शिवपुरी। जिले के एक गांव की बुजुर्ग महिला ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए नजीर पेश की है. महिला ने स्वयं के रहने के लिए मिला दो कमरों का पक्का प्रधानमंत्री आवास बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल को दान कर दिया. महिला स्वयं अब स्कूल के पास ही बनी टूटी-फूटी झोपड़ी में रहकर जीवन यापन कर रही है. दरअसल शिवपुरी जिले के फार्म का पुरा गांव में बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भवन नहीं है. बस्ती के बच्चों को पढ़ाई से वंचित होते देखा गांव की ही बुजुर्ग महिला शीला आदिवासी ने खुद के लिए मिला प्रधानमंत्री आवास स्कूल के लिए दान कर दिया.
एमएनपी में आने के कारण विस्थापित हुआ था गांव: शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क की सीमा में आने की वजह से फार्म का पुरा गांव के डेढ़ सौ परिवारों को 9 साल पहले विस्थापित कर आगरा मुंबई नेशनल हाईवे से लगे सतनवाड़ा गांव के पास बसाया गया था. विस्थापन के बाद सरकार द्वारा यहां स्कूल और आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किए गए, लेकिन 9 साल गुजर जाने के बाद भी स्कूल और आंगनवाड़ी भवन अभी तक अधूरे पड़े हुए हैं.
पीएम आवास में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे: शिवपुरी जिले की सतनवाड़ा खुर्द पंचायत के अंतर्गत आने वाले फार्म का पुरा गांव के प्राइमरी स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 5 तक 51 बच्चों का नामांकन है. जिन्हें पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. लेकिन स्कूल भवन नहीं होने की वजह से दो कमरों के पीएम आवास में कक्षा एक और 2 की क्लास लग पा रही है. बाकी बच्चों को चबूतरे पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है.
राशि मिलते ही स्कूल भवन का निर्माण कराएंगे: शिवपुरी बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा ने बताया कि ''शासन स्तर पर राशि नहीं आने के कारण स्कूल भवन का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जैसे ही राशि प्राप्त होगी स्कूल भवन का निर्माण कराया जाएगा."