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MP Shivpuri बिजली कंपनी के दफ्तर में सुसाइड नोट छोड़कर कर्मचारी गायब, रेलवे स्टेशन पर मिला

शिवपुरी जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मानीपुरा में बिजली कंपनी के ऑफिस के कमरे में एक आउटसोर्स कर्मचारी द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट चर्चा में है. सुसाइड नोट पढ़कर बिजली कंपनी के कर्मचारियों सहित अधिकारियों के होश उड़ गए. आननफानन में आउटसोर्स कर्मचारी को ढूंढा गया. कुछ ही घंटे में आउटसोर्स कर्मचारी को शिवपुरी रेलवे स्टेशन से दस्तयाब कर लिया गया.

MP Shivpuri Employee missing leaving suicide note
बिजली कंपनी के दफ्तर में सुसाइड नोट छोड़कर कर्मचारी गायब
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Published : Jan 14, 2023, 7:34 PM IST

शिवपुरी। कोलारस बिजली कंपनी के ऐई आशुतोष सिंह ने बताया कि शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी के रहने वाला जफर अली यहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर पदस्थ है. बीते रोज जफर शाम के समय अपना बैग मोबाइल और दो सुसाइड नोट ऑफिस के कमरे में छोड़कर चला गया. फील्ड वर्क को निपटाने के बाद जब बिजली विभाग के बाबू विनोद राठौर कमरे में गए तो पाया कि जफर अली की टेबल पर उसका बैग, एक मोबाइल और दो पत्र रखे हुए थे जिन्हें पढ़कर सभी के होश उड़ गए.

ये लिखा सुसाइड नोट में : आनन-फानन में कोलारस कस्बे में पदस्थ सभी कर्मचारियों को जफर की तलाश में जुटा दिया गया. जफर के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया. कई घंटों की तलाश के बाद जफर परिजनों को शिवपुरी के रेलवे स्टेशन पर मिल गया. इसके बाद परिजन उसे घर ले गए. जफर अली ने ऑफिस के कमरे में जो सुसाइड नोट छोड़ा था, उस पर लिखा हुआ था. "अस्सलाम वालेकुम मम्मी पापा. मुझे माफ कर देना. मैं अपनी जिंदगी खत्म करने जा रहा हूं. मैं जिंदगी से हार गया हूं. मैं कहीं मरने जा रहा हूं. अगर मेरी लाश किसी को मिलेगी तो वह लोग आपके पास पहुंचा देंगे. मेरी बीवी और बच्चे का बहुत ख्याल रखना."

आर्थिक तंगी का हवाला : इसके साथ ही सुसाइड नोट में लिखा " मैं जीना चाहता था लेकिन मैं अपने घरवालों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहा हूं. मुझे माफ कर देना (पत्नी), मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा, मैं बहुत दिनों से मरने की सोच रहा था, लेकिन आज मैं मरने जा रहा हूं. मेरी लाश आप लोगों को मिले तो दादा के पास दफना देना. आप सभी लोग मुझे माफ कर देना." जफर अली ने एक और नोट लिखकर अपनी टेबल पर विनोद राठौर के नाम छोड़ा हुआ था इस नोट में लिखा था विनोद भाई साहब आप मेरा बैग और मोबाइल मेरे घर पर पहुंचा देना और यह पत्र भी दे देना. मेरे भाई का मोबाइल नंबर ××××××9186 है. माफ कर देना मुझे.

Shivpuri : डंडा बैंक परेशान कर रहा है , फांसी लगाएंगे, जहर खाएंगे, RTO और प्रशासन होगा जिम्मेदार

एक साल पहले हुई थी शादी : बिजली कंपनी के एई ने बताया कि जफर अली की शादी एक वर्ष पहले हुई थी. हाल ही में उसे एक बच्चा भी हुआ था. जफर अली को वेतन के तौर पर दस हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. संभवतः जफर अली खर्चे को लेकर परेशान था. इसका उल्लेख सुसाइड नोट में भी जफर ने किया है. इस मामले में जफर अली और उसके परिजनों से फोन पर बात करना चाही तो किसी से भी फोन पर बात न हो सकी है. वहीं इस मामले को लेकर बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली कि कोई अनहोनी नहीं हुई.

शिवपुरी। कोलारस बिजली कंपनी के ऐई आशुतोष सिंह ने बताया कि शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी के रहने वाला जफर अली यहां कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर पदस्थ है. बीते रोज जफर शाम के समय अपना बैग मोबाइल और दो सुसाइड नोट ऑफिस के कमरे में छोड़कर चला गया. फील्ड वर्क को निपटाने के बाद जब बिजली विभाग के बाबू विनोद राठौर कमरे में गए तो पाया कि जफर अली की टेबल पर उसका बैग, एक मोबाइल और दो पत्र रखे हुए थे जिन्हें पढ़कर सभी के होश उड़ गए.

ये लिखा सुसाइड नोट में : आनन-फानन में कोलारस कस्बे में पदस्थ सभी कर्मचारियों को जफर की तलाश में जुटा दिया गया. जफर के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया. कई घंटों की तलाश के बाद जफर परिजनों को शिवपुरी के रेलवे स्टेशन पर मिल गया. इसके बाद परिजन उसे घर ले गए. जफर अली ने ऑफिस के कमरे में जो सुसाइड नोट छोड़ा था, उस पर लिखा हुआ था. "अस्सलाम वालेकुम मम्मी पापा. मुझे माफ कर देना. मैं अपनी जिंदगी खत्म करने जा रहा हूं. मैं जिंदगी से हार गया हूं. मैं कहीं मरने जा रहा हूं. अगर मेरी लाश किसी को मिलेगी तो वह लोग आपके पास पहुंचा देंगे. मेरी बीवी और बच्चे का बहुत ख्याल रखना."

आर्थिक तंगी का हवाला : इसके साथ ही सुसाइड नोट में लिखा " मैं जीना चाहता था लेकिन मैं अपने घरवालों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहा हूं. मुझे माफ कर देना (पत्नी), मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा, मैं बहुत दिनों से मरने की सोच रहा था, लेकिन आज मैं मरने जा रहा हूं. मेरी लाश आप लोगों को मिले तो दादा के पास दफना देना. आप सभी लोग मुझे माफ कर देना." जफर अली ने एक और नोट लिखकर अपनी टेबल पर विनोद राठौर के नाम छोड़ा हुआ था इस नोट में लिखा था विनोद भाई साहब आप मेरा बैग और मोबाइल मेरे घर पर पहुंचा देना और यह पत्र भी दे देना. मेरे भाई का मोबाइल नंबर ××××××9186 है. माफ कर देना मुझे.

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एक साल पहले हुई थी शादी : बिजली कंपनी के एई ने बताया कि जफर अली की शादी एक वर्ष पहले हुई थी. हाल ही में उसे एक बच्चा भी हुआ था. जफर अली को वेतन के तौर पर दस हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. संभवतः जफर अली खर्चे को लेकर परेशान था. इसका उल्लेख सुसाइड नोट में भी जफर ने किया है. इस मामले में जफर अली और उसके परिजनों से फोन पर बात करना चाही तो किसी से भी फोन पर बात न हो सकी है. वहीं इस मामले को लेकर बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली कि कोई अनहोनी नहीं हुई.

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