शिवपुरी। जिले के माधव नेशनल पार्क में बीते दिनों लाए गए तीन बाघों में से एक को बाड़े से रिलीज कर दिया गया है. अब 27 साल बाद एक बार फिर बाघ माधव नेशनल पार्क में खुले में विचरण करेगा. बता दें कि माधव नेशनल पार्क में 5 बाघ लाए जाने हैं. बीती 10 मार्च को बाघों की पहली खेप में से एक मादा और एक नर बाघ को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्क में रिलीज किया था. इसके दो दिन बाद पन्ना से लाई गई बाघिन को भी बाड़े में छोड़ा गया था.
दोपहर 4 बजे बाहर आया बाघ: माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर को सतपुड़ा से लाया गया नर बाघ बाड़े से बाहर निकाल दिया गया है. सुबह करीब 11 बजे बाड़े के दरवाजे को खोल दिया गया था. इसके बाद दोपहर 4 बजे बाघ बाड़े से बाहर आया. आगामी कुछ ही दिनों में दोनों मादा बाघों को भी बाड़े में छोड़ दिया जाएगा. माधव नेशनल पार्क झीलों, जंगलों और घास के मैदानों से भरा है. यहां नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, चीतल, सांभर और बार्किंग हिरण रहते हैं. तेंदुए, भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, साही, अजगर जैसे जानवर भी पार्क में देखे जाते हैं.
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1958 में मिला राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा: माधव नेशनल पार्क शिवपुरी शहर से सटा हुआ जंगल है. यह ऊपरी विंध्य पहाड़ियों का एक हिस्सा है. यह पार्क ग्वालियर के मुगल सम्राट और महाराजाओं की शिकारगाह हुआ करता था. इसे 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला. 60 के दशक में नेशनल पार्क का दायरा 167 वर्ग किलोमीटर तक सीमित था. अब इसे बढ़ाकर 375 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है. पार्क के लिए दो प्रवेश द्वार हैं. एक NH-25 पुराने झांसी रोड पर है, जो शिवपुरी शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है. दूसरा गेट NH-3 आगरा-मुंबई रोड पर शिवपुरी से ग्वालियर की ओर 7 किलोमीटर की दूरी पर है.