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मनरेगा में धड़ल्ले से हो रहा जेसीबी से काम, जिला कलेक्टर ने दिए ये निर्देश - मनरेगा में मजदूरों को नहीं मिला उनका हक

मध्यप्रदेश के सीधी जिले के ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत चल रहे तालाब निर्माण कार्यों में पंचायत कर्मियों द्वारा श्रमिकों का रोजगार छीनकर JCB मशीनों से काम कराया जा रहा है. जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किया है कि मनरेगा में अगर मशीन से काम होगा तो जिम्मेदार लोगों की नौकरी तक जा सकती है.

Use of JCB in MNREGA
मनरेगा में जेसीबी का उपयोग
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Published : Jun 3, 2020, 3:41 AM IST

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत चल रहे तालाब निर्माण कार्यों में पंचायत कर्मियों द्वारा श्रमिकों का रोजगार छीनकर JCB मशीनों से काम कराया जा रहा है. दरअसल सीधी के ग्राम पंचायत पड़रा में जहां लाखों की लागत से बन रहा तालाब महज पांच दिनों के बनकर तैयार हो गया है. जिसकी शिकायत करने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करने की बात कही है.

मनरेगा में जेसीबी का उपयोग

बता दें कि सीधी में मनरेगा के तहत प्रशासन दावा करता है कि 20 हजार मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान गांव-गांव में रोजगार दिया गया है. वहीं ग्रामीण इलाकों में अधिकतर लोग रात के अंधेरे में JCB मशीन से पंचायत कर्मियों द्वारा तालाब में काम कराया जाता है. और दिखावा करने के लिये श्रमिकों को दिन में लगाकर काम कराया जाता है. ग्रामीणों के शिकायत के बाद सीधी SDM ने JCB मशीन को जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

इस पूरे मामले में कलेक्टर का कहना है कि मनरेगा में मशीनों से काम कराने का मामला सामने आया था. अब तक चार मशीनें जब्त हो चुकी है. साथ ही CEO जनपद इंजीनियर ग्राम पंचायत अमले को सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर मनरेगा में मशीनों से काम होगा तो उनकी नौकरी जाएगी. बहरहाल सीधी जिले के दूरदराज गांव में आज भी मनरेगा के तहत मशीनों से काम लिया जाता है, विरोध करने पर दबंग सरपंच और पंयाचत सचिव मामले को दबा देते हैं. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन मजदूरों के हक को ध्यान रखते हुए क्या कदम उठाता है.

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत चल रहे तालाब निर्माण कार्यों में पंचायत कर्मियों द्वारा श्रमिकों का रोजगार छीनकर JCB मशीनों से काम कराया जा रहा है. दरअसल सीधी के ग्राम पंचायत पड़रा में जहां लाखों की लागत से बन रहा तालाब महज पांच दिनों के बनकर तैयार हो गया है. जिसकी शिकायत करने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करने की बात कही है.

मनरेगा में जेसीबी का उपयोग

बता दें कि सीधी में मनरेगा के तहत प्रशासन दावा करता है कि 20 हजार मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान गांव-गांव में रोजगार दिया गया है. वहीं ग्रामीण इलाकों में अधिकतर लोग रात के अंधेरे में JCB मशीन से पंचायत कर्मियों द्वारा तालाब में काम कराया जाता है. और दिखावा करने के लिये श्रमिकों को दिन में लगाकर काम कराया जाता है. ग्रामीणों के शिकायत के बाद सीधी SDM ने JCB मशीन को जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

इस पूरे मामले में कलेक्टर का कहना है कि मनरेगा में मशीनों से काम कराने का मामला सामने आया था. अब तक चार मशीनें जब्त हो चुकी है. साथ ही CEO जनपद इंजीनियर ग्राम पंचायत अमले को सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर मनरेगा में मशीनों से काम होगा तो उनकी नौकरी जाएगी. बहरहाल सीधी जिले के दूरदराज गांव में आज भी मनरेगा के तहत मशीनों से काम लिया जाता है, विरोध करने पर दबंग सरपंच और पंयाचत सचिव मामले को दबा देते हैं. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन मजदूरों के हक को ध्यान रखते हुए क्या कदम उठाता है.

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