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भाजपा विधायक और सांसद आमने-सामने, नपा में प्रतिनिधि किया नियुक्त

आपदा प्रबंधन की बैठक में सांसद और विधायक में नोंक-झोक होने के बाद अब बीजेपी के जनप्रतिनिधियों में इन दिनों टकराव जारी है. मंगलवार को सांसद ने तीन भाजपाइयों को विभिन्न विभागों का प्रतिनिधि बना दिया, जबकि प्रतिनिधि एक होता है.

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Published : Jun 1, 2021, 11:06 PM IST

टीकमगढ़। आपदा प्रबंधन की बैठक में सांसद और विधायक में नोंक-झोक होने के बाद अब बीजेपी के जनप्रतिनिधियों में इन दिनों टकराव जारी है. मंगलवार को सांसद ने तीन भाजपाइयों को विभिन्न विभागों का प्रतिनिधि बना दिया, जबकि प्रतिनिधि एक होता है. इसके साथ ही नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में प्रतिनिधि नियुक्त करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां पर नगर पालिका का परिषद अस्तित्व में नहीं है और फिलहाल कलेक्टर प्रशासक बने हैं. नगरपालिका अधिनियम के तहत विधायक, सांसद अपना प्रतिनिधि परिषद की आम सभा के लिए नियुक्त करता है. अभी जब परिषद अस्तित्व में ही नहीं है, तब सांसद द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त करने की बात समझ से परे है.

सांसद और विधायक के बीच नोंकझोक
गौरतलब है कि टीकमगढ़ सांसद डा. वीरेंद्र कुमार ने नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में प्रतिनिधि के रूप में जिला महामंत्री अभिषेक रानू खरे, मनोज देवलिया को स्वास्थ विभाग और जीतू सेन को लोक निर्माण विभाग में प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया. ऐसे में विधायक राकेश गिरी गोस्वामी के हौसले उनके समर्थक बुलंद किए हुए हैं. समर्थकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान जनता के बीच में जाकर विधायक राकेश गिरी ने कार्य किया है. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, राशन किटों सहित विभिन्न कार्य किए हैं. राशन किटें लगातार वितरित हो रहीं हैं, जिससे जनता से उनका सीधा जुड़ाव बना हुआ है. सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक और टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी गोस्वामी के बीच नोंकझोक होने के बाद ऐसा हो रहा है.

कलेक्ट्रेट में भी हुआ था हंगामा
बता दें कि बीते दिनों कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में प्रभारी मंत्री सुरेश धाकड़ की मौजूदगी में जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान ही सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक ने कोरोना संक्रमण और अनलॉक की बात न करते हुए उन्होंने अन्य मुद्दों पर बात छेड़ दी. इस दौरान विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने बैठक में विषय पर बात करने को कहा, तो सांसद को यह बात नागवार गुजरी और वह बैठक छोड़कर आ गए. इस दौरान उनके साथ जिलाध्यक्ष अमित नुना सहित अन्य जनप्रतिनिधि बाहर आ गए. यह पूरा नजारा प्रभारी मंत्री देखते रहे.

सांसद ने छोड़ दी थी आपदा प्रबंधन की बैठक
आपदा प्रबंधन की बैठक छोड़कर भले ही सांसद वहां से आ गए थे, लेकिन इसके बाद उनके निवास पर बैठकों का दौर लगातार चलता रहा. गोल क्वाटर के पास स्थित शासकीय निवास पर कई भाजपा नेता पहुंचे और चर्चा हुई. चर्चा में यह बात भी सामने आई थी कि सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक ने इस्तीफा की पेशकश कर दी थी. हालांकि यह इंटरनेट मीडिया पर ही छाया रहा. अब सांसद द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने का मामला चर्चा का विषय बन गया है.

टीकमगढ़ में बीजेपी की अंतर्कलह आई सामने, आपदा प्रबंधन की बैठक में एक दूसरे से उलझे बीजेपी नेता

अलग-अलग विभागों में तीन लोगों को प्रतिनिधि नियुक्त करना, समझ से परे है. इस संबंध में सांसद डा. वीरेंद्र कुमार से बात करना चाही, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. वहीं विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने कहा कि जनता मेरे लिए सब कुछ है. मैं सेवा भाव से गरीबों की सेवा कर रहा हूं. कोई कुछ भी बोलता रहे और करता रहे. मैं जनता की सेवा करने का कार्य लगातार जारी रखूंगा.

