सिंगरौली। जिले के मेढ़ौली बार्ड क्रमांक 10 के विस्थापितों ने एनसीएल मुख्यालय के गेट पर अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिन मकानों के नाप जोख जयंत परियोजना द्वारा किया गया है उनका नोटिस और गणना पत्र तत्काल दिया जाए. जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनका भुगतान 2016 में बनी मुआवजा राशि के अनुसार किया जाए.
दरअसल सिंगरौली के एनसीएल जैन परियोजना के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं विस्थापितों का कहना है कि आधार कार्ड और पासबुक के माध्यम से भुगतान किया जाए और दूसरे की जमीन पर बने मकानों में जमीन मालिक से सहमति लेकर भुगतान किया जाए. एनसीएल द्वारा रेट एवं कैलकुलेशन शीट विस्थापितों को न दिए जाने के कारण मुआवजा उठाते समय उन्हें अंडर प्रोटेस्ट करने का अधिकार दिया जाए. दुधीचुआ परियोजना द्वारा ग्राम मेढ़ौली की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसका रेट काफी कम दिया गया है. उसका पुनः अवलोकन किया जाए. क्योंकि कलेक्टर गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.
जयंत परियोजना के विस्थापितों के पैकेज के तहत जो फाइल 18 दिसंबर 2019 लास्ट डेट बता कर लगवाई गई है उनका तत्काल जॉइनिंग दिया जाए. क्योंकि एनसीएल द्वारा समस्त कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी. इसलिए उन्होंने पैकेज डेट पर फाइल की अंतिम तिथि 18 दिसंबर किया था. एनसीएल में जमीन के एवज में नौकरी पैकेज डील के तहत सन 1982 में अधिग्रहित जमीन सन 1998 में अधिग्रहित जमीन और सन 2010 में अधिग्रहित जमीनों को पैकेज डेट के तहत लगाया गया है. ऐसे में बहुत सारे विस्थापितों का पहले ही कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा है और अब आगे इंतजार नहीं कर सकते.