे भी औषधीय खेती करने के तरीके सीख रहे हैं. ताकि उन्हें भी फायदा हो सके.

खास बात यह है कि अगर टीकमगढ़ जिले में यह प्रयोग सफल होता है. तो इसे बुंदेलखंड अंचल के दूसरे जिलों में भी शुरु किया जाएगा. यही वजह हे कि जिले भर किसानों को पपंरागत खेती के साथ-साथ औषधीय खेती के प्रति भी जागरुक किया जा रहा है. अगर बुंदेलखंड में किसानों ने औषधीय खेती में सफलता हासिल कर ली. तो वह दिन दूर नहीं होगा जब बुंदेलखंड में किसानों की दिशा और दशा दोनों में बदलाव आएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.