टीकमगढ़। आपदा प्रबंधन की बैठक में सांसद और विधायक में नोंक-झोक होने के बाद अब बीजेपी के जनप्रतिनिधियों में इन दिनों टकराव जारी है. मंगलवार को सांसद ने तीन भाजपाइयों को विभिन्न विभागों का प्रतिनिधि बना दिया, जबकि प्रतिनिधि एक होता है. इसके साथ ही नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में प्रतिनिधि नियुक्त करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां पर नगर पालिका का परिषद अस्तित्व में नहीं है और फिलहाल कलेक्टर प्रशासक बने हैं. नगरपालिका अधिनियम के तहत विधायक, सांसद अपना प्रतिनिधि परिषद की आम सभा के लिए नियुक्त करता है. अभी जब परिषद अस्तित्व में ही नहीं है, तब सांसद द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त करने की बात समझ से परे है.

सांसद और विधायक के बीच नोंकझोक
गौरतलब है कि टीकमगढ़ सांसद डा. वीरेंद्र कुमार ने नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में प्रतिनिधि के रूप में जिला महामंत्री अभिषेक रानू खरे, मनोज देवलिया को स्वास्थ विभाग और जीतू सेन को लोक निर्माण विभाग में प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया. ऐसे में विधायक राकेश गिरी गोस्वामी के हौसले उनके समर्थक बुलंद किए हुए हैं. समर्थकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान जनता के बीच में जाकर विधायक राकेश गिरी ने कार्य किया है. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, राशन किटों सहित विभिन्न कार्य किए हैं. राशन किटें लगातार वितरित हो रहीं हैं, जिससे जनता से उनका सीधा जुड़ाव बना हुआ है. सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक और टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी गोस्वामी के बीच नोंकझोक होने के बाद ऐसा हो रहा है.

कलेक्ट्रेट में भी हुआ था हंगामा
बता दें कि बीते दिनों कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में प्रभारी मंत्री सुरेश धाकड़ की मौजूदगी में जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के दौरान ही सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक ने कोरोना संक्रमण और अनलॉक की बात न करते हुए उन्होंने अन्य मुद्दों पर बात छेड़ दी. इस दौरान विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने बैठक में विषय पर बात करने को कहा, तो सांसद को यह बात नागवार गुजरी और वह बैठक छोड़कर आ गए. इस दौरान उनके साथ जिलाध्यक्ष अमित नुना सहित अन्य जनप्रतिनिधि बाहर आ गए. यह पूरा नजारा प्रभारी मंत्री देखते रहे.

सांसद ने छोड़ दी थी आपदा प्रबंधन की बैठक
आपदा प्रबंधन की बैठक छोड़कर भले ही सांसद वहां से आ गए थे, लेकिन इसके बाद उनके निवास पर बैठकों का दौर लगातार चलता रहा. गोल क्वाटर के पास स्थित शासकीय निवास पर कई भाजपा नेता पहुंचे और चर्चा हुई. चर्चा में यह बात भी सामने आई थी कि सांसद डा. वीरेंद्र कुमार खटीक ने इस्तीफा की पेशकश कर दी थी. हालांकि यह इंटरनेट मीडिया पर ही छाया रहा. अब सांसद द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने का मामला चर्चा का विषय बन गया है.

टीकमगढ़ में बीजेपी की अंतर्कलह आई सामने, आपदा प्रबंधन की बैठक में एक दूसरे से उलझे बीजेपी नेता

अलग-अलग विभागों में तीन लोगों को प्रतिनिधि नियुक्त करना, समझ से परे है. इस संबंध में सांसद डा. वीरेंद्र कुमार से बात करना चाही, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. वहीं विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने कहा कि जनता मेरे लिए सब कुछ है. मैं सेवा भाव से गरीबों की सेवा कर रहा हूं. कोई कुछ भी बोलता रहे और करता रहे. मैं जनता की सेवा करने का कार्य लगातार जारी रखूंगा.

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