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बुंदेलखंड की 'अयोध्या' में भी खुशी का माहौल, कांग्रेस नेताओं ने मंदिर प्रांगण में किया हनुमान चालीसा पाठ

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Published : Aug 4, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 5:25 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन की खुशी में बुंदेलखंड की अयोध्या में भी हर्ष का माहौल है. इसी के चलते आज ओरछा में कांग्रेस कार्यकारिणी ने मंदिर प्रांगण में हनुमान चालीसा पाठ एवं भजन का आयोजन किया.

ram raja temple
राम राजा मंदिर

निवाड़ी। अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने में मात्र कुछ ही घंटे का समय बचा है. इसी बीच बुंदेलखंड की अयोध्या में भी हर्ष का माहौल है. अयोध्या में तकरीबन 500 साल तक चली राम मंदिर निर्माण की लड़ाई में आखिरकार वो पल अब आ ही गया जब राम भक्तों का सपना साकार होगा. इसी के चलते आज ओरछा में कांग्रेस कार्यकारिणी ने मंदिर प्रांगण में हनुमान चालीसा पाठ एवं भजन का आयोजन किया.

राम राजा मंदिर

करीब 500 साल पूर्व राजा मधुकर शाह की पत्नी रानी और गणेश अपने आराध्य राम को अयोध्या से ओरछा में आई थी. कहते हैं कि तबसे भगवान यहां राज कर रहे हैं और भगवान को सशस्त्र पुलिस की सलामी दी जाती है, जो कि एक वीआईपी ट्रीटमेंट होता है. ऐसा भारत में या विश्व में किसी भी मंदिर में नहीं देखा गया है.

धर्म गुरुओं की मानें तो राजा मधुकर शाह और रानी कुंवर गणेश कलयुग में कौशल्या एवं दशरथ का अवतार थे, प्रसिद्ध धर्मगुरु मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज के अनुसार रामायण में भगवान राम ने कभी अपने मां बाप को सुख ना दे पाए, जब कौशल्या श्री भगवान वनवास के बाद मिली तो कौशल्या जी को वरदान दिया कि आपको मैं वचन देता हूं कि आप इसी सरयू नदी में मुझे कलयुग में बाल रूप में प्राप्त करोगी और अपने राज्य की ओर मुझे ले चलोगी. जहां आपके पति दशरथ स्वरूप राजा मधुकर शाह मेरा राजतिलक करेंगे. रानी ने ऐसा ही किया वह भगवान को ओरछा लाए और राजा मधुकर शाह ने अपनी राजगद्दी भगवान राम को सौंपी. तब से भगवान यहां राजा के रूप में विराजमान हैं.

कहा जाता है कि अयोध्या का कनक भवन मंदिर भी बुंदेला राजाओं ने बनवाया था और राम राजा मंदिर कनक भवन मंदिर की स्थापत्य कला लगभग समान ही है. अयोध्या एवं ओरछा का पुरातन काल से संबंध रहा है.

निवाड़ी। अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने में मात्र कुछ ही घंटे का समय बचा है. इसी बीच बुंदेलखंड की अयोध्या में भी हर्ष का माहौल है. अयोध्या में तकरीबन 500 साल तक चली राम मंदिर निर्माण की लड़ाई में आखिरकार वो पल अब आ ही गया जब राम भक्तों का सपना साकार होगा. इसी के चलते आज ओरछा में कांग्रेस कार्यकारिणी ने मंदिर प्रांगण में हनुमान चालीसा पाठ एवं भजन का आयोजन किया.

राम राजा मंदिर

करीब 500 साल पूर्व राजा मधुकर शाह की पत्नी रानी और गणेश अपने आराध्य राम को अयोध्या से ओरछा में आई थी. कहते हैं कि तबसे भगवान यहां राज कर रहे हैं और भगवान को सशस्त्र पुलिस की सलामी दी जाती है, जो कि एक वीआईपी ट्रीटमेंट होता है. ऐसा भारत में या विश्व में किसी भी मंदिर में नहीं देखा गया है.

धर्म गुरुओं की मानें तो राजा मधुकर शाह और रानी कुंवर गणेश कलयुग में कौशल्या एवं दशरथ का अवतार थे, प्रसिद्ध धर्मगुरु मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज के अनुसार रामायण में भगवान राम ने कभी अपने मां बाप को सुख ना दे पाए, जब कौशल्या श्री भगवान वनवास के बाद मिली तो कौशल्या जी को वरदान दिया कि आपको मैं वचन देता हूं कि आप इसी सरयू नदी में मुझे कलयुग में बाल रूप में प्राप्त करोगी और अपने राज्य की ओर मुझे ले चलोगी. जहां आपके पति दशरथ स्वरूप राजा मधुकर शाह मेरा राजतिलक करेंगे. रानी ने ऐसा ही किया वह भगवान को ओरछा लाए और राजा मधुकर शाह ने अपनी राजगद्दी भगवान राम को सौंपी. तब से भगवान यहां राजा के रूप में विराजमान हैं.

कहा जाता है कि अयोध्या का कनक भवन मंदिर भी बुंदेला राजाओं ने बनवाया था और राम राजा मंदिर कनक भवन मंदिर की स्थापत्य कला लगभग समान ही है. अयोध्या एवं ओरछा का पुरातन काल से संबंध रहा है.

Last Updated : Aug 4, 2020, 5:25 PM IST
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