टीकमगढ़। बुंदेलखण्ड की आस्था का केंद्र माने जाने वाले शिव धाम कुंडेश्वर मंदिर में इक्का-दुक्का ही भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं. लॉकडाउन से पहले जहां मंदिर श्रद्धालुओं केीभीड़ से खचा-खच भरा रहता था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद मंदिर की रौनक पहले जैसी नहीं रही है. मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन के लिए भक्त लॉकडाउन के दौरान भगवान के दर्शन के लिए तरस गए थे, लेकिन मंदिर के पट खुलने के बाद सीमित श्रद्धालु ही मंदिर पहुंच रहे हैं.
कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान इस कुंडेश्वर मंदिर को 23 मार्च से बंद कर दिया था और 75 दिन के बाद यानी 8 जून को मंदिर को खोला गया था, लेकिन मंदिर खुलने के बाद भी भक्त कम ही पहुंच रहे हैं.
मंदिर में हो रहा है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
शिव धाम के कुंडेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सीमित संख्या में पहुंत रहे हैं, जो भक्त में मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. वे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं. मंदिर के पुजारी पं. जमुना महाराज ने बताया कि जैसे ही मंदिर खोला गया वैसे ही मंदिर कमेटी ने भक्त और भगवान की बीच दूरियों को ध्यान में रखा है. भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन गर्भगृह में भक्तों के आने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा किसी को भी पूजा-पाठ और शिवलिंग पर जल, बेल्वपत्र, फूल मालाएं नहीं चढ़ाने दी जाएंगी. इसके साथ ही भक्तों को शिवलिंग को छूने से मना किया गया है.
भक्तों का मानना है कि मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं, लेकिन जब उनको मंदिर में पूजा पाठ नहीं करने दिया जा रहा है. शिवलिंग को जल नहीं चढ़ा पा रहे हैं. भोलेनाथ को स्पर्श करना वर्जित है.