सीधी। रेत उत्खन्न की मंजूरी मिलते ही खदान संचालक नियमों को तोड़ने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं. रेत व्यापारी एक जगह से उत्खनन की मंजूरी लेकर दूसरी जगहों में भी खनन करने में जुट जाते हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है सीधी में. जहां सिहावल एसडीएम और बहरी पुलिस की टीम ने मिलकर मरसरहा रेत खदान पर कार्रवाई की, तो पाया कि अरुणेंद्र तिवारी नाम के ठेकेदार मोटी कमाई करने के चक्कर में रेत उत्खनन करने की जगह की बजाय दूसरी जगहों से करा रहा था.
प्राकृतिक संपदा कर रहे छिन्न-भिन्न, नदी का बदला स्वरूप
खनिज अधिनियम के अनुसार मरसरहा गांव की रेत खदान में उत्खनन की जिम्मेदारी ठेकेदार अरूणेंद्र तिवारी को दी गई है. लेकिन मोटी कमाई के चक्कर में रेत उत्खनन कराने के बजाय प्राकृतिक संपदा का दोहन किया जा रहा है. आलम तो ये है कि नदी का स्वरूप ही बदल गया है. नदी कम खदान ज्यादा नजर आती है. न तो जंगल बच रहे हैं और न ही नदियां.
ये भी पढ़ें : बेखौफ होकर अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफिया, खनिज मंत्री ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
खदान की हालत देख हैरान हुए अधिकारी
ठेकेदार स्थानीय लोगों को रेत देने के बजाय जिले और प्रदेश के बाहर के वाहनों को रेत भेज कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जब ये जानकारी सिहावल के अनुविभागीय अधिकारी को दी गई तो विभाग के अधिकारी टीम गठित कर खदान का अवलोकन करने पहुंचे. वहां के हालातों को देखकर विभाग के अधिकारी भी भौचक्के रह गए. जिस स्थान से रेत उत्खनन करने की अनुमति दी गई थी, वहां से रेत का उत्खनन अधिक तो किया ही गया. साथ ही साथ मोटी कमाई के लिए ठेकेदार ने खदान से लगी नदी में भी उत्खनन शुरू कर दिया है. नदी से उत्खनन करने के लिए जंगल के बेशकीमती पेड़-पौधों को उजाड़ दिया. साथ ही नदी से भी इतना ज्यादा रेत उत्खनन करा लिया कि नदी का स्वरूप ही बदल गया है.
अधिकारियों ने की कार्रवाई
एसडीएम सिहावल आर के सिन्हा और बहरी पुलिस की टीम ने उत्खनन में लगी 3 जेसीबी मशीन, एक हाइवा ट्रक, कंप्यूटर और रेत फिल्टर मशीन जप्त किया है. इसके साथ-साथ खनन संचालक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है.