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Singrauli Protest News सिंगरौली की खदानों से कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप, 7 दिन से हड़ताल पर मोटर एसोसिएशन - सिंगरौली किराया घटाने का विरोध

सिंगरौली में मोटर एसोसिएशन की हड़ताल के चलते कोयले का ट्रांसपोर्ट बंद पड़ा है. किराया घटाए जाने के विरोध को लेकर मोटर एसोसिएशन ट्रांसपोर्ट को ठप कर रखा है. इसका खामियाजा कोयले के व्यापार से जुड़े डियो होल्डर एवं ट्रांसपोर्टर्स को उठाना पड़ रहा है.Singrauli Protest News, Singrauli Motor Association protest,Transport of coal from mines stopped

Singrauli Protest News
हड़ताल पर मोटर एसोसिएशन
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Published : Sep 8, 2022, 12:21 PM IST

सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले को कोयले के उत्पादन की वजह से प्रदेश में उर्जा नगरी के नाम से जाना जाता है. जिले में इन दिनों कोयले का ट्रांसपोर्ट पिछले 7 दिनों से बिल्कुल ठप हो गया है, सिंगरौली मोटर एसोसिएशन द्वारा की जा रही हड़ताल है. 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन हड़ताल पर हैं. किराया घटाए जाने के विरोध को लेकर मोटर एसोसिएशन ट्रांसपोर्ट को ठप कर रखा है. जिससे कोयले का ट्रांसपोर्ट बंद है. ऐसे में कोयले के व्यापार से जुड़े डियो होल्डर एवं ट्रांसपोर्टर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है.Singrauli Protest News, Singrauli Motor Association protest

लोकल लोगों को मिलना चाहिए पहला अधिकार: जानकारी के अनुसार कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एनसीएल की खदानों में सिंगरौली मोटर एसोसिएशन 1 सितंबर 2022 से डीओ होल्डर के द्वारा 100 प्रति टन के करीब भाड़े को घटाए जाने से नाराज हैं. जिसका विरोध 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन लगातार कर रहा है और हड़ताल पर है. हड़ताल का असर कुछ ऐसा है कि सभी खदानों में ट्रांसपोर्टर्स ने अपने-अपने इच्छा से गाड़ियों को बंद कर दिया और बाहर से आए हुए ट्रांसपोर्टर एवं गाड़ी में को भी हटाने का विरोध कर रहे हैं. वहीं सिंगरौली मोटर एसोसिएशन का यह कहना है कि जो लोग यहां के निवासी हैं, सबसे पहला अधिकार उनका है. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. कमीशन के चक्कर में सारे लोगों की गाड़ियों को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन लोकल लोगों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. उसके साथ-साथ जो किराया घटाया गया है, वह जब तक डीओ होल्डर ट्रांसपोर्टर को नहीं देते तब तक गाड़ियां नहीं चलेंगी और कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा.

हड़ताल पर मोटर एसोसिएशन

Umaria Hunger Strike: रेल प्रशासन की उपेक्षा का विरोध, चंदिया में शुरू हुआ क्रमिक अनशन

हड़ताल को बेवजह बता रहे बड़े ट्रांसपोर्टर: सिंगरौली मोटर एसोसिएशन के इस हड़ताल को कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर बेवजह मान रहे हैं. उनका कहना है कि जो रेट बीते दिनों फिक्स हुआ था, वह आज डियो होल्डर दे रहे हैं और देने को तैयार हैं. बीच में इमरजेंसी का रेट बढ़ाया गया था. जिससे कोयले का काम न फंसे, सभी डीओ होल्डर ने रेट बढ़ा कर अपना काम निकाल लिया था. लेकिन यह परमानेंट रेट नहीं था, जो परमानेंट रेट है वह सभी डियो होल्डर दे रहे हैं. यहां पर हड़ताल किसी तरह से जायज नहीं है. पिछले 7 दिनों से चल रही हड़ताल बेवजह और बेबुनियाद मांगों को लेकर है. कुछ लोग ही सिंगरौली मोटर एसोसिएशन के इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. अन्यथा ज्यादातर लोग इसे गलत मांग एवं इसका विरोध कर रहे हैं. इससे हर किसी का व्यापार प्रभावित हो रहा है, जो रेट डिसाइड हुआ है उसी रेट से काम हो सकता है.

