शिवपुरी। ITBP- RTC करैरा के द्वारा दांगीपुरा गांव में प्रशिक्षणार्थियों को नक्सलियों से निपटने के लिए जंगल में अभ्यास कराया गया. अभ्यास के आखिरी दिन एंटी नक्सली गतिविधि का प्रदर्शन कराया गया. बता दें कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की तैनाती सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी होती है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों पर नक्सली हमलों का अंदेशा अक्सर बना रहता है और नक्सली अवसर पाकर सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला करने की फिराक में रहते हैं. इस प्रकार के हमलों से सावधान रहने व हमलों की कार्रवाई से निपटनें के लिए ITBP करैरा द्वारा अपने कर्मचारियों को जंगल का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है.
बता दें कि 6 दिन से दंगीपुरा गांव में आईटीबीपी के जवानों का जंगल अभ्यास चल रहा था. जिसका समापन रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर के DIG सुरेंद्र खत्री की उपास्थि में हुआ. इस दौरान प्रशिक्षण केंद्र के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. सेनानी प्रदर्शन देखने के लिए काफी संख्या में ग्रामीण पुरुष, बच्चे भी यहां पहुचे थे. पूरी तरह से पहाड़ों और जंगलों के बीच दांगीपुरा गांव का वातावण ठीक ऐसा लग रहा था जैसे वास्तव में ही यह कोई नक्सलाइट क्षेत्र हो.
प्रशिक्षण के बाद जवानों ने साझा किया अनुभव
प्रदर्शन के बाद इस प्रशिक्षण में शामिल जवानों और प्रशिक्षण दे रहे अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभव भी साझा किए और बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें कैसे और क्या सहायता मिली. जवानों को रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर प्रमुख डीआईजी सुरेंद्र खत्री ने भी संबोधित किया.
![Exercise conducted to tackle Naxalites](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-shi-kare-01-hamla-mpc10021_21022021072545_2102f_1613872545_670.jpg)
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बच्चों को दिए उपहार
रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर प्रमुख DIG सुरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने इस दौरान कार्यक्रम देखने पहुंचे बच्चों को उपहार भी भेंट किए और ग्रामीणों के सहयोग की सराहना करते हुए DIG ने उम्मीद जताई की इन बच्चों में से भी कुछ ऐसे होंगे जो बड़े होकर आईटीबीपी का हिस्सा बनेंगे.
पहली बार फील्ड में प्रशिक्षण
प्रशिक्षण उपरांत मीडिया से मुखातिब होते हुए DIG सुरेंद्र खत्री ने बताया कि अभी तक प्रशिक्षण संस्थान तक ही सीमित रहती थी लेकिन इस बार प्रशिक्षण फील्ड में पहली बार हुआ है. जिसमे ग्रामीणों का भी सहयोग मिला है. आगे भी इस तरह के फील्ड प्रशिक्षण की बात कही.