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16वीं शताब्दी में बुंदेला राजाओं ने बनवाईं थीं ऐतिहासिक धरोहरें, दूर- दूर से आते हैं पर्यटक

ओरछा में 16वीं और 17वीं शताब्दी में बुंदेला राजाओं का शासन काल रहा. इस दौरान उन्होंने करीब 200 साल तक ओरछा में राज किया. इस दौरान इन्होंने कलात्मक किले और मन्दिरों का निर्माण करवाया.

ऐतिहासिक धरोहरें
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Published : Oct 19, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 7:18 PM IST

टीकमगढ़। बुंदेलखंड के ओरछा में 16वीं और 17वीं शताब्दी में बुंदेला राजाओं का शासन काल रहा और करीब 200 साल तक ओरछा में राज किया. इस दौरान उन्होंने ओरछा को आकर्षक बनाने के लिए कलात्मक किले और मन्दिरों का निर्माण करवाया था. जिसमें प्रमुख रूप से राजा का किला, शीशमहल, जहांगीर महल, राय प्रवीण महल और ऐतिहासिक छतरियों का निर्माण करवाया. जिसे देखने भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा विदेशी लोग ओरछा की कला, मंदिरों और किलों को देखने आते हैं.

ऐतिहासिक धरोहरें

ओरछा में राजा का महल भी काफी कलात्मक तरीके से बनाया गया था, पत्थरों पर कुशल कारीगरों द्वारा उकेरा गया है, वहीं जहांगीर महल में हिंदू और मुस्लिम एकता को मिलाकर बनाया गया है, जो दोनों धर्मों को जोड़ने का काम करता है. वहीं शीशमहल में यूरोपियन और मराठा शैली का मिश्रण देखने को मिलता है. इस महल के ऊपर जो गुंबद है, वो आज भी धूप में सीसे की तरह चमकते हैं. जिस कारण इसको शीश महल कहते हैं. ओरछा को सबसे पहले रुद्रप्रताप सिंह ने अपनी राजधानी बनाई थी और यहां पर मन्दिर और किले बनवाए. यहां चीन, जापान, इंग्लैंड, इंडोनेसिया, अमेरिका, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप, इटली सहित तमाम देशों से पर्यटक आते हैं.

ओरछा में राम को आज भी राजा के रूप में पूजा जाता है और ओरछा के राजा भगवान राम हैं. ओरछा में बुंदेला राजाओं ने 16वीं और 17वीं शताब्दी में छतरियों का भी निर्माण करवाया था, बेतवा नदी के किनारे ये छतरियां राजाओं की समाधि स्थल पर बनवाई गई हैं, जो काफी कलात्मक और ऐतिहासिक हैं. जिसमें ये समाधियां राजा मधुकर शाह, वीर सिंह जूदेव, जसवंत सिंह, उद्देत सिंह, पहाड़ सिंह सहित तमाम राजाओं की छतरियां बनवाई गई है. जिसमें इनके शिखर मन्दिर जैसे हैं, जो दूर से काफी कलात्मक दिखाई देती है. ये सभी 15 छतरियां पंचतत्व आकर में बनाई गई हैं. इन छतरियों और किलों में कई फिल्मों और सीरिय की शूटिंग भी हो चुकी है. ओरछा की सभी इमारतें आज पुरात्तव विभाग के अधीन हैं.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड के ओरछा में 16वीं और 17वीं शताब्दी में बुंदेला राजाओं का शासन काल रहा और करीब 200 साल तक ओरछा में राज किया. इस दौरान उन्होंने ओरछा को आकर्षक बनाने के लिए कलात्मक किले और मन्दिरों का निर्माण करवाया था. जिसमें प्रमुख रूप से राजा का किला, शीशमहल, जहांगीर महल, राय प्रवीण महल और ऐतिहासिक छतरियों का निर्माण करवाया. जिसे देखने भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा विदेशी लोग ओरछा की कला, मंदिरों और किलों को देखने आते हैं.

ऐतिहासिक धरोहरें

ओरछा में राजा का महल भी काफी कलात्मक तरीके से बनाया गया था, पत्थरों पर कुशल कारीगरों द्वारा उकेरा गया है, वहीं जहांगीर महल में हिंदू और मुस्लिम एकता को मिलाकर बनाया गया है, जो दोनों धर्मों को जोड़ने का काम करता है. वहीं शीशमहल में यूरोपियन और मराठा शैली का मिश्रण देखने को मिलता है. इस महल के ऊपर जो गुंबद है, वो आज भी धूप में सीसे की तरह चमकते हैं. जिस कारण इसको शीश महल कहते हैं. ओरछा को सबसे पहले रुद्रप्रताप सिंह ने अपनी राजधानी बनाई थी और यहां पर मन्दिर और किले बनवाए. यहां चीन, जापान, इंग्लैंड, इंडोनेसिया, अमेरिका, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप, इटली सहित तमाम देशों से पर्यटक आते हैं.

