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किसानों ने सीधी खरीदी केंद्र में भेजा 58 करोड़ का गेहूं, 20 दिन बाद भी नहीं मिली भुगतान राशि - farmers did not receive payment in sidhi

प्रशासनिक दावे के मुताबिक 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का परिवहन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के चलते किसानों को उपज का भुगतान नहीं हुआ है.

किसानों को नहीं मिला उपज का भुगतान
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Published : Jun 15, 2019, 11:25 AM IST

सीधी। भले की केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार किसानों के हितों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है. सीधी में 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन अभी तक किसानों को उपज का भुगतान नहीं मिला है, जबकि सरकार दावा करती है कि गेहूं खरीदी केंद्रों में 7 दिनों के अंदर किसानों के खाते में राशि जमा हो जाती है.

किसानों को नहीं मिला उपज का भुगतान

किसानों को नहीं हुआ उपज का भुगतान
जानकारी के मुताबिक, सीधी में 36 गेहूं खरीदी केंद्रों से 13 हजार किसानों ने अपनी उपज की बिक्री की है. इसमें प्रशासनिक दावे के मुताबिक 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का परिवहन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के चलते किसानों को उपज का भुगतान नहीं हुआ है. लिहाजा किसानों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है, जबकि गेहूं खरीदी हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है.

हालांकि प्रशासन का कहना है कि 57 करोड़ का भुगतान हो चुका है और एक करोड़ रुपए का भुगतान करना बाकी है.

सीधी। भले की केंद्र सरकार या प्रदेश सरकार किसानों के हितों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है. सीधी में 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन अभी तक किसानों को उपज का भुगतान नहीं मिला है, जबकि सरकार दावा करती है कि गेहूं खरीदी केंद्रों में 7 दिनों के अंदर किसानों के खाते में राशि जमा हो जाती है.

किसानों को नहीं मिला उपज का भुगतान

किसानों को नहीं हुआ उपज का भुगतान
जानकारी के मुताबिक, सीधी में 36 गेहूं खरीदी केंद्रों से 13 हजार किसानों ने अपनी उपज की बिक्री की है. इसमें प्रशासनिक दावे के मुताबिक 58 करोड़ रुपए की गेहूं खरीदी की गई है, लेकिन विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का परिवहन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के चलते किसानों को उपज का भुगतान नहीं हुआ है. लिहाजा किसानों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है, जबकि गेहूं खरीदी हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है.

हालांकि प्रशासन का कहना है कि 57 करोड़ का भुगतान हो चुका है और एक करोड़ रुपए का भुगतान करना बाकी है.

Intro:एंकर--- सीधी में 36 गेहूँ खरीदी केंद्रों से 13 हजार किसानों ने अपनी उपज की बिक्री कि है,जिसमें प्रशासनिक दावे के मुताबिक,58 करोड़ रुपये की गेंहु खरीदी की गई है,लेकिन अब तक किसानों को उपज का भुगतान नही मिला है,।वजह है कि विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का परिवहन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही ।


Body:वाइस ओवर(1) प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर बड़े बड़े दावे करते हो लेकिन जमीनी हकीकत में उन सभी दावों का हवा निकल रही है है,दरअसल सरकार दावा करती है कि गेंहु खरीदी केंद्रों में 7 दिनों के भीतर किसान के खाते में भुगतान जमा हो जाएगा,लेकिन ऐसा हो न सका,वजह है कि विपणन संघ के अधिकारी और केंद्रों से उपज का पतिव्हन करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही की बजह से किसानों को अब तक आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है,जबकि गेंहु खरीदी सम्पन्न हुए 20 दिन से अधिक हो चुके है लेकिन केंद्रों से उपज का परिवहन नही हो सका है।लेकिन प्रशासन का कहना है कि 57 करोड़ का भुगतान हो चुका है,एक करोड़ रुपये का भुगतान करना अभी शेष है,
बाइट(1)ज्ञानेंद्र पांडेय(सीईओ जिला सहकारी मर्यादित बैंक)


Conclusion:बहरहाल सीधी में 36 गेंहु खरीदी केंद्रों में 20 दिन पहले गेंहु की खरीदी सम्पन्न हो चुकी है,बावजूद इसके खरीदी केंद्रों से उपज का परिवहन न हो सकने की बजह से किसानों को दंश झेलना पड़ रहा है,जिसकी भरपाई कौन करेगा,देखा जाए तो अभी भी कृषकों के भुगतान में महीनों लगने है,ऐसे में किसान आखिर जाए तो जाए कहाँ।।।
पवन तिवारी etv भारत सीधी
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