सिंगरौली मोटर एसोसिएशन जिला अध्यक्ष विनोद सिंह ने हड़ताल को लेकर जानकारी दी की 1 सितंबर से ₹100 लियो होल्डर द्वारा घटा दिया गया. जिससे गाड़ी मालिकों को नुकसान हो रहा है. सभी खदानों में कोयला ट्रांसपोर्ट ठप हो रहा है. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हड़ताल जारी रहेगा. कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा.( Singrauli Protest News) (Singrauli Motor Association protest)(Transport of coal from mines stopped)

सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले को कोयले के उत्पादन की वजह से प्रदेश में उर्जा नगरी के नाम से जाना जाता है. जिले में इन दिनों कोयले का ट्रांसपोर्ट पिछले 7 दिनों से बिल्कुल ठप हो गया है, सिंगरौली मोटर एसोसिएशन द्वारा की जा रही हड़ताल है. 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन हड़ताल पर हैं. किराया घटाए जाने के विरोध को लेकर मोटर एसोसिएशन ट्रांसपोर्ट को ठप कर रखा है. जिससे कोयले का ट्रांसपोर्ट बंद है. ऐसे में कोयले के व्यापार से जुड़े डियो होल्डर एवं ट्रांसपोर्टर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है.Singrauli Protest News, Singrauli Motor Association protest

लोकल लोगों को मिलना चाहिए पहला अधिकार: जानकारी के अनुसार कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एनसीएल की खदानों में सिंगरौली मोटर एसोसिएशन 1 सितंबर 2022 से डीओ होल्डर के द्वारा 100 प्रति टन के करीब भाड़े को घटाए जाने से नाराज हैं. जिसका विरोध 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन लगातार कर रहा है और हड़ताल पर है. हड़ताल का असर कुछ ऐसा है कि सभी खदानों में ट्रांसपोर्टर्स ने अपने-अपने इच्छा से गाड़ियों को बंद कर दिया और बाहर से आए हुए ट्रांसपोर्टर एवं गाड़ी में को भी हटाने का विरोध कर रहे हैं. वहीं सिंगरौली मोटर एसोसिएशन का यह कहना है कि जो लोग यहां के निवासी हैं, सबसे पहला अधिकार उनका है. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. कमीशन के चक्कर में सारे लोगों की गाड़ियों को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन लोकल लोगों को उसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. उसके साथ-साथ जो किराया घटाया गया है, वह जब तक डीओ होल्डर ट्रांसपोर्टर को नहीं देते तब तक गाड़ियां नहीं चलेंगी और कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा.

हड़ताल पर मोटर एसोसिएशन

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हड़ताल को बेवजह बता रहे बड़े ट्रांसपोर्टर: सिंगरौली मोटर एसोसिएशन के इस हड़ताल को कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर बेवजह मान रहे हैं. उनका कहना है कि जो रेट बीते दिनों फिक्स हुआ था, वह आज डियो होल्डर दे रहे हैं और देने को तैयार हैं. बीच में इमरजेंसी का रेट बढ़ाया गया था. जिससे कोयले का काम न फंसे, सभी डीओ होल्डर ने रेट बढ़ा कर अपना काम निकाल लिया था. लेकिन यह परमानेंट रेट नहीं था, जो परमानेंट रेट है वह सभी डियो होल्डर दे रहे हैं. यहां पर हड़ताल किसी तरह से जायज नहीं है. पिछले 7 दिनों से चल रही हड़ताल बेवजह और बेबुनियाद मांगों को लेकर है. कुछ लोग ही सिंगरौली मोटर एसोसिएशन के इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. अन्यथा ज्यादातर लोग इसे गलत मांग एवं इसका विरोध कर रहे हैं. इससे हर किसी का व्यापार प्रभावित हो रहा है, जो रेट डिसाइड हुआ है उसी रेट से काम हो सकता है.

सिंगरौली मोटर एसोसिएशन जिला अध्यक्ष विनोद सिंह ने हड़ताल को लेकर जानकारी दी की 1 सितंबर से ₹100 लियो होल्डर द्वारा घटा दिया गया. जिससे गाड़ी मालिकों को नुकसान हो रहा है. सभी खदानों में कोयला ट्रांसपोर्ट ठप हो रहा है. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हड़ताल जारी रहेगा. कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा.( Singrauli Protest News) (Singrauli Motor Association protest)(Transport of coal from mines stopped)

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