सिंगरौली । नवरात्रि के चौथा दिन दुर्गा मां के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का चौथा रुप बहुत ही सौम्य है. सूर्यलोक में मां कुष्मांडा देवी का निवास पाया जाता है और इस दिन मां सिंह पर सवार होती है.
मां कुष्मांडा के रुप की बात कि जाए तो 8 भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा शास्त्र धारण की रहती हैं. वही मां कुष्मांडा की आराधना करने वालों को सिद्धियों, निधियों, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है. पंडित कृष्णा दुबे ने बताया कि मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी रोग-शोक दूर होते हैं, ही दीर्घ आयु और यश की प्राप्ति होती है. मां के मस्तक में सूर्य के जैसे तेजस्वी होती है. मां कुष्मांडा सिंह पर विराजती हैं और उनके गले में लाल फूलों की माला रहती है. इस तरह करें मां को प्रशन्ननवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. पूजा में विधि विधान और साफ-सफाई का खासा ध्यान रखें.