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सिंगरौली: एनसीएल में लापरवाही के चलते लगी आग, करोड़ों की मशीन जलकर खाक

सिंगरौली के एनसीएल क्षेत्र के बीना एनसीएल खदान में अचानक करोड़ों रुपए की 'टाटा हीटैची' हाड्रोलिक साबेल मशीन में आग लग गई, जिसमें देखते ही देखते करोड़ों की हाइड्रोलिक साबेल मशीन जलकर खाक हो गई.

Fire in hydraulic sabel machine in NCL
एनसीएल में हाड्रोलिक साबेल मशीन में लगी आग
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Published : Aug 19, 2020, 12:34 AM IST

सिंगरौली। एनसीएल क्षेत्र के बीना परियोजना के खदान में परियोजना प्रबंधन की फिर से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. बीना एनसीएल खदान में अचानक करोड़ों रुपए की 'टाटा हीटैची' हाड्रोलिक साबेल मशीन में आग लग गई. मौके पर स्थिति को देख अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में अग्निशामक मशीनें मंगवाईं गईं. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और देखते ही देखते करोड़ों की हाइड्रोलिक साबेल मशीन जलकर खाक हो गई.

एनसीएल में हाड्रोलिक साबेल मशीन में लगी आग

एनसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते खदानों में लगातार दुर्घनाएं हो रहीं हैं. जिसे रोक पाने में एनसीएल प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है. बता दें कि कोल परियोजनाओं के खदानों में सुरक्षा उपायों को लेकर बरती जा रही लापरवाही के कारण हादसे दर हादसे होते जा रहे हैं.एनसीएल के खदानों में इस साल काफी दुर्घटनाएं हुईं हैं.

पिछले छह महीनों के अंदर अमलोरी, जयंत, गोरबी ब्लॉक बी और बीना ककरी परियोजना के कोयला खदानों में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. फिर भी प्रबन्धन की आंखे नहीं खुलीं. जिस तरह लगातार एनसीएल खदानों में दुर्घटनाएं हो रही हैं. करोड़ों की इस तरह की मशीनें जलकर खाक हो रही हैं, कहीं ना कहीं एनसीएल के उच्च प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी से नहीं निभा रहा है.

सिंगरौली। एनसीएल क्षेत्र के बीना परियोजना के खदान में परियोजना प्रबंधन की फिर से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. बीना एनसीएल खदान में अचानक करोड़ों रुपए की 'टाटा हीटैची' हाड्रोलिक साबेल मशीन में आग लग गई. मौके पर स्थिति को देख अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में अग्निशामक मशीनें मंगवाईं गईं. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और देखते ही देखते करोड़ों की हाइड्रोलिक साबेल मशीन जलकर खाक हो गई.

एनसीएल में हाड्रोलिक साबेल मशीन में लगी आग

एनसीएल प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते खदानों में लगातार दुर्घनाएं हो रहीं हैं. जिसे रोक पाने में एनसीएल प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है. बता दें कि कोल परियोजनाओं के खदानों में सुरक्षा उपायों को लेकर बरती जा रही लापरवाही के कारण हादसे दर हादसे होते जा रहे हैं.एनसीएल के खदानों में इस साल काफी दुर्घटनाएं हुईं हैं.

पिछले छह महीनों के अंदर अमलोरी, जयंत, गोरबी ब्लॉक बी और बीना ककरी परियोजना के कोयला खदानों में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. फिर भी प्रबन्धन की आंखे नहीं खुलीं. जिस तरह लगातार एनसीएल खदानों में दुर्घटनाएं हो रही हैं. करोड़ों की इस तरह की मशीनें जलकर खाक हो रही हैं, कहीं ना कहीं एनसीएल के उच्च प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी से नहीं निभा रहा है.

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