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नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा देवी की होती है आराधना, इस तरह करें प्रशन्न - goddess kushmanda

नवरात्रि के चौथा दिन होती है मां दुर्गा के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा, मां कुष्मांडा की आराधना करने वालों को सिद्धियों, निधियों, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है.

नवरात्रि के चौथा दिन होती है मां दुर्गा के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा
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Published : Oct 2, 2019, 5:38 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:34 PM IST

सिंगरौली । नवरात्रि के चौथा दिन दुर्गा मां के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का चौथा रुप बहुत ही सौम्य है. सूर्यलोक में मां कुष्मांडा देवी का निवास पाया जाता है और इस दिन मां सिंह पर सवार होती है.

नवरात्रि के चौथा दिन होती है मां दुर्गा के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा

मां कुष्मांडा के रुप की बात कि जाए तो 8 भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा शास्त्र धारण की रहती हैं. वही मां कुष्मांडा की आराधना करने वालों को सिद्धियों, निधियों, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है. पंडित कृष्णा दुबे ने बताया कि मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी रोग-शोक दूर होते हैं, ही दीर्घ आयु और यश की प्राप्ति होती है. मां के मस्तक में सूर्य के जैसे तेजस्वी होती है. मां कुष्मांडा सिंह पर विराजती हैं और उनके गले में लाल फूलों की माला रहती है. इस तरह करें मां को प्रशन्ननवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. पूजा में विधि विधान और साफ-सफाई का खासा ध्यान रखें.

सिंगरौली । नवरात्रि के चौथा दिन दुर्गा मां के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का चौथा रुप बहुत ही सौम्य है. सूर्यलोक में मां कुष्मांडा देवी का निवास पाया जाता है और इस दिन मां सिंह पर सवार होती है.

नवरात्रि के चौथा दिन होती है मां दुर्गा के कुष्मांडा देवी रूप की पूजा

मां कुष्मांडा के रुप की बात कि जाए तो 8 भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा शास्त्र धारण की रहती हैं. वही मां कुष्मांडा की आराधना करने वालों को सिद्धियों, निधियों, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है. पंडित कृष्णा दुबे ने बताया कि मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी रोग-शोक दूर होते हैं, ही दीर्घ आयु और यश की प्राप्ति होती है. मां के मस्तक में सूर्य के जैसे तेजस्वी होती है. मां कुष्मांडा सिंह पर विराजती हैं और उनके गले में लाल फूलों की माला रहती है. इस तरह करें मां को प्रशन्ननवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए लाल रंग के फूल चढ़ाएं. इसके साथ ही फल में लाल सेब चढ़ाएं. पूजा में विधि विधान और साफ-सफाई का खासा ध्यान रखें.

Intro:नवरात्रि के चौथा दिन मां कुष्मांडा देवी की करे उपासना
सिंगरौली आज नवरात्रि का चौथा दिन है और इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है मां कुष्मांडा का रूप बहुत ही सौम्य है कुष्मांडा देवी मां का निवास सूर्यलोक में होता है पंडितों की माने तो इस दिन मां सिंह पर सवार होती है और 8भुजाओं वाली माता कुष्मांडा अलग-अलग हाथों में अलग-अलग शास्त्र धारण की रहती हैं कहते हैं कि मां कुष्मांडा की आराधना करने वाले सिद्धियों निधियों और उसको शो में शांति और वैभव की प्राप्ति होती हैBody:पंडित कृष्णा दुबे ने बताया कि मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी रोग शोक दूर हो कर आयु एस की प्राप्ति होती है और हैं मा की पूजा अर्चना से मां भक्तों को सभी रोगो हर लेती ह। इनके मस्तक में सूर्य के जैसे तेजस्वी होती है, इसीलिए इन्हें जाता है। मां कुष्मांडा सिंह पर विराजती हैं। मां कुष्मांडा देवी का स्वरूप सूर्य के समान तेजस्वी है। देवी मां की 8भुजाएं हैं और 8 हाथों में खड्ग, बाण कमल धनुष है। मां कुष्मांडा के गले में लाल फूलों की माला रहती है।


मां कुष्मांडा का पूजा अर्चना में साफ सफाई और विधि विधान से करना चाहिए अगर पंडित से पूजा करवा रहे हैं तो उन्हें पूजा के बाद दक्षिणा देकर पैर पड़ना चाहिए ताकि जीवन में सौम्यता आ सकें।


बाइट पंडित श्री कृष्णा दुबेConclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:34 PM IST
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