सिंगरौली। प्रदेश सरकार जहां एक तरफ किसानों के हित की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन किसानों की परेशानियों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. जिले के माड़ा तहसील के कोयलखुथ सरकारी समिति द्वारा किसानों का गेहूं लिए 4 महीने बीत चुके हैं, लेकिन किसान पैसे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है.
सरकारी समिति से नहीं मिले गेहूं के पैसे, किसान दर-दर भटकने को मजबूर
जिले में सरकारी समिति द्वारा किसानों से 4 महीने पहले ही गेहूं ले लिए गए थे, जिसके लिए समिति ने 26 हजार रुपए का चेक भी दिया था, लेकिन अभी तक उन्हें पैसों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.
सरकारी समिति से नहीं मिले गेहूं के पैसे
सिंगरौली। प्रदेश सरकार जहां एक तरफ किसानों के हित की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन किसानों की परेशानियों की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. जिले के माड़ा तहसील के कोयलखुथ सरकारी समिति द्वारा किसानों का गेहूं लिए 4 महीने बीत चुके हैं, लेकिन किसान पैसे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है.
Intro:सिंगरौली मध्य प्रदेश सरकार एक तरफ किसानों की हित की बात करती है वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन के द्वारा किसानों का कोई सुनवाई नहीं हो रही है जिले के माड़ा तहसील के कोयलखुथ समिति के द्वारा किसानों का गेहूं लिए 4 महीने बीत जाने के बाद भी किसान पैसे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं
Body:दरअसल सिंगरौली जिले के मारा तहसील माला के कोयल खुद सरकारी समिति के द्वारा किसानों का गेहूं खरीदने के बाद किसानों को पैसे के नाम पर समिति प्रबंधक राधेश्याम शाह के द्वारा किसानों को चेक दिया गया है जिसको लेकर किसान द्वारा बैंक में कई बार जाने के बाद बैंकों में कहा जाता है कि इस खाते में पैसा नहीं
वही किसान ललिता प्रसाद बैंस का कहना है कि समिति में गेहूं देने के बाद राधेश्याम समिति प्रबंधक के द्वारा ₹ 26 हजार का चेक दिया गया जिसको लेकर बैंक में जाते हैं तो बैंक द्वारा बताया गया कि खाते में पैसे नहीं है इसके बाद कई बार जिला प्रशासन के पास शिकायत करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा कहा जाता है कि 1 हफ्ते के अंदर आपका पैसा दिया जाएगा पर आज तक हमारे गेहूं का पैसा नहीं मिला
बाइट किसान ललिता बेस
Conclusion:
Body:दरअसल सिंगरौली जिले के मारा तहसील माला के कोयल खुद सरकारी समिति के द्वारा किसानों का गेहूं खरीदने के बाद किसानों को पैसे के नाम पर समिति प्रबंधक राधेश्याम शाह के द्वारा किसानों को चेक दिया गया है जिसको लेकर किसान द्वारा बैंक में कई बार जाने के बाद बैंकों में कहा जाता है कि इस खाते में पैसा नहीं
वही किसान ललिता प्रसाद बैंस का कहना है कि समिति में गेहूं देने के बाद राधेश्याम समिति प्रबंधक के द्वारा ₹ 26 हजार का चेक दिया गया जिसको लेकर बैंक में जाते हैं तो बैंक द्वारा बताया गया कि खाते में पैसे नहीं है इसके बाद कई बार जिला प्रशासन के पास शिकायत करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा कहा जाता है कि 1 हफ्ते के अंदर आपका पैसा दिया जाएगा पर आज तक हमारे गेहूं का पैसा नहीं मिला
बाइट किसान ललिता बेस
Conclusion: