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एनएसयूआई ने सरकार की नई शिक्षा नीति को छात्रों के साथ बताया छलावा

सीधी जिले में एनएसयूआई ने छात्र सत्याग्रह के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया. जहां भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर एनएसयूआई ने सरकार की नई शिक्षा नीति के खिलाफ विरोध जताया.

NSUI against new education scheme of Government
नई शिक्षा नीति का विरोध
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Published : Aug 9, 2020, 2:24 AM IST

सीधी। सीधी जिले में शनिवार को एनएसयूआई ने भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर संजय गांधी महाविद्यालय स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने पुष्पांजलि अर्पित कर छात्र सत्याग्रह के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया. एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता और अन्य कार्यकर्ताओं ने नोएग्जाम कोविड, 6 माह की फीस माफी और नई शिक्षा नीति में केंद्रीकरण व निजीकरण का विरोध किया है.

NSUI against new education scheme of Government
नई शिक्षा नीति का विरोध

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने बताया कि देश में कोरोना के बढ़ते खतरे में छात्रों की परीक्षा करवाना यानी छात्रों को काल के मुंह में समर्पित करना होगा.केंद्र में बैठी भाजपा सरकार छात्रों को टेस्टिंग किट बना रही है.कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते सरकार से छात्रों की 6 माह की फीस माफ करने की मांग की है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति में केन्द्रीकरण और निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो कि पुर्णतः छात्रों के साथ एक छलावा है. दीपक मिश्रा ने यह कहा कि यदि सरकार छात्रों के अधिकारों का हनन करना बंद नहीं करेगी तो भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन आगे उग्र आंदोलन करेगी. जिसकी पूरी जबावदेही सरकार की होगी.

सीधी। सीधी जिले में शनिवार को एनएसयूआई ने भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर संजय गांधी महाविद्यालय स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने पुष्पांजलि अर्पित कर छात्र सत्याग्रह के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया. एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता और अन्य कार्यकर्ताओं ने नोएग्जाम कोविड, 6 माह की फीस माफी और नई शिक्षा नीति में केंद्रीकरण व निजीकरण का विरोध किया है.

NSUI against new education scheme of Government
नई शिक्षा नीति का विरोध

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने बताया कि देश में कोरोना के बढ़ते खतरे में छात्रों की परीक्षा करवाना यानी छात्रों को काल के मुंह में समर्पित करना होगा.केंद्र में बैठी भाजपा सरकार छात्रों को टेस्टिंग किट बना रही है.कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते सरकार से छात्रों की 6 माह की फीस माफ करने की मांग की है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति में केन्द्रीकरण और निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो कि पुर्णतः छात्रों के साथ एक छलावा है. दीपक मिश्रा ने यह कहा कि यदि सरकार छात्रों के अधिकारों का हनन करना बंद नहीं करेगी तो भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन आगे उग्र आंदोलन करेगी. जिसकी पूरी जबावदेही सरकार की होगी.

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