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अजय सिंह और रीति पाठक में दिख रही कांटे की टक्कर, 'सीधी में टेढ़ी है दोनों प्रत्याशियों की राह'

सीधी लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी-कांग्रेस में मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीधी में बहुत समस्यायें है, इसलिए इस बार क्षेत्र को ऐसा सांसद मिले जो यहां की समस्यायों को दूर करने का काम करे.

कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक
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Published : Apr 13, 2019, 6:07 PM IST

सीधी। विंध्य अंचल की सीधी लोकसभा सीट चुनावी समर में सूबे की हाईप्रोफाइल सीट बनकर उभरी है. सीधी में बीजेपी की वर्तमान सांसद रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह से है. सीधी संसदीय क्षेत्र के लोगों का मानना है कि इस बार दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा हो सकता है.

लोगों का कहना है कि सीधी संसदीय क्षेत्र सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा स्वास्थ्य जैसी सभी समस्यायों से घिरा हुआ है, जबकि क्षेत्र में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. सांसद रीति पाठक के कामों से स्थानीय खुश लोग नजर नहीं आते हैं. सीधी में आए एक ग्रामीण बुजुर्ग कहते हैं कि पिछले कई सालों उनके गांव में सड़क नहीं है. अन्य मतदाता भी यही कहते नजर आते हैं कि सीधी संसदीय क्षेत्र की सड़कें आज भी 25 साल पुरानी ही नजर आती हैं.

सीधी संसदीय सीट पर बीजेपी कांग्रेस में दिख रही कांटे की टक्कर

विकास के मुद्दों के साथ-साथ सीधी में जातिगत राजनीति का बोलबाला भी माना जाता है. मतदाता कहते हैं कि यहां जातिगत राजनीति चरम सीमा पर होती है. जिससे क्षेत्र के विकास में बाधा आती है. यही वजह है सीधी की लड़ाई इस बार बीजेपी-कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के लिए टेढ़ी ही नजर आती है. बीजेपी सांसद रीती पाठक अपने कामों और पीएम मोदी के नाम पर क्षेत्र में जनता के बीच पहुंच रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव में हार झेल चुके अजय सिंह भी इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की सीधी की जनता इस बार किसे मौका देती है.

सीधी। विंध्य अंचल की सीधी लोकसभा सीट चुनावी समर में सूबे की हाईप्रोफाइल सीट बनकर उभरी है. सीधी में बीजेपी की वर्तमान सांसद रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह से है. सीधी संसदीय क्षेत्र के लोगों का मानना है कि इस बार दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा हो सकता है.

लोगों का कहना है कि सीधी संसदीय क्षेत्र सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा स्वास्थ्य जैसी सभी समस्यायों से घिरा हुआ है, जबकि क्षेत्र में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. सांसद रीति पाठक के कामों से स्थानीय खुश लोग नजर नहीं आते हैं. सीधी में आए एक ग्रामीण बुजुर्ग कहते हैं कि पिछले कई सालों उनके गांव में सड़क नहीं है. अन्य मतदाता भी यही कहते नजर आते हैं कि सीधी संसदीय क्षेत्र की सड़कें आज भी 25 साल पुरानी ही नजर आती हैं.

सीधी संसदीय सीट पर बीजेपी कांग्रेस में दिख रही कांटे की टक्कर

विकास के मुद्दों के साथ-साथ सीधी में जातिगत राजनीति का बोलबाला भी माना जाता है. मतदाता कहते हैं कि यहां जातिगत राजनीति चरम सीमा पर होती है. जिससे क्षेत्र के विकास में बाधा आती है. यही वजह है सीधी की लड़ाई इस बार बीजेपी-कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के लिए टेढ़ी ही नजर आती है. बीजेपी सांसद रीती पाठक अपने कामों और पीएम मोदी के नाम पर क्षेत्र में जनता के बीच पहुंच रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव में हार झेल चुके अजय सिंह भी इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की सीधी की जनता इस बार किसे मौका देती है.

