सीधी। भले की केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार किसानों के हितों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है. सीधी में 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन अभी तक किसानों को उपज का भुगतान नहीं मिला है, जबकि सरकार दावा करती है कि गेहूं खरीदी केंद्रों में 7 दिनों के अंदर किसानों के खाते में राशि जमा हो जाती है.
किसानों को नहीं हुआ उपज का भुगतान
जानकारी के मुताबिक, सीधी में 36 गेहूं खरीदी केंद्रों से 13 हजार किसानों ने अपनी उपज की बिक्री की है. इसमें प्रशासनिक दावे के मुताबिक 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का परिवहन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के चलते किसानों को उपज का भुगतान नहीं हुआ है. लिहाजा किसानों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है, जबकि गेहूं खरीदी हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है.
हालांकि प्रशासन का कहना है कि 57 करोड़ का भुगतान हो चुका है और एक करोड़ रुपए का भुगतान करना बाकी है.