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खुलासा: PHE विभाग में हैंडपंप के बहाने करोड़ों का गबन!

सीधी में पीएचई विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ने मिलकर करोड़ों रूपए का गबन कर दिया है, आरटीआई कार्यकर्ता ने विभाग से जुटाई जानकारी के आधार पर ये आरोप लगाया है.

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पीएचई विभाग में बड़ा घोटाला
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Published : Dec 29, 2019, 12:04 PM IST

सीधी। पीएचई विभाग में साल 2015-16 में हैंडपंप लगाने में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है. अधिकारियों ने कागजों में हेराफेरी कर डेढ़ करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगा दिया है. शिकायत मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच करने की बात कही है.

पीएचई विभाग में बड़ा घोटाला

एक आरटीआई कार्यकर्ता व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. जिसमें पीएचई विभाग में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि हैंडपंप सुधार और खनन करने को लेकर पिछले वर्षों में कार्यपालन यंत्री बलेश्वर सहित दो कर्मचारी शिव शंकर पांडे और आजाद पाठक की मिलीभगत से एक ही फर्म के नाम पर निविदाएं निकाल कर करोड़ों रूपए का गबन किया गया है.

आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि इस मामले में कोटेशन बनाकर एक फर्म को लाभ दिया गया है. निविदाएं नहीं निकाली गई, कई जगहों पर सिर्फ कागजों में ही हैंडपंप खोद दिए गए, सामग्रियों की खरीददारी एक ही पैमाने पर की गई. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

इस मामले में वर्तमान कार्यपालन यंत्री दिवाकर पटेल ने कहा कि हमने मास्टर प्लान बनाया है और भारत सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है कि जिले में सभी हैंड पंप बंद किए जाएं और घरों में नए कनेक्शन दिए जाएं. इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित विभाग से चर्चा करेंगे.

सीधी। पीएचई विभाग में साल 2015-16 में हैंडपंप लगाने में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है. अधिकारियों ने कागजों में हेराफेरी कर डेढ़ करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगा दिया है. शिकायत मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच करने की बात कही है.

पीएचई विभाग में बड़ा घोटाला

एक आरटीआई कार्यकर्ता व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. जिसमें पीएचई विभाग में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि हैंडपंप सुधार और खनन करने को लेकर पिछले वर्षों में कार्यपालन यंत्री बलेश्वर सहित दो कर्मचारी शिव शंकर पांडे और आजाद पाठक की मिलीभगत से एक ही फर्म के नाम पर निविदाएं निकाल कर करोड़ों रूपए का गबन किया गया है.

आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि इस मामले में कोटेशन बनाकर एक फर्म को लाभ दिया गया है. निविदाएं नहीं निकाली गई, कई जगहों पर सिर्फ कागजों में ही हैंडपंप खोद दिए गए, सामग्रियों की खरीददारी एक ही पैमाने पर की गई. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

इस मामले में वर्तमान कार्यपालन यंत्री दिवाकर पटेल ने कहा कि हमने मास्टर प्लान बनाया है और भारत सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है कि जिले में सभी हैंड पंप बंद किए जाएं और घरों में नए कनेक्शन दिए जाएं. इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित विभाग से चर्चा करेंगे.

Intro:एंकर-- सीधी जिले में पीएचई विभाग की पोल एक आरटीआई कार्यकर्ता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी ने खोल कर रख दी है सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में विभाग ने 2015 16 में हैंडपंपों के खनन में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार हुआ है कागजों में लीपापोती कर करीब डेढ़ करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगाया गया जिसकी शिकायत की गई है जहां प्रशासन ने मामला संज्ञान में लेते हुए जांच करने की बात कही है।


Body:वॉइस ओवर(1)- सीधी के पीएचई विभाग ने बड़े व्यापक रूप में भ्रष्टाचार हुआ है हैंडपंप सुधार और खनन करने को लेकर 2015 2016 में एक ही फर्म के नाम पर निविदाएं निकाल कर घोटाला किया गया है यह आरोप भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने लगाया है एडवोकेट और कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी ने बताया कि हमने आरटीआई के तहत जानकारी निकाली तो पता चला कि इन पिछले वर्षों में कार्यपालन यंत्री बलेश्वर और दो कर्मचारी शिव शंकर पांडे और आजाद पाठक जिन की मिलीभगत से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई जिसकी शिकायत विभाग के उच्च अधिकारी तक की गई लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई इस मामले में कोटेशन बनाकर एक फर्म को लाभ दिया गया निविदाएं नहीं निकाली गई अनेक जगह हैंडपंप कागजों में खोद दिए गए , सामग्रियों की खरीद दारी एक ही पैमाने पर की गई बावजूद इसके प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है वहीं जब इस मामले में वर्तमान में कार्यपालन यंत्री दिवाकर पटेल से जानकारी ली गई तो ऑन कैमरा कुछ नहीं बोले लेकिन यह जरूर कहने लगे कि जिला को प्रकाश में लाने के लिए हम ने मास्टर प्लान बनाया है और भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि जिले में सभी हैंड पंप बंद किए जाएं और घरों में नए कनेक्शन दिए जाए वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर ने कहा कि मामला देखें और संबंधित विभाग से चर्चा करेंगे।
आनंद पांडे जिला भाकपा अध्यक्ष
बाइट(2)दिवाकर पटेल(कार्यपालन यंत्री पीएचई सीधी
बाइट(3)रावेंद्र कुमार चौधरी (कलेक्टर सीधी)


Conclusion:बहरहाल 2015 2016 में कार्यपालन यंत्री द्वारा घोटाला किया गया आरटीआई द्वारा निकाली गई जानकारी में बड़े रूप में भ्रष्टाचार सामने आया है जिसकी शिकायत की गई है देखना अब यह होगा कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या कोई कदम उठाता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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