सिंगरौली। प्रदेश सरकार भले ही स्कूलों में मिड-डे मील देकर छात्र-छात्राओं को स्कूल तक लाने-रिझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यही मिड-डे मील मुसीबत का सबब बना हुआ है. जिले के चितरंगी तहसील में एक स्कूल ऐसा है, जहां टीचर पढ़ाई के साथ-साथ मिड-डे मील भी बनाते हैं.
दरअसल जिले की चितरंगी तहसील की शासकीय माध्यमिक पाठशाला दादर, प्रदेश सरकार के अंतर्गत आती है. यहां शिक्षक ही बच्चों को मध्याह्न भोजन बनाकर खिलाते हैं. जहां एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था और देश का भविष्य बनाने का दावा करती है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है.
इस स्कूल में सौ से भी कम बच्चों का दाखिला हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में बच्चों को गांव से बुलाना पड़ता है. स्कूल की शिक्षा भी गुणवत्ता विहीन है. यही वजह है कि जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं.
वहीं, स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि चितरंगी ब्लॉक के किसी भी स्कूल में यूनिफॉर्म वितरण नहीं हुआ है. यह एनजीओ के माध्यम से वितरित किया जाता है. इस मामले की जानकारी कई बार अधिकारियों को दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.