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मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा ये गांव, नाव से सफर करने को मजबूर हैं ग्रामीण

सीधी की सिहावल विधानसभा क्षेत्र में नाव के सहारे ग्रामीणों की जिंदगी का सफर चल रहा है, क्योंकि यहां से गुजरने वाली सोन नदी में आज तक कोई पुल नहीं बन पाया है.

No bridge in Son River in Sihawal of Sidhi district
मौत के साये में सफर
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Published : Mar 1, 2020, 12:20 PM IST

सीधी। जहां एक ओर सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी तरफ सीधी जिले के कई गांव अभी भी विकास से कोसो दूर हैं, ऐसा ही कुछ हाल है सिहावल विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का है जहां लोग आए दिन जान जोखिम में डाल कर अपने रोजमर्रा के काम के लिए नदी के रास्ते सफर करते हैं.

मौत के साये में सफर

नाव का सफर ग्रामीणों की मजबूरी

इसी क्षेत्र से भाजपा सांसद रीति पाठक और सूबे में मंत्री कमलेश्वर पटेल ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन्हें ग्रामीणों की समस्या से कोई मतलब नहीं . ग्रामीणों ने बताया कि सोन नदी में पुल ना होने की वजह से नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. जब सोन नदी के इस पार से दूसरे पार पहुंच जाते हैं तभी लगता है कि अब सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे.

50 किलोमीटर का है सड़क का रास्ता

यहां सोन नदी ग्रामीणों के लिये जीवन दायिनी भी है और मुसीबत भी है. बता दें की सोन नदी में पुल निर्माण ना होने से नकझर लौआर सहित दर्जन भर से अधिक गांव के ग्रामीणों को सिहावल आने जाने के लिये नाव का सहारा लेना पड़ता है और अगर सड़क के रास्ते से जाने की सोचे भी तो 50 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.

रसूखदार नेताओं का है बर्चस्व

पूरे मामले में जिला कलेक्टर का कहना है कि सिहावल और नकझर के बीच सोन नदी है जिस पर बड़ा पुल बनाने की जरूरत है, जिसके लिए हम शासन स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. बहरहाल 40 साल से इस क्षेत्र में कांग्रेस काबिज रही है, इंद्रजीत पटेल के बाद उनके बेटे कमलेश्वर पटेल इस क्षेत्र से जीतते आये हैं. ऐसे में देखना होगा कि शासन इन ग्रामीणों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए कौन से कदम उठाती है.

सीधी। जहां एक ओर सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी तरफ सीधी जिले के कई गांव अभी भी विकास से कोसो दूर हैं, ऐसा ही कुछ हाल है सिहावल विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का है जहां लोग आए दिन जान जोखिम में डाल कर अपने रोजमर्रा के काम के लिए नदी के रास्ते सफर करते हैं.

मौत के साये में सफर

नाव का सफर ग्रामीणों की मजबूरी

इसी क्षेत्र से भाजपा सांसद रीति पाठक और सूबे में मंत्री कमलेश्वर पटेल ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन्हें ग्रामीणों की समस्या से कोई मतलब नहीं . ग्रामीणों ने बताया कि सोन नदी में पुल ना होने की वजह से नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. जब सोन नदी के इस पार से दूसरे पार पहुंच जाते हैं तभी लगता है कि अब सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे.

50 किलोमीटर का है सड़क का रास्ता

यहां सोन नदी ग्रामीणों के लिये जीवन दायिनी भी है और मुसीबत भी है. बता दें की सोन नदी में पुल निर्माण ना होने से नकझर लौआर सहित दर्जन भर से अधिक गांव के ग्रामीणों को सिहावल आने जाने के लिये नाव का सहारा लेना पड़ता है और अगर सड़क के रास्ते से जाने की सोचे भी तो 50 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.

रसूखदार नेताओं का है बर्चस्व

पूरे मामले में जिला कलेक्टर का कहना है कि सिहावल और नकझर के बीच सोन नदी है जिस पर बड़ा पुल बनाने की जरूरत है, जिसके लिए हम शासन स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. बहरहाल 40 साल से इस क्षेत्र में कांग्रेस काबिज रही है, इंद्रजीत पटेल के बाद उनके बेटे कमलेश्वर पटेल इस क्षेत्र से जीतते आये हैं. ऐसे में देखना होगा कि शासन इन ग्रामीणों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए कौन से कदम उठाती है.

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