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सिंगरौली एनसीएल के विस्थापित अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे धरने पर

सिंगरौली के एनसीएल जैन परियोजना के विस्थापित अपनी एनसीएल मुख्यालय के गेट पर अपने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.

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सिंगरौली एनसीएल के विस्थापित अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे धरने पर
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Published : Feb 2, 2020, 9:51 PM IST

सिंगरौली। जिले के मेढ़ौली बार्ड क्रमांक 10 के विस्थापितों ने एनसीएल मुख्यालय के गेट पर अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिन मकानों के नाप जोख जयंत परियोजना द्वारा किया गया है उनका नोटिस और गणना पत्र तत्काल दिया जाए. जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनका भुगतान 2016 में बनी मुआवजा राशि के अनुसार किया जाए.

सिंगरौली एनसीएल के विस्थापित अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे धरने पर


दरअसल सिंगरौली के एनसीएल जैन परियोजना के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं विस्थापितों का कहना है कि आधार कार्ड और पासबुक के माध्यम से भुगतान किया जाए और दूसरे की जमीन पर बने मकानों में जमीन मालिक से सहमति लेकर भुगतान किया जाए. एनसीएल द्वारा रेट एवं कैलकुलेशन शीट विस्थापितों को न दिए जाने के कारण मुआवजा उठाते समय उन्हें अंडर प्रोटेस्ट करने का अधिकार दिया जाए. दुधीचुआ परियोजना द्वारा ग्राम मेढ़ौली की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसका रेट काफी कम दिया गया है. उसका पुनः अवलोकन किया जाए. क्योंकि कलेक्टर गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.


जयंत परियोजना के विस्थापितों के पैकेज के तहत जो फाइल 18 दिसंबर 2019 लास्ट डेट बता कर लगवाई गई है उनका तत्काल जॉइनिंग दिया जाए. क्योंकि एनसीएल द्वारा समस्त कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी. इसलिए उन्होंने पैकेज डेट पर फाइल की अंतिम तिथि 18 दिसंबर किया था. एनसीएल में जमीन के एवज में नौकरी पैकेज डील के तहत सन 1982 में अधिग्रहित जमीन सन 1998 में अधिग्रहित जमीन और सन 2010 में अधिग्रहित जमीनों को पैकेज डेट के तहत लगाया गया है. ऐसे में बहुत सारे विस्थापितों का पहले ही कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा है और अब आगे इंतजार नहीं कर सकते.

सिंगरौली। जिले के मेढ़ौली बार्ड क्रमांक 10 के विस्थापितों ने एनसीएल मुख्यालय के गेट पर अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिन मकानों के नाप जोख जयंत परियोजना द्वारा किया गया है उनका नोटिस और गणना पत्र तत्काल दिया जाए. जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनका भुगतान 2016 में बनी मुआवजा राशि के अनुसार किया जाए.

सिंगरौली एनसीएल के विस्थापित अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे धरने पर


दरअसल सिंगरौली के एनसीएल जैन परियोजना के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं विस्थापितों का कहना है कि आधार कार्ड और पासबुक के माध्यम से भुगतान किया जाए और दूसरे की जमीन पर बने मकानों में जमीन मालिक से सहमति लेकर भुगतान किया जाए. एनसीएल द्वारा रेट एवं कैलकुलेशन शीट विस्थापितों को न दिए जाने के कारण मुआवजा उठाते समय उन्हें अंडर प्रोटेस्ट करने का अधिकार दिया जाए. दुधीचुआ परियोजना द्वारा ग्राम मेढ़ौली की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसका रेट काफी कम दिया गया है. उसका पुनः अवलोकन किया जाए. क्योंकि कलेक्टर गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.


जयंत परियोजना के विस्थापितों के पैकेज के तहत जो फाइल 18 दिसंबर 2019 लास्ट डेट बता कर लगवाई गई है उनका तत्काल जॉइनिंग दिया जाए. क्योंकि एनसीएल द्वारा समस्त कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी. इसलिए उन्होंने पैकेज डेट पर फाइल की अंतिम तिथि 18 दिसंबर किया था. एनसीएल में जमीन के एवज में नौकरी पैकेज डील के तहत सन 1982 में अधिग्रहित जमीन सन 1998 में अधिग्रहित जमीन और सन 2010 में अधिग्रहित जमीनों को पैकेज डेट के तहत लगाया गया है. ऐसे में बहुत सारे विस्थापितों का पहले ही कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा है और अब आगे इंतजार नहीं कर सकते.

Intro:सिंगरौली -जिले के मेढ़ौली बार्ड क्रमांक 10 के विस्थापितों ने एनसीएल मुख्यालय के गेट पर अपने 8 सूत्री मांगों को लेकर पांच दिन से धरना प्रदर्शन करते आए विस्थापितों का कहना है कि जिन मकानों के नाप जोख जयंत परियोजना द्वारा किया गया है उनका नोटिस और गणना पत्र तत्काल दिया जाए जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनका भुगतान 2016 में बनी मुआवजा राशि के अनुसार किया जाए Body:दरअसल सिंगरौली जिले के एनसीएल जैन परियोजना के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं वही विस्थापितों का कहना है कि आधार कार्ड और पासबुक के माध्यम से भुगतान किया जाए और दूसरे के जमीन पर बने मकानों में जमीन मालिक से सहमति लेकर भुगतान किया जाए एनसीएल द्वारा रेट एवं कैलकुलेशन शीट विस्थापितों को न दिए जाने के कारण मुआवजा उठाते समय उन्हें अंडर प्रोटेस्ट करने का अधिकार दिया जाए दुधीचुआ परियोजना द्वारा ग्राम मेढ़ौली की जमीन का अधिग्रहण किया गया है जिसका रेट काफी कम दिया गया है जिसका पुनः अवलोकन किया जाए क्योंकि कलेक्टर गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है जयंत परियोजना के विस्थापितों के पैकेज के तहत जो फाइल 18 दिसंबर 2019 लास्ट डेट बता कर लगवाई गई है उनका तत्काल जॉइनिंग दिया जाए क्योंकि एनसीएल द्वारा समस्त कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी इसलिए उन्होंने पैकेज डेट पर फाइल की अंतिम तिथि 18 दिसंबर अन्तिम तिथि किया था क्योंकि जमीन के एवज में नौकरी लेने की कोई तिथि नहीं होती है एनसीएल में जमीन के एवज में नौकरी पैकेज डील के तहत सन् 1982 में अधिग्रहित जमीन सन 1998 में अधिग्रहित जमीन और सन 2010 में अधिग्रहित जमीनों को पैकेज डे ट के तहत लगाया गया है ऐसे में बहुत सारे विस्थापितों का पहले ही कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा है और अब आगे इंतजार नहीं कर सकते इसलिए इन्हें तत्काल जॉइनिंग दिया जाए जयंत परियोजना के समस्त विस्थापितों का जमीन एवं परिसंपत्तियों का समस्त मुआवजा भुगतान 1 महीने के अंदर किया जाए 1- वाइट -विस्थापित राम भरोसेConclusion:
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