सीधी। मतदाता ही वो जादूगर होता है, जो सियासी दलों की कश्ती को उबारने-डुबाने का माद्दा रखता है. वोटर जिसे चाहे उसे सत्ता का बादशाह बना दे और जिसे चाहे सत्ता से बेदखल कर दे. अक्सर वोटरों की नाराजगी का खामियाजा पार्टियों-उम्मीदवारों को भुगतना पड़ता है. क्योंकि उनके पास वोट का अधिकार जैसा हथियार होता है.
सीधी में चुनाव प्रचार कर रहे प्रत्याशी भले ही बड़े-बड़े वादों के सहारे वोटरों को लुभाने में जुटे हैं, लेकिन रीवा की महिला मतदाता क्षेत्र में विकास नहीं होने से खफा हैं.महिला वोटरों का कहना है कि सीधी में सड़क, पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार-स्वास्थ जैसी जरूरी सुविधाओं के लिये जो प्रत्याशी काम करेगा, उसी को वोट मिलेगा. कुल मिलाकर महिलाएं ऐसा सांसद चाहती हैं जो विकास ने नाम पर सीधी को पांच साल में चमका दे.
बुजुर्ग महिला मतदाताओं का साफ कहना है कि वह ऐसे प्रत्याशी को सांसद देखना चाहती हैं, जो सीधी में विकास करे और स्थानीय हो. क्षेत्र में कुछ हटकर किया जाए. जिससे सीधी की पहचान देश और विश्व स्तर पर हो. यहां के पर्यटन की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, जबकि युवा वोटरों ने कहा कि रोजगार होगा तो विकास होगा. युवा चाहते हैं कि उनका सांसद पढ़ा-लिखा हो.
सीधी सांसद व बीजेपी उम्मीदवार रीति पाठक पांच साल बाद फिर लोगों के बीच वोट मांगने पहुंच रही हैं. क्षेत्र में कम विकास की बात स्वीकरते हुए उन्होंने दावा किया कि जो काम अधूरे हैं, उन्हें इस बार पूरा किया जाएगा. इस बार रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य को ठीक करना प्रमुखता होगी. सीधी को पर्यटन के लिहाज से बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. उनका कहना है कि वह विकास कार्यों के सहारे जनता से वोट मांग रही हैं.
सीधी में 29 अप्रैल को मतदान होना है. इस हाईप्रोफाइल सीट पर मचे घमासान के बीच बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने प्रचार तेज कर दिया है. कांग्रेस इस बार यहां से दिग्गज नेता अजय सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी मौजूदा सांसद रीति पाठक के सहारे ये जंग जीतना चाहती है. सीधी में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख 56 हजार है. जिसमें महिला वोटरों की संख्या करीब 9 लाख 96 हजार है.