टीकमगढ़। पहले राजीव गांधी आवास योजना और उसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना. इन योजनाओं का एक ही उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति के पास खुद का आवास हो, लेकिन अब इस योजना का लाभ लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है क्योंकि आवास योजना के अधिकारी बिना रिश्वत लिए हितग्राहियों को लाभ देने से वंचित कर रहे हैं. ऐसा ही एक ताजा मामला टीकमगढ़ के पपावनी पंचायत का है, जहां बिना रिश्वत दिए कमजोर तबके को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
पापावनी गांव के हितग्राही खुशीलाल ने बताया कि योजना के अधिकारी निरीक्षण के दौरान उनके कच्चे मकानों की फोटो खींच कर ले गए. उसके बाद भी खुशीलाल का प्रधानमंत्री की सूची में नाम नहीं आया है. पीड़ित खुशीलाल ने आवास योजना के अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवास देने की एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं. ऐसा ही हाल एक अन्य हितग्राही कमल लोधी का भी है. उनके भी कच्चे मकान का मुआयना करके फोटो खींच ले गए और उसके बाद आवास के बदले पैसों की मांग की जा रही है. हितग्राही कमल लोधी ने पीएम आवास के सचिव पर रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवास के बदले पांच हजार रुपये घूस मांगा जा रहा है.
लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए रिश्वत
पापवनी ग्राम पंचायत में रहने वाले खुशीलाल लोधी और कमल लोधी काफी गरीब हैं, उनके पास रहने का पक्का मकान नहीं है और यह लोग लंबे समय से कच्चे मकान में रह रहे हैं, जबकि ग्राम पंचायत सचिव अशोक साहू और रोजगार सहायक पीएम आवास की लिस्ट में नाम जुड़वाने के नाम पर पांच-पांच हजार रुपये मांग रहे हैं.
जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई
खुशीलाल लोधी और कमल लोधी अपनी समस्या लेकर जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचे तो सीईओ ने हकीकत जानकर हितग्राहियों से कहा कि उन्हें पीएम आवास के लिए किसी को पैसे देने की जरूरत नहीं है. वहीं उन्होंने इस मामले की जांच कराने की भी बात कही है. सीईओ के मुताबिक यदि सचिव और रोजगार सहायक दोषी पाए जाते हैं तो उसने खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.