सीधी। पीएचई विभाग में साल 2015-16 में हैंडपंप लगाने में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है. अधिकारियों ने कागजों में हेराफेरी कर डेढ़ करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगा दिया है. शिकायत मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच करने की बात कही है.
एक आरटीआई कार्यकर्ता व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. जिसमें पीएचई विभाग में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है. आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि हैंडपंप सुधार और खनन करने को लेकर पिछले वर्षों में कार्यपालन यंत्री बलेश्वर सहित दो कर्मचारी शिव शंकर पांडे और आजाद पाठक की मिलीभगत से एक ही फर्म के नाम पर निविदाएं निकाल कर करोड़ों रूपए का गबन किया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि इस मामले में कोटेशन बनाकर एक फर्म को लाभ दिया गया है. निविदाएं नहीं निकाली गई, कई जगहों पर सिर्फ कागजों में ही हैंडपंप खोद दिए गए, सामग्रियों की खरीददारी एक ही पैमाने पर की गई. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
इस मामले में वर्तमान कार्यपालन यंत्री दिवाकर पटेल ने कहा कि हमने मास्टर प्लान बनाया है और भारत सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है कि जिले में सभी हैंड पंप बंद किए जाएं और घरों में नए कनेक्शन दिए जाएं. इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि संबंधित विभाग से चर्चा करेंगे.