ETV Bharat / state

सीधी: जनसुनवाई में नहीं हो रहा लोगों की शिकायतों का समाधान

सीधी जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई डिप्टी कलेक्टर ने की,जहां दूर-दूर से ग्रमीण अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे.

जनसुनवाई में नहीं हो रहा शिकायतों का निराकरण
author img

By

Published : Aug 21, 2019, 1:55 PM IST

सीधी। कलेक्टर का तबादला हो जाने के बाद की जनसुनवाई बिना राजा की फौज जैसी हो गई है, ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने की बात तो की जाती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई डिप्टी कलेक्टर ने की


जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुनने डिप्टी कलेक्टर पहुंचीं, जहां लोगों ने अपनी समस्याओें के आवेदन दिए, डिप्टी कलेक्टर माला त्रिपाठी ने जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचकर लोगों ने उनकी समस्याएं सुनी, लेकिन ज्यादातर शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ, जिसकी वजह से फरियादियों को निराशा हाथ लगी.


दूर-दूर से ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, ताकी उनकी समस्या का निराकरण हो सके, लेकिन ऐसा होता नहीं है,100 में से 10 लोगों की ही समस्या का समाधान होता है. सुनवाई में अधिकतर मामलें जमीनी विवाद को लेकर रहते हैं, जिनका निपटारा जनसुनवाई में संभव नहीं होता है. वहीं अधिकारी या तो मोबाइल चलाते दिखते हैं या आराम फरमाते नजर आते हैं.

सीधी। कलेक्टर का तबादला हो जाने के बाद की जनसुनवाई बिना राजा की फौज जैसी हो गई है, ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने की बात तो की जाती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई डिप्टी कलेक्टर ने की


जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुनने डिप्टी कलेक्टर पहुंचीं, जहां लोगों ने अपनी समस्याओें के आवेदन दिए, डिप्टी कलेक्टर माला त्रिपाठी ने जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचकर लोगों ने उनकी समस्याएं सुनी, लेकिन ज्यादातर शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ, जिसकी वजह से फरियादियों को निराशा हाथ लगी.


दूर-दूर से ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, ताकी उनकी समस्या का निराकरण हो सके, लेकिन ऐसा होता नहीं है,100 में से 10 लोगों की ही समस्या का समाधान होता है. सुनवाई में अधिकतर मामलें जमीनी विवाद को लेकर रहते हैं, जिनका निपटारा जनसुनवाई में संभव नहीं होता है. वहीं अधिकारी या तो मोबाइल चलाते दिखते हैं या आराम फरमाते नजर आते हैं.

Intro:एंकर-- सीधी में कलेक्टर की जनसुनवाई बन रही है मजाक औपचारिकता कर ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण करने की बात तो कही जाती है लेकिन हकीकत में समस्याएं दूर नहीं हो रही है आज सीधी में जिला कलेक्टर की जनसुनवाई डिप्टी कलेक्टर ने की जहां लोगों ने करीब 200 आवेदन अपनी समस्याओं को लेकर दिए वहीं इस जनसुनवाई में कुछ अधिकारी सूची भी पाए गए हैं।


Body:वाइस ओवर(1) सीधी में कलेक्टर की जनसुनवाई बिना राजा की फौज जैसी हो गई है डिप्टी कलेक्टर माला त्रिपाठी ने जिला पंचायत कार्यालय में जनसुनवाई की जहां दूर-दूर से ग्रामीण अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं उन्हें यही उम्मीद रहती है कि उनकी समस्याएं जल्द मिट जाएंगे लेकिन ऐसा हो नहीं पाता 100 में 10 लोगों की समस्याएं ही दूर हो पाती है सुनवाई में अधिकतर मामले जमीन विवाद को लेकर पहुंचते हैं जिनका निपटारा जनसुनवाई में संभव नहीं होता ऐसे लोगों को निराशा ही हाथ लगती है आज की जनसुनवाई में अधिकारी या तो मोबाइल में व्यस्त थे या सो रहे थे ऐसे ही हमारे कैमरे में कैद हुए अधिकारी में आराम से खर्राटे भर रहे थे।


Conclusion:बरहाल सीधी में जिला कलेक्टर के ट्रांसफर के बाद अभी तक नई कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने ज्वाइन नहीं किया है जिसकी वजह से सीधी में बिन राजा की फौज जैसी कहावत सटीक बैठ रही है देखना होगा कि कलेक्टर की जनसुनवाई में कितने लोगों की समस्याएं दूर हो पाती है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.