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सिंगरौली: आरटीओ विभाग बना दलालों का अड्डा, बिना रिश्वत नहीं बनते गाड़ियों के कागजात

जिले का आरटीओ विभाग बना दलालों का अड्डा, लोगों का कहना है कि विभाग में काम कराने के लिए रिश्वत या दलालों को कमीशन देना पड़ता है.

आरटीओ विभाग
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Published : Feb 20, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Feb 20, 2019, 3:33 PM IST

सिंगरौली। जिले का आरटीओ विभाग दलालों का अड्डा बनकर रह गया है. लोगों का कहना है कि विभाग में काम कराने के लिए रिश्वत या दलालों को कमीशन देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि उन्हें काम कराने के लिए 2 से 3 हजार तक चुकाने पड़ते हैं.

सिंगरौली
आरटीओ विभाग

लोगों ने कहा कि लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की फिटनेस संबंधित दस्तावेज बनाने के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि विभाग के अधिकारी इसे बनाते ही नहीं है. दरअसल सिंगरौली में आरटीओ विभाग का ऑफिस है, जहां जिले भर के लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के फिटनेस सहित तमाम कागजात बनवाने आते हैं. लेकिन उनका काम बिना 2-3 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च किए नहीं होता.

आरटीओ विभाग

बड़ी बात यह है कि यह सब आरटीओ विभाग के अधिकारी के नाक के नीचे हो रहा है. यहीं पर आरटीओ विभाग के जिला अधिकारी डीके दुबे का दफ्तर भी है. कई लोगों के द्वारा इस बात की शिकायत भी की गई, लेकिन इसके बावजूद दलालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. लोगों का कहना है कि आरटीओ विभाग में खुद जाकर कोई काम करवाना चाहे, तो भी ये नहीं हो पाता है. यही वजह है कि दलालों को पैसा देकर काम करवाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है.

सिंगरौली। जिले का आरटीओ विभाग दलालों का अड्डा बनकर रह गया है. लोगों का कहना है कि विभाग में काम कराने के लिए रिश्वत या दलालों को कमीशन देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि उन्हें काम कराने के लिए 2 से 3 हजार तक चुकाने पड़ते हैं.

सिंगरौली
आरटीओ विभाग

लोगों ने कहा कि लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की फिटनेस संबंधित दस्तावेज बनाने के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि विभाग के अधिकारी इसे बनाते ही नहीं है. दरअसल सिंगरौली में आरटीओ विभाग का ऑफिस है, जहां जिले भर के लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के फिटनेस सहित तमाम कागजात बनवाने आते हैं. लेकिन उनका काम बिना 2-3 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च किए नहीं होता.

आरटीओ विभाग

बड़ी बात यह है कि यह सब आरटीओ विभाग के अधिकारी के नाक के नीचे हो रहा है. यहीं पर आरटीओ विभाग के जिला अधिकारी डीके दुबे का दफ्तर भी है. कई लोगों के द्वारा इस बात की शिकायत भी की गई, लेकिन इसके बावजूद दलालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. लोगों का कहना है कि आरटीओ विभाग में खुद जाकर कोई काम करवाना चाहे, तो भी ये नहीं हो पाता है. यही वजह है कि दलालों को पैसा देकर काम करवाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है.

Intro:सिंगरौली जिले का आरटीओ विभाग दलालों का अड्डा बन कर रह गया यहां लगातार आरटीओ विभाग में दलालों की सक्रियता बढ़ती जा रही है लोगों का कहना है कि जो काम आरटीओ फीस से होना चाहिए उसके लिए 2 से 3000 चुकाने पड़ते हैं लर्निंग लाइसेंस ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी का फिटनेस तमाम कागजात बिना दलालों के सहयोग से नहीं बन सकते क्योंकि विभाग के अधिकारी बनाते ही नहीं है


Body:दरअसल सिंगरौली जिले के सिंगरौली तहसील में आरटीओ विभाग है यहां पर जिले भर के लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी के फिटनेस सहित तमाम कागजात बनवाने आते हैं लेकिन यहां के दलालों की सक्रियता इस तरह बढ़ती हुई है कि उन लोगों का एक भी काम बिना दलालों के सहयोग का नहीं हो पाता यही वजह है कि लर्निंग लाइसेंस ड्राइविंग लाइसेंस में आज हम 400 से 500 पीस में बनाया जाता है लेकिन इसके एवज में उन्हें 2 से 3000 चुकाने पड़ रहे हैं लेकिन आरटीओ विभाग की लापरवाही और लचर पचर व्यवस्था के चलते यहां के लोग बेहद परेशान हो रहे हैं



बड़ी बात यह है कि यह सब आरटीओ विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी के नाक के नीचे हो रहा है यहीं पर आरटीओ विभाग के जिला अधिकारी डीके दुबे का दफ्तर भी है कई लोगों ने कई बार शिकायत भी की लेकिन इन सब के बावजूद सुनने वाला कोई नहीं है ना ही दलालों के खिलाफ कार्यवाही करने वाला मीडिया और आम जनता के द्वारा कई बार दलालों की बढ़ती सक्रियता पर ध्यान आकर्षित कराने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई आरटीओ विभाग में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने आने वाले लोगों का कहना है कि आरटीओ विभाग में खुद जाकर कोई काम करवाना चाहे तो नहीं हो पाता है यही वजह है कि दलालों को पैसा देकर काम करवाना पड़ता है लेकिन विभाग का कोई अधिकारी शिकायत के बावजूद भी नहीं सुनता है लेकिन अब देखना होगा कि जिला में लगातार बढ़ रहे दलालों की सक्रियता को लेकर जिला आरटीओ अधिकारी या प्रदेश सरकार के आला अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं


Conclusion:
Last Updated : Feb 20, 2019, 3:33 PM IST
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