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ठेकेदार की लापरवाही से प्यासा शहर, कलेक्टर की डेडलाइन भी बेअसर

सिंगरौली कलेक्टर की ओर से सिंगरौली निर्माण एजेंसी को जल प्रदाय योजना के तहत बैढन शहर में अक्टूबर के अंत तक जलापूर्ति शुरू करने की डेडलाइन दी गई थी. लेकिन फिर भी अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.

ठेकेदार
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Published : Nov 17, 2019, 6:33 PM IST

सिंगरौली। नगर निगम की जल प्रदाय योजना को लेकर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की हिदायत बेअसर साबित हुई है. कलेक्टर की ओर से सिंगरौली निर्माण एजेंसी को जल प्रदाय योजना के तहत बैढ़न शहर में अक्टूबर के अंत तक जलापूर्ति शुरू करने की डेडलाइन दी गई थी. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम शुरू किया जाना था, लेकिन अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.

अधूरा पड़ा जल प्रदाय योजना के तहत काम

कुछ महीने का और इंतजार
फिलहाल रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम होना बाकी है. दरअसल शहर में चल रहे निर्माण कार्य की कछुआ चाल को देखते हुए करीब दो महीने पहले कलेक्टर ने निर्माण एजेंसी को हिदायत दी थी कि अक्टूबर तक हर हाल में बैढ़न में भी जलापूर्ति शुरू कर दी जाए.

150 करोड़ की योजना, वर्ष 2013 से है स्वीकृत
बैढ़न में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब 150 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ से शुरू हुआ काम अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. जबकि 2018 में ही जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी.

नगर निगम महापौर प्रेमवती खैरवार ने कहा कि

फंड की कमी के कारण काम में देरी हो गई है, अब डीएम ऑफ मत से फंड मिला है कुछ ही दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा.

सिंगरौली। नगर निगम की जल प्रदाय योजना को लेकर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की हिदायत बेअसर साबित हुई है. कलेक्टर की ओर से सिंगरौली निर्माण एजेंसी को जल प्रदाय योजना के तहत बैढ़न शहर में अक्टूबर के अंत तक जलापूर्ति शुरू करने की डेडलाइन दी गई थी. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम शुरू किया जाना था, लेकिन अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.

अधूरा पड़ा जल प्रदाय योजना के तहत काम

कुछ महीने का और इंतजार
फिलहाल रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम होना बाकी है. दरअसल शहर में चल रहे निर्माण कार्य की कछुआ चाल को देखते हुए करीब दो महीने पहले कलेक्टर ने निर्माण एजेंसी को हिदायत दी थी कि अक्टूबर तक हर हाल में बैढ़न में भी जलापूर्ति शुरू कर दी जाए.

150 करोड़ की योजना, वर्ष 2013 से है स्वीकृत
बैढ़न में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब 150 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है. 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित बाकी काम शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ से शुरू हुआ काम अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. जबकि 2018 में ही जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी.

नगर निगम महापौर प्रेमवती खैरवार ने कहा कि

फंड की कमी के कारण काम में देरी हो गई है, अब डीएम ऑफ मत से फंड मिला है कुछ ही दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा.

Intro:सिंगरौली. निर्माण एजेंसी पर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की हिदायत बेअसर साबित हुई है। कलेक्टर की ओर से दी गई डेडलाइन खत्म होने में चंद रोज बाकी हैं, लेकिन अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बात नगर निगम की जल प्रदाय योजना की कर रहे हैं।
कलेक्टर केवीएस चौधरी की ओर से दी गई डेडलाइन के मद्देनजर योजना के तहत बैढऩ शहर में अक्टूबर के अंत तक हर हाल में जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन हालात के मद्देनजर यह जान पड़ता है कि रहवासियों को पेयजल के लिए अभी कम से कम दो महीने और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि कचनी और नवानगर सहित अन्य कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कई कार्य अभी बाकी हैं।Body:दरअसल पेयजल आपूर्ति को लेकर शहर में चल रहे निर्माण कार्य की कछुआ चाल को देखते हुए करीब दो महीने पहले कलेक्टर ने निर्माण एजेंसी को हिदायत दी थी कि अक्टूबर तक हर हाल में बैढऩ में भी जलापूर्ति शुरू कर दी जाए। आयुक्त शिवेंद्र सिंह से कलेक्टर ने नियमित मॉनिटरिंग की बात भी कही थी। इसके बावजूद ठेकेदार ने समय पर कार्य पूरा नहीं किया। नतीजा पेयजल की आपूर्ति अभी अधर में ही है।
डेढ़ सौ करोड़ की योजना, वर्ष 2013 से है स्वीकृत
बैढऩ में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब डेढ सौ करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। वर्ष 2013 में स्वीकृति मिलने के बाद पाइप लाइन बिछाने सहित अन्य कार्य को शुरू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफ शुरू हुआ कार्य छह वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। जबकि वर्ष 2018 में ही जलापूर्ति शुरू हो जानी चाहिए थी। योजना मोरवा व बैढऩ दोनों जोन के लिए बनाई गई थी। मोरवा में जैसे-तैसे जलापूर्ति शुरू है, लेकिन बैढऩ में यह सपना अभी अधूरा है।

बैढऩ में जल प्रदाय योजना का फैक्ट
बजट 135 करोड़ रुपए का
जलापूर्ति की क्षमता 62.6 एमएलडी
कार्य स्वीकृत हुआ वर्ष 2013 में
कार्य पूरा करने की निर्धारित अवधि 2018

वही नगर निगम महापौर का कहना है कि फंड की कमी के कारण काम में देरी हो गई है अब डीएम ऑफ़ मत से ठंड मिला है कुछ ही दिनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा

बाइट नगर निगम महापौर प्रेमवती खैरवार
Conclusion:
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