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MP Shivpuri: स्कूल की क्षतिग्रस्त छत का एक हिस्सा गिरा, अवकाश होने के कारण हादसा टला

शिवपुरी जिले के खनियाधाना जनपद शिक्षा केंद्र अंतर्गत एकीकृत शाला बामौरकलां में बीते रोज स्कूल की क्षतिग्रसत छत का एक हिस्सा गिर गया. स्कूल का अवकाश होने के कारण कोई नहीं था. इस कारण बड़ा हादसा टल गया. स्कूल का भवन काफी पुराना है.

school roof A part of damaged
स्कूल की क्षतिग्रस्त छत का एक हिस्सा गिरा
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Published : Apr 6, 2023, 9:47 AM IST

शिवपुरी। 3 अप्रैल 2023 को बामौरकलां एकीकृत विद्यालय के छत की पटिया अचानक टूट कर जमीन पर गिर पड़ीं. 3 अप्रैल को स्कूल का अवकाश होने के कारण उस दिन कोई बच्चा स्कूल में नहीं था. इस कारण हादसा टल गया. बताया जा रहा है कि इस स्कूल में अभी भी छत की कई पटियां टूटी हुई हैं, जो कभी भी टूट कर गिर सकती हैं.खास बात यह है कि ये पटिया लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं, लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

1949 का बना है स्कूल भवन : स्कूल के हेडमास्टर अंबिका त्रिपाठी का कहना है कि यह स्कूल वर्ष 1949 का बना हुआ है. इस कारण छत की पटिया लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं. अंबिका त्रिपाठी के अनुसार उन्होंने कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया कि छत क्षतिग्रस्त है. इस पर अधिकारियों ने उन्हें यह कह दिया कि छत की मरम्मत करवा लें. इस पर हमने मरम्मत करवा ली थी, लेकिन इसके बाबजूद पटिया गिर गए. हेड मास्टर का कहना है कि अभी 12 पटिया टूटी हैं और भी चार पटिया और टूटने की आशंका है.

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जिम्मेदारों को सुध नहीं : हेडमास्टर का कहना है कि जो पटिया अभी टूटी हुई हैं. उन्हें हम जल्द ही हटवाएंगे. फिलहाल लेबर नहीं मिल पा रही है. इस कारण उन्हें हटवा नहीं पाए हैं. जल्द ही इन टूटी हुई पटिया को वहां से हटवाएंगे. इस पूरे मामले में जब बीआरसीसी संजय भदौरिया को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किया. इस घटना को लेकर ग्रामीणों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर रोष है. वहीं, जिम्मेदारों को इसकी सुध नहीं है.

शिवपुरी। 3 अप्रैल 2023 को बामौरकलां एकीकृत विद्यालय के छत की पटिया अचानक टूट कर जमीन पर गिर पड़ीं. 3 अप्रैल को स्कूल का अवकाश होने के कारण उस दिन कोई बच्चा स्कूल में नहीं था. इस कारण हादसा टल गया. बताया जा रहा है कि इस स्कूल में अभी भी छत की कई पटियां टूटी हुई हैं, जो कभी भी टूट कर गिर सकती हैं.खास बात यह है कि ये पटिया लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं, लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

1949 का बना है स्कूल भवन : स्कूल के हेडमास्टर अंबिका त्रिपाठी का कहना है कि यह स्कूल वर्ष 1949 का बना हुआ है. इस कारण छत की पटिया लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं. अंबिका त्रिपाठी के अनुसार उन्होंने कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया कि छत क्षतिग्रस्त है. इस पर अधिकारियों ने उन्हें यह कह दिया कि छत की मरम्मत करवा लें. इस पर हमने मरम्मत करवा ली थी, लेकिन इसके बाबजूद पटिया गिर गए. हेड मास्टर का कहना है कि अभी 12 पटिया टूटी हैं और भी चार पटिया और टूटने की आशंका है.

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जिम्मेदारों को सुध नहीं : हेडमास्टर का कहना है कि जो पटिया अभी टूटी हुई हैं. उन्हें हम जल्द ही हटवाएंगे. फिलहाल लेबर नहीं मिल पा रही है. इस कारण उन्हें हटवा नहीं पाए हैं. जल्द ही इन टूटी हुई पटिया को वहां से हटवाएंगे. इस पूरे मामले में जब बीआरसीसी संजय भदौरिया को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किया. इस घटना को लेकर ग्रामीणों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर रोष है. वहीं, जिम्मेदारों को इसकी सुध नहीं है.

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