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सीधीः विकास नहीं होने से खफा महिलाएं तो बेरोजगारी ने युवाओं को भड़काया

महिला वोटरों का कहना है कि सीधी में सड़क, पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार स्वास्थ जैसी जरूरी सुविधाओं के लिये जो प्रत्याशी काम करेगा सीधी की महिलाएं उसी को अपना सांसद चुनेंगी.

सीधी महिला मतदाताओं की राय
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Published : Apr 23, 2019, 2:15 PM IST

सीधी। मतदाता ही वो जादूगर होता है, जो सियासी दलों की कश्ती को उबारने-डुबाने का माद्दा रखता है. वोटर जिसे चाहे उसे सत्ता का बादशाह बना दे और जिसे चाहे सत्ता से बेदखल कर दे. अक्सर वोटरों की नाराजगी का खामियाजा पार्टियों-उम्मीदवारों को भुगतना पड़ता है. क्योंकि उनके पास वोट का अधिकार जैसा हथियार होता है.

सीधी महिला मतदाताओं की राय

सीधी में चुनाव प्रचार कर रहे प्रत्याशी भले ही बड़े-बड़े वादों के सहारे वोटरों को लुभाने में जुटे हैं, लेकिन रीवा की महिला मतदाता क्षेत्र में विकास नहीं होने से खफा हैं.महिला वोटरों का कहना है कि सीधी में सड़क, पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार-स्वास्थ जैसी जरूरी सुविधाओं के लिये जो प्रत्याशी काम करेगा, उसी को वोट मिलेगा. कुल मिलाकर महिलाएं ऐसा सांसद चाहती हैं जो विकास ने नाम पर सीधी को पांच साल में चमका दे.

बुजुर्ग महिला मतदाताओं का साफ कहना है कि वह ऐसे प्रत्याशी को सांसद देखना चाहती हैं, जो सीधी में विकास करे और स्थानीय हो. क्षेत्र में कुछ हटकर किया जाए. जिससे सीधी की पहचान देश और विश्व स्तर पर हो. यहां के पर्यटन की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, जबकि युवा वोटरों ने कहा कि रोजगार होगा तो विकास होगा. युवा चाहते हैं कि उनका सांसद पढ़ा-लिखा हो.
सीधी सांसद व बीजेपी उम्मीदवार रीति पाठक पांच साल बाद फिर लोगों के बीच वोट मांगने पहुंच रही हैं. क्षेत्र में कम विकास की बात स्वीकरते हुए उन्होंने दावा किया कि जो काम अधूरे हैं, उन्हें इस बार पूरा किया जाएगा. इस बार रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य को ठीक करना प्रमुखता होगी. सीधी को पर्यटन के लिहाज से बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. उनका कहना है कि वह विकास कार्यों के सहारे जनता से वोट मांग रही हैं.
सीधी में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस हाईप्रोफाइल सीट पर मचे घमासान के बीच बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने प्रचार तेज कर दिया है. कांग्रेस इस बार यहां से दिग्गज नेता अजय सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी मौजूदा सांसद रीति पाठक के सहारे ये जंग जीतना चाहती है. सीधी में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख 56 हजार है. जिसमें महिला वोटरों की संख्या करीब 9 लाख 96 हजार है.

सीधी। मतदाता ही वो जादूगर होता है, जो सियासी दलों की कश्ती को उबारने-डुबाने का माद्दा रखता है. वोटर जिसे चाहे उसे सत्ता का बादशाह बना दे और जिसे चाहे सत्ता से बेदखल कर दे. अक्सर वोटरों की नाराजगी का खामियाजा पार्टियों-उम्मीदवारों को भुगतना पड़ता है. क्योंकि उनके पास वोट का अधिकार जैसा हथियार होता है.

सीधी महिला मतदाताओं की राय

सीधी में चुनाव प्रचार कर रहे प्रत्याशी भले ही बड़े-बड़े वादों के सहारे वोटरों को लुभाने में जुटे हैं, लेकिन रीवा की महिला मतदाता क्षेत्र में विकास नहीं होने से खफा हैं.महिला वोटरों का कहना है कि सीधी में सड़क, पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार-स्वास्थ जैसी जरूरी सुविधाओं के लिये जो प्रत्याशी काम करेगा, उसी को वोट मिलेगा. कुल मिलाकर महिलाएं ऐसा सांसद चाहती हैं जो विकास ने नाम पर सीधी को पांच साल में चमका दे.