ओरछा में राम को आज भी राजा के रूप में पूजा जाता है और ओरछा के राजा भगवान राम हैं. ओरछा में बुंदेला राजाओं ने 16वीं और 17वीं शताब्दी में छतरियों का भी निर्माण करवाया था, बेतवा नदी के किनारे ये छतरियां राजाओं की समाधि स्थल पर बनवाई गई हैं, जो काफी कलात्मक और ऐतिहासिक हैं. जिसमें ये समाधियां राजा मधुकर शाह, वीर सिंह जूदेव, जसवंत सिंह, उद्देत सिंह, पहाड़ सिंह सहित तमाम राजाओं की छतरियां बनवाई गई है. जिसमें इनके शिखर मन्दिर जैसे हैं, जो दूर से काफी कलात्मक दिखाई देती है. ये सभी 15 छतरियां पंचतत्व आकर में बनाई गई हैं. इन छतरियों और किलों में कई फिल्मों और सीरिय की शूटिंग भी हो चुकी है. ओरछा की सभी इमारतें आज पुरात्तव विभाग के अधीन हैं.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ निवाडी जिले के ओरछा में बुंदेला राजाओं ने बनवाये थे अपने शासन काल मे ऐतिहासिक किले ओर छतरियां जिन्हें देखने देश और विदेश से आते है देखने लोग यह किले 16 वी शताब्दि ने निर्मित करवाये गए थे


Body:वाइट् /01 दिव्या सिंह पर्यटक दिल्ली

वाइट् /02 जितेंद्र तिवारी गाइड ओरछा

वाइट् /03 डोनाल्ड अफ्रीका विदेशी पर्यटक

ptc /01 सूर्यप्रकाश गोस्वामी रिपोर्टर टीकमगढ़

वाइस ओबर / बुन्देलखण्ड के ओरछा में 16 ओर 17 शतावधि में बुंदेला राजाओं का शासन काल रहा और इस दौरान तकरिवान 200 साल तक इनका ओरछा में सम्राज्य रहा इस दौरान इन्होंने ओरछा को आकर्षिक बनाने के लिए कलात्मक क़िले ओर मन्दिरो ओर छतरियों का निर्माण करवाया था जिसमें प्रमुख रूप से राजा का किला, शीशमहल, जहाँगीर महल,राय प्रवीण महल और आकर्षक और ऐतिहासिक छतरियों का निर्माण करवाया था जिसे देखने देश और पूरे विश्व से पर्यटक लोग आते है !,जिसमे सबसे ज्यादा विदेशी लोग ओरछा की कलात्मक कला और मंदिरों और किलो को देखने आते है !जिसमे राजा का महल भी काफी कलात्मक तरीके से बनाया गया था पत्थरो पर कुशल कारीगरों द्वारा कल उकेरकर ओर वही जहाँगीर महल में हिदू ओर मुस्लिम एकता को मिलाकर बनाया गया जो दोनों धर्मो को जोड़ने का काम करता है !वही शीशमहल में यूरोपियन ओर मराठा शेली का मिश्रण देखने को मिलता है !और इस महल के ऊपर के जो गुम्मद है !वह आज भी धूप में सीसे की तरह चमकते है !जिस कारण इसको शीश महल कहते है!!ओरछा राजधानी को सबसे पहिले रुद्प्रताप सिंह ने बसाई थी और यहां पर मन्दिर ओर किले बनवाये यहां पर चीन, जापान, इंग्लैंड ,इंडोनेसिया, अमेरिका, अफ्रीका, कनाडा ,यूरोप, इटली सहित तमाम देशों और विदेशो से पर्यटक यह कल कृतियां देखने आते है !आपको ओरछा जैसी कलात्मक कला कही पर भी देखने को नही मिलेगी पुरे विश्व मे!


Conclusion:ओरछा पर्यटक के साथ साथ धर्मीक नगरी भी है !जहाँ पर राम को आज भी राजा के रूप में पूजा जाता है !और ओरछा स्टेट के राजा भगवान राम है !ओरछा में बुंदेला राजाओं ने 16 ओर 17 वी सम्बत में छतरियों का भी निर्माण करवाया था बेतवा नदी के किनारे यह छतरियां राजाओं की समाधि स्थल पर बनवाई गई थी जो काफी कलात्मक ओर ऐतिहासिक है !जिसमें यह समाधिया मृत राजा मधुकर शाह ,वीर सिंह जूदेव, जसवंत सिंह,उद्देत सिंह,पहाड़ सिंह,सहित तमाम राजाओं की छतरियां बनबाई गई थी जिसमें इनकी शिखर मन्दिर जैसे है !जो दूर से काफी कलात्मक दिखती है !यह सभी 15 छतरियां पंच तत्व आकर में बनाई गई है !इन छतरियों ओर किलो में कई फिल्मों की ओर सीरियलों की शूटिंग भी हो चुकी है !और सिलाइस का प्रचार शूटिंग फ़िल्म अभिनेत्रि कैटरीना कैफ ने भी किया यह छतरियां काफी सुंदर और मनमोहन लगती है जिससे सभी 15 राजाओं की यादें भी ताजा बनी हुई है यह सभी इमारतें आज पुरात्तव बिभाग के अधीन है!
Last Updated : Oct 19, 2019, 7:18 PM IST
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