सीधी। मंगलवार को सीधी जिले के रामपुर नैकिन में हुए दर्दनाक हादसे में करीब 51 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में कुशमी तहसील के गैवटा पंचायत के देवरी निवासी अजय पनिका (राहुल) और उनकी पत्नी तपस्या की भी जान चली गई. राहुल अपनी पत्नी को एएनएम की परीक्षा दिलाने सतना जा रहे थे और उसी बस में सवार थे. दोनों की 8 महीने पहले ही शादी हुई थी. यह जोड़ा साथ जी तो नहीं सका, लेकिन मर कर ही साथ जीने-मरने की कसमें दोनों ने पूरी की. एक घर से जब दोनों की एक साथ अर्थी निकली और एक ही चिता पर मुखाग्नि दी गई, तो पूरे गांव में मातम का माहौल पैदा हो गया.
दोनों कर रहे थे पढ़ाई
25 साल के राहुल पत्नी की पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर थे और दोनों सीधी में रहकर कमला कॉलेज में पढते थे. तपस्या बीएड का कोर्स भी कर रही थी और एएनएम की परीक्षा देने के लिए सतना जा रही थी जब दोनों इस हादसे का शिकार हो गए.
रात में पहुंचे शव, गांव में मातम
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही परिजन घटना स्थल पर पहुंचे. तपस्या पनिका का शव 3 बजे मिल गया था. जबकि अजय का शव 5 बजे मिल पाया. इसके बाद पोस्टमार्टम करवाकर प्रशासन ने एम्बुलेंस से शव को उनके गांव के लिए रवाना किया. दोनों शव 10 बजे रात में देवरी पहुंचे जिसके बाद पूरा गांव शोक में डूब गया.
अंतिम बार बेटे को देख भी न सके राहुल के पिता
बुधवार को जब दोनों का अंतिम संस्कार किया गया तो इसमें राहुल के पिता रामप्रसाद पनिका शामिल नहीं हो पाए. रामप्रसाद गुजरात में रहते हैं. उन्हें वहां से सीधी पहुंचने में ही तीन दिन का समय लग जाता, लेकिन पोस्टमार्टम किए हुए शव को इतनी देर तक रखना ठीक नहीं होता. इस कारण दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया और पिता अपने बेटे को आखिरी बार देख भी न सके.
सीधी हादसा: अभी दुनिया भी नहीं देखी थी, कि वो पत्ते की तरह बह गई
साथ जीने मरने की कसम हुई पूरी
राहुल और तपस्या की शादी 8 माह पूर्व 28 जून 2020 को हुई थी. तब दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसम खाई थी. यह जोड़ा साथ जी तो नहीं सका, लेकिन मर कर ही साथ जीने-मरने की कसमें दोनों ने पूरी की.
पत्नी को पढ़ा कर कुछ बनना चाहता था अजय
अजय पनिका खुद पढ़ा लिखा था. इस कारण अपनी पत्नी को पढ़ा- लिखा कर कुछ बनाना चाहता था. इसलिए एएनएम की परीक्षा दिलाने सतना जा रहे थे. दोनों सीधी में रूम लेकर कमला कॉजेल मे पढ़ाई किया करते थे. अजय की पत्नी तपस्या बीएड की पढ़ाई करती थी और अजय पनिका पत्नी को पढ़ाने के लिए सीधी रहा करता था.
लड़की के पिता का दर्द- सपना अधूरा रह गया
बेटी की मौत से सदमे में तपस्या के पिता ने कहा कि हमने 8 माह पहले ही बेटी की शादी की थी. हम अपनी बच्ची को पढ़ा-लिखा कर कुछ बनाना चाहते थे लेकिन अब वह सपना टूट गया. हमारे सारे अरमान अधूरे रह गए.
परपंरा के अनुसार दी गई मुखाग्नि
बता दें, कि अजय पनिका एवं उनकी पत्नी तपस्या पनिका दोनों लोग एक साथ सत्म हो गए थे, जिनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया. और मुखाग्नि प्रथा के अनुसार दी गई. जिसमें पति अजय पनिका पत्नी तपस्या पनिका को एक ही चिता पर दोनों को मुखाग्नि दी गई. इस घटना से पूरे गांव में पतम पसरा हुआ है.