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शिवपुरी : 15 दिन के बच्चे का डॉक्टर ने नहीं किया इलाज, नोटिस जारी

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Published : May 23, 2020, 9:53 PM IST

जिला अस्पताल में एक डॉक्टर ने महिला के बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया. महिला रात भर वेटिंग रुम में बच्चे को लेकर बैठी रही, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसकी सुध लेने को तैयार नही था. मीडिया को जब इस बात की भनक लगी तो सिविल सर्जन को मामले की जानकारी दी गई.

Mother sitting in hospital
हॉस्पिटल में बैठी रही मां

शिवपुरी। जिला अस्पताल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. इस मामले में एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने एक महिला के 15 दिन के मासूम का इलाज करने से इनकार करते हुए उसे वहां से भगा दिया. महिला पूरी रात बेहोश बेटे को लेकर वेटिंग रुम में इस आस में बैठी रही कि कोई आएगा और उसके बेटे का इलाज करेगा.

हॉस्पिटल में बैठी रही मां

दरअसल ठाकुरपुरा निवासी सुनीता जाटव को 15 दिन पहले बेटा हुआ था. बेटे की तबीयत बिगड़ जाने से वह दूध पीने से ही उल्टी कर रहा था. बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने से सुनीता उसे अस्पताल लाई. लेकिन एक महिला डॉक्टर ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि उसके बेटे को कुछ नही हुआ है. वापस लौटने पर दिन में फिर से बच्चे की तबियत बिगड़ने पर वह प्राइवेट डॉक्टर के यहां गई. डॉ. एमडी गुप्ता ने महिला को कहा कि इसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दो. महिला सरकारी हॉस्पिटल में गई तो वहां की डॉक्टर ने बच्चे को देखने से मना कर दिया.

डॉक्टर के भगाए जाने के बाद भी सुनीता रातभर वेटिंग एरिया में बैठी रोती रही. मामले की जानकारी मीडिया को मिली तो मामले की सूचना सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे को दी गई. उन्होंने तत्काल बच्चे को SNCU वार्ड में भर्ती करवाया.

सिविल सर्जन पीके खरे ने कहा कि रात में ड्यूटी पर संकल्प जैन थे, जिनकी पहले भी इस तरह की लापरवाही सामने आती रही है. संकल्प को नोटिस जारी कर दिया है. अगर उन्होंने कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया तो उनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की जाएगी.

शिवपुरी। जिला अस्पताल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. इस मामले में एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने एक महिला के 15 दिन के मासूम का इलाज करने से इनकार करते हुए उसे वहां से भगा दिया. महिला पूरी रात बेहोश बेटे को लेकर वेटिंग रुम में इस आस में बैठी रही कि कोई आएगा और उसके बेटे का इलाज करेगा.

हॉस्पिटल में बैठी रही मां

दरअसल ठाकुरपुरा निवासी सुनीता जाटव को 15 दिन पहले बेटा हुआ था. बेटे की तबीयत बिगड़ जाने से वह दूध पीने से ही उल्टी कर रहा था. बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने से सुनीता उसे अस्पताल लाई. लेकिन एक महिला डॉक्टर ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि उसके बेटे को कुछ नही हुआ है. वापस लौटने पर दिन में फिर से बच्चे की तबियत बिगड़ने पर वह प्राइवेट डॉक्टर के यहां गई. डॉ. एमडी गुप्ता ने महिला को कहा कि इसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दो. महिला सरकारी हॉस्पिटल में गई तो वहां की डॉक्टर ने बच्चे को देखने से मना कर दिया.

डॉक्टर के भगाए जाने के बाद भी सुनीता रातभर वेटिंग एरिया में बैठी रोती रही. मामले की जानकारी मीडिया को मिली तो मामले की सूचना सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे को दी गई. उन्होंने तत्काल बच्चे को SNCU वार्ड में भर्ती करवाया.

सिविल सर्जन पीके खरे ने कहा कि रात में ड्यूटी पर संकल्प जैन थे, जिनकी पहले भी इस तरह की लापरवाही सामने आती रही है. संकल्प को नोटिस जारी कर दिया है. अगर उन्होंने कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया तो उनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की जाएगी.

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