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शिवपुरी में जिला पंचायत सदस्य और विधायक प्रतिनिधी भिड़े, हुई गाली गलौज, वीडियो वायरल

शिवपुरी में जिला पंचायत की साधारण सभा में विवाद के चलते सभा स्थगित हो गई. सभा में विधायक प्रतिनिधि और जिला पंचायत सदस्यों के बीच विवाद और जमकर गाली गलौज हो गई.

dispute in Jila Panchayat Sabha meeting
जिला पंचायत सभा में भिड़ंत
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Published : Jul 25, 2023, 5:05 PM IST

जिला पंचायत सभा में भिड़ंत

शिवपुरी। जिला पंचायत में विकास कार्यों के लिए आने वाली पंद्रहवे वित्त की राशि के बंटवारे को लेकर इन दिनों पंचायत प्रतिनिधियों में तकरार की स्थिती बनी हुई है. इसी के चलते जिला पंचायत के साधारण सभा की बैठक लगातार दूसरी बार निरस्त करनी पड़ी है. सोमवार को बैठक की रिकार्डिंग किए जाने व अपनी राय रखने को लेकर जिपं सदस्य एवं विधायक प्रतिनिधी के बीच बहस हो गई. हालात यह बने कि बात गाली गलौज और एक दूसरे को देख लेने की धमकी देने तक पहुंच गए. अंतत: बैठक शुरू होने से पहले ही निरस्त हो गई. इस बैठक के आयोजन के लिए अब नई तिथी निर्धारित की जाएगी.

सभा में हुई गाली-गलौज: 20 जुलाई को जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 19 सदस्य नहीं पहुंचे और बैठक कोरम पूरा न होने के कारण निरस्त कर दी गई. जिला पंचायत सीईओ ने 24 जुलाई को पुन: बैठक का आयोजन किया . सोमवार को आयोजित हुई इस बैठक में जिला पंचायत सदस्य अंशुमन रावत व विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत के बीच कहा सुनी हो गई. जिसके चलते मामला गालीगलौज और एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने तक पहुंच गया. अंतत: लगातार दूसरी बार साधारण सभा की बैठक निरस्त कर दी गई.

एक-दूसरे पर आरोप: अंशुमन रावत का आरोप है कि विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत बैठक में हर बिंदु पर बोले जा रहे थे, जबकि जिला पंचायत सदस्यों को बोलने का मौका ही नहीं दे रहे थे. वहीं विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत का कहना है कि एक तो जिला पंचायत सदस्यों को पंद्रहवे वित्त की राशि के आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है, उनके हक को छीनने का प्रयास कर अपने चहेतों को पूरी विकास राशि आवंटित की जा रही है. बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष ने अनाधिकृत तौर पर कुछ लोगों को वहां खड़ा कर रखा था जो बैठक की रिकार्डिंग कर रहे थे. इसी बात पर उन्होंने विरोध दर्ज कराया कि अनाधिकृत रूप से लोग यहां क्यों हैं? और किस लिहाज से रिकार्डिंग कर रहे हैं? जब जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी ने उन अनाधिकृत रूप से घुसे लोगों को बाहर निकाला तो जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव के पति अमित यादव सभा कक्ष के अंदर आकर गाली गलौज करते हुए धमकी देने लगे.

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जिलाध्यक्ष ने दी सफाई: इस पूरे मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने बताया कि पूरा विवाद विधायक प्रतिनिधी द्वारा हर बिंदु पर बोलने और रिकार्डिंग को लेकर शुरू हुआ था. उनके अनुसार विधायक प्रतिनिधी सिर्फ विधायक के लिखे हुए पत्र को लाकर सभा में दे सकते हैं. अगर वह किसी बिंदु पर बोलना चाहते हैं तो उन्हें पहले अध्यक्ष की अनुमति लेनी होती है, जबकि विधायक प्रतिनिधी ऐसा नहीं कर रहे थे. दूसरी ओर विधायक प्रतिनिधी को बैठक की रिकार्डिंग किए जाने को लेकर नाराजगी थी, जबकि जिला पंचायत, विधानसभा और लोकसभा की तरह स्वतंत्र संस्था है. यहां रिकार्डिंग की जा सकती है और लाइव टेलीकास्ट भी कराया जा सकता है.

जिला पंचायत सभा में भिड़ंत

शिवपुरी। जिला पंचायत में विकास कार्यों के लिए आने वाली पंद्रहवे वित्त की राशि के बंटवारे को लेकर इन दिनों पंचायत प्रतिनिधियों में तकरार की स्थिती बनी हुई है. इसी के चलते जिला पंचायत के साधारण सभा की बैठक लगातार दूसरी बार निरस्त करनी पड़ी है. सोमवार को बैठक की रिकार्डिंग किए जाने व अपनी राय रखने को लेकर जिपं सदस्य एवं विधायक प्रतिनिधी के बीच बहस हो गई. हालात यह बने कि बात गाली गलौज और एक दूसरे को देख लेने की धमकी देने तक पहुंच गए. अंतत: बैठक शुरू होने से पहले ही निरस्त हो गई. इस बैठक के आयोजन के लिए अब नई तिथी निर्धारित की जाएगी.

सभा में हुई गाली-गलौज: 20 जुलाई को जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई थी बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 19 सदस्य नहीं पहुंचे और बैठक कोरम पूरा न होने के कारण निरस्त कर दी गई. जिला पंचायत सीईओ ने 24 जुलाई को पुन: बैठक का आयोजन किया . सोमवार को आयोजित हुई इस बैठक में जिला पंचायत सदस्य अंशुमन रावत व विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत के बीच कहा सुनी हो गई. जिसके चलते मामला गालीगलौज और एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने तक पहुंच गया. अंतत: लगातार दूसरी बार साधारण सभा की बैठक निरस्त कर दी गई.

एक-दूसरे पर आरोप: अंशुमन रावत का आरोप है कि विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत बैठक में हर बिंदु पर बोले जा रहे थे, जबकि जिला पंचायत सदस्यों को बोलने का मौका ही नहीं दे रहे थे. वहीं विधायक प्रतिनिधी यशपाल रावत का कहना है कि एक तो जिला पंचायत सदस्यों को पंद्रहवे वित्त की राशि के आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है, उनके हक को छीनने का प्रयास कर अपने चहेतों को पूरी विकास राशि आवंटित की जा रही है. बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष ने अनाधिकृत तौर पर कुछ लोगों को वहां खड़ा कर रखा था जो बैठक की रिकार्डिंग कर रहे थे. इसी बात पर उन्होंने विरोध दर्ज कराया कि अनाधिकृत रूप से लोग यहां क्यों हैं? और किस लिहाज से रिकार्डिंग कर रहे हैं? जब जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी ने उन अनाधिकृत रूप से घुसे लोगों को बाहर निकाला तो जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव के पति अमित यादव सभा कक्ष के अंदर आकर गाली गलौज करते हुए धमकी देने लगे.

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