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अब PDS के तहत गरीबों को मिलता है पर्याप्त राशन, कालाबाजारी में भी आई कमी

प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के तहत गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए अब आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि कालाबाजारी को भी रोका जा सके.

PDS System
PDS सिस्टम
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Published : Jul 24, 2020, 6:46 PM IST

सीधी। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के तहत गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए अब आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि कालाबाजारी को भी रोका जा सके. ऐसे में मध्यप्रदेश के सीधी जिले में अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी लगातार अलर्ट हैं.

राशन वितरण की कालाबाजारी में आई कमी

मध्यप्रदेश में पीडीएस सिस्टम से गांव-गांव और दूर-दराज में रह रहे हर गरीब तक अनाज उपलब्ध कराने का जिम्मा प्रशासन का होता है, अनाज के गोदाम उसे लेकर गांव में स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचाने का काम किया जाता है. अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए सीधी जिला प्रशासन सक्षम दिखाई देता है.

शहर में करीब 20 हजार गरीबों को अनाज मुहैया कराया जाता है. जिले में कुल 426 शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित की जा रही है. पीडीएस सिस्टम में आधार कार्ड लिंक हो जाने से अनाज की कालाबाजारी में फिलहाल राहत मिली है. वहीं गरीबों को अनाज देने के दौरान सभी तरह के नियमों का पालन किया जाता है. वहीं इलेक्ट्रानिक तौल मशीन से ब्लैक मेलिंग में कमी आई है वहीं इस प्रणाली से उपभोक्ता भी खुश नजर आते हैं.

इतना ही नहीं अब हर महीने गरीबों को निर्धारित राशन मिल जाता है. वहीं नागरिक खाद आपूर्ति निगम कि गोदामों के मैनेजर और जिला खाद्य अधिकारी का कहना है कि PDS सिस्टम से अनाज की कालाबाजारी में रोक लगी हुई है. साथ ही अब गोदाम के वाहन रवाना करने से लेकर दुकानों तक पहुंचने तक प्रशासन की निगरानी रहती है.

बहरहाल मध्यप्रदेश में आधुनिक तकनीकी प्रणाली के बाद अनाजों की ब्लैकमेलिंग के मामले में कमी तो आई है लेकिन पूरी तरह से इसे रोकने में शासन-प्रशासन कामयाब नहीं हुआ है. सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली में अभी और सुधार की आवश्यकता है.

सीधी। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के तहत गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए अब आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि कालाबाजारी को भी रोका जा सके. ऐसे में मध्यप्रदेश के सीधी जिले में अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी लगातार अलर्ट हैं.

राशन वितरण की कालाबाजारी में आई कमी

मध्यप्रदेश में पीडीएस सिस्टम से गांव-गांव और दूर-दराज में रह रहे हर गरीब तक अनाज उपलब्ध कराने का जिम्मा प्रशासन का होता है, अनाज के गोदाम उसे लेकर गांव में स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचाने का काम किया जाता है. अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए सीधी जिला प्रशासन सक्षम दिखाई देता है.

शहर में करीब 20 हजार गरीबों को अनाज मुहैया कराया जाता है. जिले में कुल 426 शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित की जा रही है. पीडीएस सिस्टम में आधार कार्ड लिंक हो जाने से अनाज की कालाबाजारी में फिलहाल राहत मिली है. वहीं गरीबों को अनाज देने के दौरान सभी तरह के नियमों का पालन किया जाता है. वहीं इलेक्ट्रानिक तौल मशीन से ब्लैक मेलिंग में कमी आई है वहीं इस प्रणाली से उपभोक्ता भी खुश नजर आते हैं.

इतना ही नहीं अब हर महीने गरीबों को निर्धारित राशन मिल जाता है. वहीं नागरिक खाद आपूर्ति निगम कि गोदामों के मैनेजर और जिला खाद्य अधिकारी का कहना है कि PDS सिस्टम से अनाज की कालाबाजारी में रोक लगी हुई है. साथ ही अब गोदाम के वाहन रवाना करने से लेकर दुकानों तक पहुंचने तक प्रशासन की निगरानी रहती है.

बहरहाल मध्यप्रदेश में आधुनिक तकनीकी प्रणाली के बाद अनाजों की ब्लैकमेलिंग के मामले में कमी तो आई है लेकिन पूरी तरह से इसे रोकने में शासन-प्रशासन कामयाब नहीं हुआ है. सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली में अभी और सुधार की आवश्यकता है.

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