Intro:एंकर--सीधी संसदीय सीट पर होने जा रहे लोकसभा चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर होने जा रही है,भाजपा ने जहा मौजूदा सांसद रीति पाठक पर दांव आजमाया है वही कांग्रेस ने तीन बार मुख्यमंत्री रहे पंजाब के राजपाल रहे और केंद्र में कैबिनेट मंत्री अर्जुन सिंग के उत्तराधिकारी यानी पुत्र अजय सिंग जो पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रह चुके है,को चुनावी मैदान में उतारा है,अजय सिंग पहली बार लोक सभा चुनाव लड़ रहे है,सीट पर जाती गत समीकरण और बेरोजगारी की समस्या आज भी बरकरार है,आइए देखते है मतदाता क्या कहता है।


Body:मध्य प्रदेश की सीधी संसदीय सीट एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है, यह सीट सीधी और सिंगरोली जिला को मिला कर सीट बनी है, जिसमें आदिवासी मतदाताओं की संख्या अधिक है इस संसदीय सीट की कुल मतदाताओं की संख्या 1856000 (एक लाख 56 हज़ार) पुरुष मतदाता 9 लाख 17 हजार छह सौ,ओर महिला मतदाता संख्या 9 लाख 5 हजार 96 है,पिछले दो चुनाव में देखा जाए तो यहाँ भाजपा का कब्जा रहा है,ओर उसकी नजर हैट्रिक लगाने में लगी हुई है, लेकिन मतदाता कही रीति पाठक के कार्यो से संतुष्ट है तो कही नाराजगी,वही पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को कांग्रेस ने इस से उम्मीदबार बनाया है,जो विन्ध्य के मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता कहलाते है,2018 का विधान सभा अजय सिंह चुरहट से हार गए थे,ऐसे में पहली बार लोक सभा चुनाव लड़ रहे अजय के सामने चुनोतियाँ भी कम नही है,हालांकि इस सीट से न कभी अर्जुन सिंह चुनाव लड़े न अजय सिंग ऐसे में कहा जा सकता है कि पिछले दस सालों में भाजपा ने कितना विकास किया है,युवाओ ओर मतदाताओं की माने तो इलाके में अब तक कोई विकास नही है सड़क बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य के लिए लोग तरस रहे है।वही कुछ मतदाताओं की नजर में रीति पाठक का कार्यकाल ठीक कहा जा सकता है ।
बाइट(बॉक्स पॉप)1 गंगा धर पटेल (स्थानीय)
(2)तिलक राज(स्थानीय)(3)श्रीधर पांडेय(एडवोकेट)(4)कुंदन सिंह(स्थानीय)



Conclusion:बहरहाल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में सीधी संसदीय सीट में दोनों पार्टी के कद्दावर नेता आमने सामने मैदान में है एक और कांग्रेस के अजय सिंह तो दूसरी ओर भाजपा से रीति पाठक,देखा जाए तो इस बार भाजपा में अंतर्कलह देखने को मिक रही है जहाँ कई पुराने नेता पार्टी छोड़ दिए और कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया,ऐसे में पिछले कार्यकाल में रीति पाठक कोई खास ऐसा काम नही कर पाई,,35 फीसदी ही सांसद निधि से राशि खर्च हो पाई तो कही न कही रीति पाठक को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है जरूरत है क्षेत्र में और मेहनत करने की वही अजय सिंह के क्षेत्र में धुंआधार दौरा कर रहे है और विधान सभा की हार से सबक लेते हुए पूरी ताकत झोंक दी रहे है,देखना होगा कि सीधी संसदीय सीट पर किसका कब्जा होता है और किसे मिलती है शिकस्त यह तो आने वाली 23 मई को ही पता लगेगा।
पवन तिवारी etv भारत सीधी mp
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