सीधी। सीधी जिले में पेशाब कांड में नया मोड़ आ गया है. पीड़ित आदिवासी दशमत का कथित रूप से एक एफिडेविट दिया गया, जो सोशल मीडिया पर जमकर जममकर वायरल हुआ. इसमें लिखा था कि जिसके ऊपर पेशाब किया गया, वह मैं नहीं हूं. लेकिन अब पीड़ित दशमत का कहना है कि ये एफिडेविट फर्जी है. शुक्रवार को पीड़ित से मिलने पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेताओं के सामने उसने ये बात बताई. उसका कहना है कि वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. इसलिए मेरा आधार कार्ड कुछ ले गए थे.
समाजवादी के नेता पीड़ित से मिले : पीड़ित का कहना है कि कुछ लोग बाइक से मुझे ले गए और कंप्यूटर की एक दुकान पर मुझसे अंगूठा लगवा लिया और दस्तखत करवा लिए थे. गौरतलब है कि उस एफिडेविट में साफतौर पर लिखा था कि जो घटनाक्रम हुआ और जो वीडियो दिखाया गया है, वह मेरा नहीं है. समाजवादी पार्टी के नेता शुक्रवार को पीड़ित के ग्राम करौदी पहुंचे और दशमत से की मुलाकात की. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पीड़ित से पूरा घटनाक्रम समझा. इसके बाद एफीडेविट को लेकर पूछा तो उसने बताया कि उसे नहीं पता एफिडेविट में क्या है.
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सीएम ने धोए थे पीड़ित के पैर : गौरतलब है कि सीधी जिले में एक आदिवासी शख्स पर कथित रूप से बीजेपी विधायक के प्रतिनिधि ने पेशाब किया. इसका वीडियो वायरल होते ही प्रदेश के साथ ही देश की सियासत गर्मा गई. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए. आरोपी पर एनएसए लगा. बाद में सीएम शिवराज ने पीड़ित को भोपाल में अपने आवास पर बुलाकर उसके पैर धोए और सहायता राशि दी. लेकिन ये मामला लगातार गर्मा रहा है.