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सिंगरौली: अपना घर होते हुए भी किराए के मकान में रह रहे हैं लोग, जानें क्या है वजह

सिंगरौली जिले के अम्लोरी में रिलायंस कोल माइंस के द्वारा कई लोगों की जमीनों का नाही भू अर्जन किया गया नाहीं लोगों को मुआवजा दिया गया. जिससे लोग किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं.

रिलायंस कोल माइंस के चलते लोगों के घरों में घुसी मिट्टी
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Published : Jun 21, 2019, 10:22 AM IST

Updated : Jun 21, 2019, 1:45 PM IST


सिंगरौली। लगभग 10 साल रिलायंस कोल माइन्स को काम करते हुए बीत जाने के बाद भी अम्लोरी गांव के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अम्लोरी के कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी जमीन और घरों में मिट्टी का ढेर लगा हुआ जिससे लोग दूसरों के घरों में रहने को मजबूर हैं.


दरअसल, सिंगरौली जिले के अम्लोरी में रिलायंस कोल माइंस के द्वारा कई लोगों की जमीनों का नाही भू अर्जन किया गया नाहीं लोगों को मुआवजा दिया गया. इसके बावजूद भी लोगों के घरों के पास डंपिंग कर मिट्टी का पहाड़ बना दिया गया. जिससे लोगों का अपने घरों में रहना मुहाल हो गया है. वहां के लोगों के घरों में 5 से 6 फिट मिट्टी भर गई. जो भी उनके पास अपना जीवन यापन करने के लिए जमीन थी. उसमें पूरी मिट्टी की परत जम गई जिससे लोगों को खेती करने के लायक जमीन भी नहीं बची.

रिलायंस कोल माइंस के चलते लोगों के घरों में घुसी मिट्टी


⦁ शिकायत करने के बाद 5 हजार प्रतिमाह मिलता था भाड़ा
⦁ मिट्टी हटाने का दिया गया था आश्वासन
⦁ 1 साल बाद भी न तो न तो मिट्टी हटवाई गयी न ही भाड़ा दिया जा रहा.
⦁ किराए के घर में रहने को मजबूर लोग
⦁ जिला कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई सुनवाई
⦁ जांच करवा कर रिलायंस कंपनी से दिलाया जाएगा पैसा- कलेक्टरॉ


सिंगरौली। लगभग 10 साल रिलायंस कोल माइन्स को काम करते हुए बीत जाने के बाद भी अम्लोरी गांव के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अम्लोरी के कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी जमीन और घरों में मिट्टी का ढेर लगा हुआ जिससे लोग दूसरों के घरों में रहने को मजबूर हैं.


दरअसल, सिंगरौली जिले के अम्लोरी में रिलायंस कोल माइंस के द्वारा कई लोगों की जमीनों का नाही भू अर्जन किया गया नाहीं लोगों को मुआवजा दिया गया. इसके बावजूद भी लोगों के घरों के पास डंपिंग कर मिट्टी का पहाड़ बना दिया गया. जिससे लोगों का अपने घरों में रहना मुहाल हो गया है. वहां के लोगों के घरों में 5 से 6 फिट मिट्टी भर गई. जो भी उनके पास अपना जीवन यापन करने के लिए जमीन थी. उसमें पूरी मिट्टी की परत जम गई जिससे लोगों को खेती करने के लायक जमीन भी नहीं बची.

रिलायंस कोल माइंस के चलते लोगों के घरों में घुसी मिट्टी


⦁ शिकायत करने के बाद 5 हजार प्रतिमाह मिलता था भाड़ा
⦁ मिट्टी हटाने का दिया गया था आश्वासन
⦁ 1 साल बाद भी न तो न तो मिट्टी हटवाई गयी न ही भाड़ा दिया जा रहा.
⦁ किराए के घर में रहने को मजबूर लोग
⦁ जिला कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई सुनवाई
⦁ जांच करवा कर रिलायंस कंपनी से दिलाया जाएगा पैसा- कलेक्टरॉ

Intro:सिंगरौली जिले मैं लगभग 10 वर्ष रिलायंस कोल माइन्स को कार्य करते हुए बीत जाने के बाद भी अम्लोरी गांव के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है अम्लोरी के कई लोग ऐसे भी हैं जिनका ना तो जमीन भू अर्जन की गई है . इसके बाद भी उनकी जमीन और घरों में मिट्टी का ढेर लगा हुआ जिसे दूसरों के घरों में धरने को हुई मजबूर


Body:दरअसल सिंगरौली जिले के अम्लोरी मैं रिलायंस कोल माइंस के द्वारा कई लोगों की जमीनों का नाही भू अर्जन किया गया नहीं लोगों को मुआवजा दिया गया इसके बावजूद भी लोगों के घरों के पास डंपिंग कर मिट्टी का पहाड़ बना दिया गया जिससे लोगों को लगाओ 3 वर्ष से लोगों को रहना मुश्किल हो गया वहां के लोगों के घरों में 5 से 6 फिट मिट्टी भर गई जो भी उनके पास अपना जीवन यापन करने के लिए जमीन थी उसमें पूरे में 5 से 6 फीट मिट्टी की परत जम गई जिससे लोगों को खेती करने के लायक जमीन भी नहीं बची


वही ग्रामीणों का कहना है कि रिलायंस कोल माइन्स हमारे घर और जमीन के पास अपनी कोल माइन से खोदकर मिट्टी का ढेर लगाया जो बरसात के समय में बढ़कर हमारे घरों में घुस गई जिससे हम लोग अपना घर छोड़कर दूसरे के घर में किराए पर रहने को मजबूर हैं जिसको लेकर जिला जिला कलेक्ट्रेट में शिकायत के पश्चात हमें ₹5000 प्रतिमाह दूसरे के घर में रहने का भाड़ा मिलता था और बोला गया था कि आपके खेती करने वाले जमीन के ऊपर से मिट्टी हटवा दिया जाएगा 1 वर्ष बीत जाने के बाद हम लोगों को नहीं भाड़ा मिलता है और ना ही हमारे जमीन से मिट्टी हटाया गया उसी जमीन से खेती कर अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण भी हम लोग करते थे वही कई बार जिला कलेक्टर के पास शिकायत भी की है लेकिन आज तक कोई सुनने वाला नहीं है



वही अपर कलेक्टर रिजु बाफना का कहना है कि इसके पूर्व में इन्हें जरूर मिलता था अभी बंद हो गया है और जांच करवा कर रिलायंस कंपनी द्वारा पैसा दिलवाए जाएगा


बाइट अपर कलेक्टर रीजू बाफना

पीड़ित परिवार



Conclusion:
Last Updated : Jun 21, 2019, 1:45 PM IST
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