बुजुर्ग महिला मतदाताओं का साफ कहना है कि वह ऐसे प्रत्याशी को सांसद देखना चाहती हैं, जो सीधी में विकास करे और स्थानीय हो. क्षेत्र में कुछ हटकर किया जाए. जिससे सीधी की पहचान देश और विश्व स्तर पर हो. यहां के पर्यटन की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, जबकि युवा वोटरों ने कहा कि रोजगार होगा तो विकास होगा. युवा चाहते हैं कि उनका सांसद पढ़ा-लिखा हो.
सीधी सांसद व बीजेपी उम्मीदवार रीति पाठक पांच साल बाद फिर लोगों के बीच वोट मांगने पहुंच रही हैं. क्षेत्र में कम विकास की बात स्वीकरते हुए उन्होंने दावा किया कि जो काम अधूरे हैं, उन्हें इस बार पूरा किया जाएगा. इस बार रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य को ठीक करना प्रमुखता होगी. सीधी को पर्यटन के लिहाज से बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. उनका कहना है कि वह विकास कार्यों के सहारे जनता से वोट मांग रही हैं.
सीधी में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस हाईप्रोफाइल सीट पर मचे घमासान के बीच बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने प्रचार तेज कर दिया है. कांग्रेस इस बार यहां से दिग्गज नेता अजय सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी मौजूदा सांसद रीति पाठक के सहारे ये जंग जीतना चाहती है. सीधी में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख 56 हजार है. जिसमें महिला वोटरों की संख्या करीब 9 लाख 96 हजार है.

Intro:एंकर--- सीधी संसदीय सीट पर होने जा रहे लोकसभा चुनाव में घमासान मचा हुआ है सीधी संसदीय सीट हाई प्रोफाइल शीट मानी जाती है यहां महिला वोटर्स भी महत्वपूर्ण स्थान रखती,संसदीय सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 18 लाख छप्पन हजार है,वही महिला वोटरों की संख्या करीब नो लाख 5 हजार 96 है,खास कर युवा महिला मतदाताओं मे चुनाव कप लेकर काफी उत्साह है,औऱ अपने जनप्रतिनिधि की योग्यता यानी पढ़ा लिखा,और विकास करने वाला सांसद होना चाहिए,।


Body:वाइस(1)सीधी संसदीय सीट पर 29 अप्रेल को होने जा रहे लोक तंत्र के सबसे बड़े पर्व में महिला वोटर भी एक महत्त्वपूर्ण जगह रखती है,महिला वोटर किसी भी उम्मीदवार को समीकरण बिगाड़ या बना सकती है,सीधी संसदीय सीट आठ विधान सभा मिलाकर बनाई गई है,जिसमे एक शहडोल जिले की ब्यौहारी विधान सभा शामिल है,,7 विधान में भाजपा काबिज है तो वही एक पर कांग्रेस है,ब्राम्हण वोटर भी चुनाव में मतदाताओं की संख्या में एक स्थान रखता है, महिला वोटर अपने जनप्रतिनिति की योग्यता पर सोचती है कि एक पढ़ा लिखा,एजुकेडिट सांसद होना चाहिए,ताकि शहर और सीधी में विकास कर सके,हमारे क्षेत्र की समस्या पार्लियामेंट में उठा सके,सबके सामने बेधड़क बोल सके,।कुछ महिलाओ का कहना है कि जनप्रतिनिधि पढा लिखा होने के साथ बुनियादी सुविधाओं पर जैसे स्वास्थ्य शिक्षा को बढावा दे सके,युवाओ को रोजगार दे सके,
बाइट(1) डोली लालवानी(डॉ)
बाइट(2) शशि पांडेय(स्थानीय छात्रा
बाइट(3) चंद्रकृपा अवधिया(एडवोकेट)
वाइस ओवर(2) वही कुछ पढ़ी लिखी महिलाए एक ऐसा जन प्रतिनिधि की उम्मीद करती है,जो सीधी का विकास कर सके,युवाओ को रोजगार दे सके,गरीबी पर ध्यान दे सके।पढ़ा लिखा हो सके जिससे समाज और देश का भला कर सके।महिला सुरक्षा महिला अपराधों पर विराम लग सके।
बाइट(4)अर्चना (ब्रम्हकुमारी)
बाइट(5) कौशल्या तिवारी(गृहणी)
वाइस ओवर(3) वही मौजूदा जनप्रतिनिधि रही ओर भाजपा से दोबारा चुनाव लड़ रही रीति पाठक का कहना है कि हमारा पहली प्राथमिकता महिला स्वास्थ्य को लेकर महिला अस्पताल बनबाने का प्रयास साथ ही युवाओ को रोजगार,विकास पर ध्यान पूरा दिया जाएगा।
बाइट(6)रीति पाठक(जनप्रतिनिधि सांसद मौजूदा)



Conclusion:बहर हाल सीधी संसदीय सीट पर कांग्रेस व भाजपा का मुख्य मुकाबला होने जा रहा है जहां पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के उम्मीदवार पूरी ताकत झोंक रहे हैं वही तो भाजपा से रीति पाठक दोबारा मैदान में है क्षेत्र में आज भी ऐसे कई क्षेत्र है जहां पानी स्वास्थ्य शिक्षा को लोग तरस रहे हैं तो ही कुछ महिलाओं का कहना है कि संसद पढ़ी-लिखी और योग तो है और विकास भी किया गया है देखना अभी होगा कि इस चुनाव में महिला वोटर्स अपने कैसे उम्मीदवार को चुनकर सांसद बनाते हैं।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश

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