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जनसुनवाई बंद होने से आवाम परेशान, सोशल मीडिया को माध्यम बनाने की उठी मांग

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Published : Aug 22, 2020, 10:11 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 5:15 PM IST

सीधी जिले में कोरोना संकट के चलते मार्च से ही जनसुनवाई बंद है. जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है, ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए शिकायत लेने की मांग उठने लगी है. प्रशासन भी इसे सही जरिया मान रहा है.

Raised demand to take complaint in social media in sidhi
जनसुनवाई बंद होने से परेशान हो रहे लोग

सीधी। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर लोगों के लिए नई मुसीबत बन गया है, इसकी वजह से लगे लॉकडाउन से न सिर्फ शासकीय व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं, बल्कि आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. मार्च महीने से जन सुनवाई बंद होने की वजह से लोगों को अपनी समस्याएं बताने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन कई दिनों बाद भी शिकायत अधिकारी तक नहीं पहुंच पा रही है. जिससे लोग परेशान हैं. लोगों की मांग है कि यदि सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतें कबूल की जाने लगे तो लोगों की समस्याएं जल्द दूर होंगी. वहीं प्रशासन भी सोशल मीडिया को बढ़िया प्लेटफॉर्म मान रहा है.

जनसुनवाई बंद होने से आवाम परेशान

लोगों की समस्याए दूर करने के लिये सरकार हर जिले में मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन करती थी, जिसमें कलेक्टर के अलावा सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जन सुनवाई बंद कर दी गई है, जिससे लोग अपनी समस्याएं लेकर दूर-दराज के गांव से आते हैं, कभी-कभी तो दिन दिन भर अधिकारी के इंतजार में बैठना पड़ता है. हालांकि, कलेक्टर खुद भी जनता की शिकायत सुनते हैं, लेकिन कम समय ही जनता को दे पाने की वजह से लोग कलेक्टर या सम्बंधित अधिकारियों के इंतजार में बैठे रहते हैं. लोक सेवा केंद्र, नगर पालिका, कलेक्टर सहित अन्य विभागों में लोग अधिकारी को ही सीधे शिकायत थमाते हैं, जिनमें कुछ शिकायतों का निराकरण हो जाता है, लेकिन कुछ समस्याओं का हल नहीं हो पाता. जिससे लोग अनेक बार अधिकारी के चक्कर काटने को मजबूर हो जाते हैं.

सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य माना जाता है, जिससे विकास की रफ्तार धीमी होने के साथ साथ आधुनिक संसाधन का उपयोग किया जा सकता है. उदाहरण के लिए जिस तरह हैदराबाद में प्रशासन ने सोशल मीडिया को माध्यम बनाया है और शिकायतें ली जा रही हैं, सीधी में भी वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, कॉल सेंटर के माध्यम से नगर पालिका, कलेक्ट्रेट, राजस्व के मामलों की शिकायत लेने लगे तो कुछ हद तक समस्याएं जल्दी दूर होंगी.

अधिकारियों को समय की बचत शिकायतकर्ता के समय की बचत होगी. कलेक्टर का कहना है कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस जरूरी है, जनसुनवाई बंद जरूर है, लेकिन शिकायतें सुनी जा रही हैं, सम्बंधित विभागों और अधीक्षकों तक शिकायत पहुंच जाती हैं, सोशल मीडिया का सुझाव ठीक है, इस पर विचार किया जाएगा.

सीधी। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर लोगों के लिए नई मुसीबत बन गया है, इसकी वजह से लगे लॉकडाउन से न सिर्फ शासकीय व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं, बल्कि आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. मार्च महीने से जन सुनवाई बंद होने की वजह से लोगों को अपनी समस्याएं बताने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन कई दिनों बाद भी शिकायत अधिकारी तक नहीं पहुंच पा रही है. जिससे लोग परेशान हैं. लोगों की मांग है कि यदि सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतें कबूल की जाने लगे तो लोगों की समस्याएं जल्द दूर होंगी. वहीं प्रशासन भी सोशल मीडिया को बढ़िया प्लेटफॉर्म मान रहा है.

जनसुनवाई बंद होने से आवाम परेशान

लोगों की समस्याए दूर करने के लिये सरकार हर जिले में मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन करती थी, जिसमें कलेक्टर के अलावा सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जन सुनवाई बंद कर दी गई है, जिससे लोग अपनी समस्याएं लेकर दूर-दराज के गांव से आते हैं, कभी-कभी तो दिन दिन भर अधिकारी के इंतजार में बैठना पड़ता है. हालांकि, कलेक्टर खुद भी जनता की शिकायत सुनते हैं, लेकिन कम समय ही जनता को दे पाने की वजह से लोग कलेक्टर या सम्बंधित अधिकारियों के इंतजार में बैठे रहते हैं. लोक सेवा केंद्र, नगर पालिका, कलेक्टर सहित अन्य विभागों में लोग अधिकारी को ही सीधे शिकायत थमाते हैं, जिनमें कुछ शिकायतों का निराकरण हो जाता है, लेकिन कुछ समस्याओं का हल नहीं हो पाता. जिससे लोग अनेक बार अधिकारी के चक्कर काटने को मजबूर हो जाते हैं.

सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य माना जाता है, जिससे विकास की रफ्तार धीमी होने के साथ साथ आधुनिक संसाधन का उपयोग किया जा सकता है. उदाहरण के लिए जिस तरह हैदराबाद में प्रशासन ने सोशल मीडिया को माध्यम बनाया है और शिकायतें ली जा रही हैं, सीधी में भी वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, कॉल सेंटर के माध्यम से नगर पालिका, कलेक्ट्रेट, राजस्व के मामलों की शिकायत लेने लगे तो कुछ हद तक समस्याएं जल्दी दूर होंगी.

अधिकारियों को समय की बचत शिकायतकर्ता के समय की बचत होगी. कलेक्टर का कहना है कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस जरूरी है, जनसुनवाई बंद जरूर है, लेकिन शिकायतें सुनी जा रही हैं, सम्बंधित विभागों और अधीक्षकों तक शिकायत पहुंच जाती हैं, सोशल मीडिया का सुझाव ठीक है, इस पर विचार किया जाएगा.

Last Updated : Aug 24, 2020, 5:15 PM IST
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