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न लाइट न CCTV, भगवान भरोसे पूरी ट्रैफिक व्यवस्था !

यूं तो शहरों में यातायात व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए शासन ने एक यातायात विभाग बना रखा हैं. ताकि वह शहर की ट्रैफिक व्यवस्था संभाल सके. लेकिन सीधी जिले में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरौसे हैं. जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर...

poor traffic system
भगवान भरोसे यातायात..!
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Published : Sep 20, 2020, 11:56 AM IST

सीधी। सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही जाती है, लेकिन यहां की यातायात व्यवस्था उन बातों को गलत साबित करती नजर आती है. शहर के चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें तो लगी हैं, लेकिन वो कभी सिग्नल नहीं देती. यहां के चौराहों में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. कहीं लगे भी हैं तो वे चालू नहीं हैं. यानि जब शहर के ट्रैफिक के ही यह हालत होंगे तो शहर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा.

भगवान भरोसे यातायात..!

सीधी शहर आज भी एक कस्बा शहर नजर आता है. शासन जरूर शहर को मिनी स्मार्ट सिटी से सीधी को बनाने की बात कहता है लेकिन फिलहाल यहां की तस्वीरें ऐसा कुछ भी बयां नहीं करती हैं. बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था के कारण आए दिन घंटों चौराहों पर जाम लगा रहता है. गांधी चौक, अस्पताल चौक, सम्राट चौक सहित कई चौराहों पर लगे ट्राफिक सिग्नल सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं. शुरूआत में जब सिग्नल लगाए गए थे, तो कुछ दिनों तक तो वे जले जिससे ट्रैफिक व्यवस्था कुछ हद तक पटरी पर दौड़ती रही. लेकिन पिछले तीन-चार सालों से चौक-चौराहों पर सिग्नल ही नहीं जल रहे हैं.

बंद पड़े हैं CCTV

CCTV फुटेज काफी हद तक कई मामलों में पुलिस के लिए एक कारगार सबूत साबित होते हैं. पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में काफी हद तक मदद भी मिलती है लेकिन शहर का दुर्भाग्य है कि यहां ये सौगात नसीब नहीं हो रही है. बदहाल हो चुकी शहर की यातायात व्यवस्था से हादसे भी बढ़ रहे हैं. लॉकडाउन में मार्च के महीने से लेकर अगस्त महीने तक दो सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें एक की जान गई. वहीं अगस्त के महीने से लेकर सितंबर तक तीन हादसे शहर में हुए हैं, जिनमें तीनों घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है. यदि यातायात व्यवस्था पटरी पर सही दौड़ रही होती तो यह हादसे शायद नहीं होते.

स्थानीय लोगों की मानें तो शहर के किसी भी चौक पर सिग्नल नहीं जलते. बेतरतीब ट्रेफिक से घंटो लोगों को जाम में फंसे रहने की मजबूरी बन गई है. कहीं भी लोग अपने वाहन सड़क पर पार्किंग कर देते हैं. कोई भी यातायात कर्मचारी वाहन को हटाने नहीं आता. ना ही कोई जुर्माना होता है, यही वजह है कि लोग नियमों की अनदेखी करते आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नकाबपोश बदमाशों ने टोल प्लाजा पर की तोड़फोड़, जांच में जुटी पुलिस

कब सुधरेगी ट्रैफिक की व्यवस्था

इस मामले में याताात थाना प्रभारी एसपी शुक्ला ने बताया कि सिग्नल को सुचारू रूप से चालू करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. वहीं CCTV शुरू करने के लिए SP को जानकारी दे दी गई है. निश्चित ही जल्द जिले में यातायात व्यावसथा सुचारू हो जाएगी. बहरहाल सीधी शहर की यातायात व्यवस्था सालों से भगवान भरोसे चल रही है. यातायात पुलिस सुबह-शाम एक-दो घंटे सड़कों पर घूमकर ट्रैफिक सुधारने की कोशिश जरूर करती है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. शहर में चौक-चौराहों पर कहीं भी ट्रैफिक सिग्नल नजर नहीं आते है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेकाबू हो जाती है.

सीधी। सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही जाती है, लेकिन यहां की यातायात व्यवस्था उन बातों को गलत साबित करती नजर आती है. शहर के चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें तो लगी हैं, लेकिन वो कभी सिग्नल नहीं देती. यहां के चौराहों में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. कहीं लगे भी हैं तो वे चालू नहीं हैं. यानि जब शहर के ट्रैफिक के ही यह हालत होंगे तो शहर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा.

भगवान भरोसे यातायात..!

सीधी शहर आज भी एक कस्बा शहर नजर आता है. शासन जरूर शहर को मिनी स्मार्ट सिटी से सीधी को बनाने की बात कहता है लेकिन फिलहाल यहां की तस्वीरें ऐसा कुछ भी बयां नहीं करती हैं. बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था के कारण आए दिन घंटों चौराहों पर जाम लगा रहता है. गांधी चौक, अस्पताल चौक, सम्राट चौक सहित कई चौराहों पर लगे ट्राफिक सिग्नल सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं. शुरूआत में जब सिग्नल लगाए गए थे, तो कुछ दिनों तक तो वे जले जिससे ट्रैफिक व्यवस्था कुछ हद तक पटरी पर दौड़ती रही. लेकिन पिछले तीन-चार सालों से चौक-चौराहों पर सिग्नल ही नहीं जल रहे हैं.

बंद पड़े हैं CCTV

CCTV फुटेज काफी हद तक कई मामलों में पुलिस के लिए एक कारगार सबूत साबित होते हैं. पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में काफी हद तक मदद भी मिलती है लेकिन शहर का दुर्भाग्य है कि यहां ये सौगात नसीब नहीं हो रही है. बदहाल हो चुकी शहर की यातायात व्यवस्था से हादसे भी बढ़ रहे हैं. लॉकडाउन में मार्च के महीने से लेकर अगस्त महीने तक दो सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें एक की जान गई. वहीं अगस्त के महीने से लेकर सितंबर तक तीन हादसे शहर में हुए हैं, जिनमें तीनों घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है. यदि यातायात व्यवस्था पटरी पर सही दौड़ रही होती तो यह हादसे शायद नहीं होते.

स्थानीय लोगों की मानें तो शहर के किसी भी चौक पर सिग्नल नहीं जलते. बेतरतीब ट्रेफिक से घंटो लोगों को जाम में फंसे रहने की मजबूरी बन गई है. कहीं भी लोग अपने वाहन सड़क पर पार्किंग कर देते हैं. कोई भी यातायात कर्मचारी वाहन को हटाने नहीं आता. ना ही कोई जुर्माना होता है, यही वजह है कि लोग नियमों की अनदेखी करते आ रहे हैं.

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कब सुधरेगी ट्रैफिक की व्यवस्था

इस मामले में याताात थाना प्रभारी एसपी शुक्ला ने बताया कि सिग्नल को सुचारू रूप से चालू करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. वहीं CCTV शुरू करने के लिए SP को जानकारी दे दी गई है. निश्चित ही जल्द जिले में यातायात व्यावसथा सुचारू हो जाएगी. बहरहाल सीधी शहर की यातायात व्यवस्था सालों से भगवान भरोसे चल रही है. यातायात पुलिस सुबह-शाम एक-दो घंटे सड़कों पर घूमकर ट्रैफिक सुधारने की कोशिश जरूर करती है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. शहर में चौक-चौराहों पर कहीं भी ट्रैफिक सिग्नल नजर नहीं आते है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेकाबू हो जाती है.

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