शिवपुरी। कूनो नेशनल पार्क से भागे नीमीबियाई चीते को वापस पार्क में ले जाने के लिए वन विभाग के अब तक किए प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. नीमीबियाई चीता ओवान ने पिछले 3 दिन में सोमवार को बैराड़ तहसील क्षेत्र के जरिया खुर्द गांव के पास खेतों में एक काले हिरण को अपना शिकार बनाकर अपनी भूख मिटाई. जिसके बाद चीता जरिया खुर्द से मारौरा-झलवासा गांव के खेतों से होकर माधव नेशनल पार्क की सीमा में प्रवेश कर गया. जहां एक ओर वन विभाग चीते को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू करने से इंकार कर चुका है. वहीं दूसरी ओर नीमीबियाई चीते ओवान का फिलहाल कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लौटना नामुमकिन नजर आ रहा है.
बैराड़ तहसील के जंगल में भी दिखा : चीता ओवान रविवार को पूरे दिन शिवपुरी जिले की बैराड़ तहसील क्षेत्र के रिहायशी इलाके के आसपास खेतों में घूमता नजर आया. चीते के रिहायशी इलाके के आसपास घूमने से जहां एक ओर ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है वहीं दूसरी ओर युवाओं में चीते को देखने की उत्सुकता देखी जा रही है. सैकड़ों की संख्या में मौजूद गांवों के युवा अपने मोबाइल से चीते की वीडियो बनाते नजर आए. चीता ओवान सबसे पहले बैराड़ तहसील क्षेत्र के जौराई गांव में देखा गया. जिसके बाद चीता कैमई रैय्यान और देवपुरा गांव के खेतों में चहलकदमी करता नजर आया.
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11 दिन पहले ही किया रेस्क्यू : 11 दिन पहले कूनो नेशनल पार्क से भागे चीते ओवान को दक्षिण अफ्रीका से आई टीम ने डॉक्टरों की मौजूदगी में बैराड़ तहसील क्षेत्र के डाबरपुरा रामपुरा गांव से ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था. इसके बाद ओवान चीते को वापस कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. वन विभाग और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम समय में दोबारा से चीते को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू नहीं किया जा सकता है. इसलिए वन विभाग फिलहाल चीते की सुरक्षा में उसके आसपास लगा हुआ है. इसके लिए वन विभाग स्थानीय पुलिस प्रशासन की मदद भी ले रहा है. वन विभाग चीते को दोबारा से कूनो नेशनल पार्क क्षेत्र में ले जाने की कवायद में जुटा हुआ है.