ETV Bharat / state

शिवपुरी: युवाओं ने शुरू की निजी गौशाला - निजी गौशाला

शिवपुरी की करैरा विधानसभा में युवाओं की टीम ने अनपी पॉकेट मनी के आधार पर निजी गौशाला शुरु की है.

Youth started private gaushala
युवाओं ने शुरू की निजी गौशाला
author img

By

Published : Dec 31, 2020, 4:15 PM IST

शिवपुरी। गौवंश के मुद्दे को लेकर सरकारें बनती हैं. राजनीति भी होती है. फिर भी आवारा गौवंश सड़कों पर नज़र आते हैं. सरकारें भले ही संजीदा न हुई हो, लेकिन करैरा में कुछ युवाओं ने गौवंश को लेकर उत्साह दिखाया ही. युवाओं ने निजी खर्चे पर गौशाला का संचालन शुरू किया है.

युवाओं ने शुरू की निजी गौशाला

करैरा के प्राचीन गणेश मंदिर के पास संचालित यह गौशाला सरकारी नहीं है. न ही सरकार के रहनुमाओं के दम पर ये संचालित है. इसका संचालन करैरा के ही कुछ गौसेवक युवा कर रहे हैं. वे अपनी पॉकेट मनी से यहां खर्च होने वाली राशि का प्रबंध करते हैं. श्रमदान कर गौ सेवा में लीन रहते हैं.

जनवरी में किया गया था गौशाला का निर्माण

इस गौशाला का निर्माण जनवरी 2020 में किया गया था. कई बार आंधी-तूफान ने युवाओं की मेहनत पर पानी भी फेरा. लेकिन युवाओं ने हार नहीं मानी. गौशाला का संचालन करने वाले युवा अमित तिवारी कहते हैं कि सड़कों पर घायल गौमाता की दीनहीन दशा को देखकर उन्होंने यह शुरुआत की है. पहले हाईवे किनारे ही एक कमरे में घायल रूप में मिलने वाले गौवंश को रखकर, उनका उपचार करते थे. बाद में जब जगह कम पड़ी तो गणेश मंदिर के पास पड़ी ब्राह्मण समाज की जमीन पर निजी रूप से गौशाला की शुरुआत कर दी.

गौशाला में युवाओं ने की है सभी व्यवस्था

सेवा भाव के तौर पर बनाई गई और संचालित इस गौशाला में वर्तमान में 50 से ज्यादा गौवंश हैं. यहां गायों को बांधने के लिए छप्पर डाले गए हैं. उन्हें पीने और नहाने के लिए पानी की व्यवस्था भी युवाओं ने पास के गणेश मंदिर की बोर से की है. गौवंश के लिए हरा चारा और भूसा की भी व्यवस्था की गई है. यहां 6 से 8 युवाओं की टीम है जो खुद गायों को नहलाने, चारा डालने और सफाई करने का काम करती है. अगर कोई गौवंश बीमार होता है, तो पहले युवा अपने स्तर पर उसका इलाज करते हैं. लेकिन जब हालत ज्यादा गंभीर होती है तो पशु चिक्तिसक को भी बुलाते हैं. कई कम उम्र के बालक भी इस गौशाला में सेवाएं दे रहे हैं.

सब करते हैं तारीफ

पशुपालन विभाग के डॉक्टर एमके गौतम भी युवाओं की इस पहल की तारीफ करते नहीं थकते है. विभाग ने जिले में गौशालाएं संचालित नहीं होने के सवाल पर तकनीकी समस्या होना बताया है. सरकारी स्तर पर गौशालाएं बनने के लिए पहल हुई. गौशालाएं बनाई भी गई. करैरा में भी चार पंचायतों में गौशालाएं बनकर तैयार हैं. लेकिन अब तक शुरू नहीं हो सकी हैं. जिस वजह से आज भी गौवंश सड़कों पर परेशानी का सबब बना हुआ है.

शिवपुरी। गौवंश के मुद्दे को लेकर सरकारें बनती हैं. राजनीति भी होती है. फिर भी आवारा गौवंश सड़कों पर नज़र आते हैं. सरकारें भले ही संजीदा न हुई हो, लेकिन करैरा में कुछ युवाओं ने गौवंश को लेकर उत्साह दिखाया ही. युवाओं ने निजी खर्चे पर गौशाला का संचालन शुरू किया है.

युवाओं ने शुरू की निजी गौशाला

करैरा के प्राचीन गणेश मंदिर के पास संचालित यह गौशाला सरकारी नहीं है. न ही सरकार के रहनुमाओं के दम पर ये संचालित है. इसका संचालन करैरा के ही कुछ गौसेवक युवा कर रहे हैं. वे अपनी पॉकेट मनी से यहां खर्च होने वाली राशि का प्रबंध करते हैं. श्रमदान कर गौ सेवा में लीन रहते हैं.

जनवरी में किया गया था गौशाला का निर्माण

इस गौशाला का निर्माण जनवरी 2020 में किया गया था. कई बार आंधी-तूफान ने युवाओं की मेहनत पर पानी भी फेरा. लेकिन युवाओं ने हार नहीं मानी. गौशाला का संचालन करने वाले युवा अमित तिवारी कहते हैं कि सड़कों पर घायल गौमाता की दीनहीन दशा को देखकर उन्होंने यह शुरुआत की है. पहले हाईवे किनारे ही एक कमरे में घायल रूप में मिलने वाले गौवंश को रखकर, उनका उपचार करते थे. बाद में जब जगह कम पड़ी तो गणेश मंदिर के पास पड़ी ब्राह्मण समाज की जमीन पर निजी रूप से गौशाला की शुरुआत कर दी.

गौशाला में युवाओं ने की है सभी व्यवस्था

सेवा भाव के तौर पर बनाई गई और संचालित इस गौशाला में वर्तमान में 50 से ज्यादा गौवंश हैं. यहां गायों को बांधने के लिए छप्पर डाले गए हैं. उन्हें पीने और नहाने के लिए पानी की व्यवस्था भी युवाओं ने पास के गणेश मंदिर की बोर से की है. गौवंश के लिए हरा चारा और भूसा की भी व्यवस्था की गई है. यहां 6 से 8 युवाओं की टीम है जो खुद गायों को नहलाने, चारा डालने और सफाई करने का काम करती है. अगर कोई गौवंश बीमार होता है, तो पहले युवा अपने स्तर पर उसका इलाज करते हैं. लेकिन जब हालत ज्यादा गंभीर होती है तो पशु चिक्तिसक को भी बुलाते हैं. कई कम उम्र के बालक भी इस गौशाला में सेवाएं दे रहे हैं.

सब करते हैं तारीफ

पशुपालन विभाग के डॉक्टर एमके गौतम भी युवाओं की इस पहल की तारीफ करते नहीं थकते है. विभाग ने जिले में गौशालाएं संचालित नहीं होने के सवाल पर तकनीकी समस्या होना बताया है. सरकारी स्तर पर गौशालाएं बनने के लिए पहल हुई. गौशालाएं बनाई भी गई. करैरा में भी चार पंचायतों में गौशालाएं बनकर तैयार हैं. लेकिन अब तक शुरू नहीं हो सकी हैं. जिस वजह से आज भी गौवंश सड़कों पर परेशानी का सबब बना हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.