शिवपुरी। जिले की चालीस हजार की आबादी वाली करैरा नगर परिषद में अब तक एक स्थाई सब्जी मंडी नहीं है. यही कारण है कि सब्जी विक्रेता हाथ ठेलों पर या फुटपाथ पर ही सब्जी की दुकानें लगते है. सड़क पर सब्जी मंडी लगने से यातायात व्यवस्था बाधित होती है, जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. यहां नगर परिषद अध्यक्ष पद पर बीते पंद्रह साल से कोमल साहू के परिवार का कब्जा है. दो बार वह खुद, तो एक बार उनकी पत्नी रजनी साहू यहां अध्यक्ष रही हैं. चुनाव जीतने के लिए उन्होंने हर बार सब्जी मंडी की व्यवस्था करने की बात कही लेकिन जीतने के बाद आज तक सब्जी मंडी नहीं बन सकी. नतीजा यह की अब उनके निवास के आगे ही सब्जी के ठेले लगते है. शहर की इस विकराल समस्या से नागरिक भी परेशान है और सब्जी की दुकान लगाने वाले भी.
श्योपुर-शिवपुरी हाइवे पर लगा चार किमी लम्बा जाम, 12 घंटे बाद खुला
सड़क पर मंडी लगने से लगता जाम
थोक सब्जी और फल मंडी के आढ़तिया भी दुकान अब अपनी खुद की जगह में न लगाकर सड़क पर लगाने लगे हैं. बस स्टैंड के बाहर मुख्य सड़क पर अल सुबह 6 से 8 बजे तक मंडी लगाने वालों का कब्जा हो जाता है. तराजू कांटे, सामान सब सड़क पर रख दिया जाता है, जिससे यहां कम से कम दो घंटे के लिए पूरी तरह जाम लग जाता है. इस पर न तो नगर परिषद प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही पुलिस. इससे इन सब्जी और फल विक्रेताओं के हौसले इतने बुलंद है की यह वाहन चालकों से झगड़ने तक को तैयार हो जाते हैं.
अध्यक्ष के घर के आगे ही अतिक्रमण
सब्जी मंडी न होने से हालात काफी खराब है. सब्जी बेचने वाले अब तो पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू के घर के सामने ही अतिक्रमण कर ठेले लगाने लगे है. अपने वादे को पूरा न कर पाने वाले पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू अब इन ठेलों को हटावा भी नहीं पा रहे हैं क्योंकि चौथी बार भी वह चुनाव लड़ने के मूड में है. इतना जरूर है कि कोमल साहू सब्जी मंडी की व्यवस्था न होने का ठीकरा अधिकारियों के सर फोड़ रहे है. उनका कहना है कि उन्होंने तो सब्जी मंडी के लिए जगह चिन्हित की थी लेकिन अधिकारियों ने साथ नहीं दिया.
विपक्ष बनाएगा चुनावी मुद्दा
करैरा की सड़कों की यह तस्वीरें बताती है कि यहां सब्जी मंडी की समस्या कितनी विकराल है. विपक्षी पार्टी भी अब आने वाले नगर परिषद चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की बात कर रही है. विपक्ष यह भी कहता है कि प्रदेश में पंद्रह साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही और अभी भी है. उसी पार्टी के कोमल साहू अध्यक्ष भी रहे और अगर इसके बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जनता अब इसका जबाब चुनाव में देगी.
नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में भले ही बड़े मुद्दे न रहे, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के साथ नगर विकास के मुद्दे तो चुनाव में रहते ही है. 15 सालों से सब्जी मंडी न बन पाने का मुद्दा इस बार चुनाव के केंद्र में रहेगा. देखने वाली बात यह होगी के इस बार इस मुद्दे को लेकर दोनों पार्टियां क्या एजेंडा तय करेगी.