शिवपुरी/दमोह। शहर में लगातार सुअरों की हो रही मौतें अज्ञात बीमारी से नहीं बल्कि स्वाइन फ्लू जैसे घातक संक्रमण के चलते हो रही है. यह खुलासा उस समय हुआ जब मृत सुअरों के सेंपल रिपोर्ट सामने आई. दरअसल रिपोर्ट में सुअरों की मौत स्वाइन फ्लू से होना बताया गया है. बता दें कि स्वाइन फ्लू संक्रमण इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है. (MP Swine Flu) इसके अलावा हमोह में एक हफ्ते के अंदर 3000 से अधिक सुअरों की मौत हो गई है, इसके बाद भी पशु चिकित्सा ने अब तक मामले में कोई जांच नहीं की है.
लगातार हो रही सुअरों की मौत: शिवपुरी में पिछले दो महीनों से लगातार सुअर मर रहे हैं, लगातार मर रहे सुअरों के कारण लोग बेहद परेशान थे. इसे पहले तो नगर पालिका नजरअंदाज कर रही थी लेकिन जब वार्ड क्रमांक-15 में 24 दिसंबर को कुछ सुअर मरे मिले तो स्थानीय रहवासी उन्हें नगर पालिका लेकर पहुंचे. तब नगर पालिका के सीएमओ केशव सिंह सगर ने इसकी जानकारी पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा. एमसी तमोली को दी.
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इंसान भी बरतें सावधानी: पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डा. एमसी तमोली ने मृत सुअरों का पीएम करवाकर सैंपल जांच के लिए लैब भिजवाए, इसके बाद रिपोर्ट में दोनों ही सुअरों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई. इस संबंध में डॉ. एमसी तमोली ने बताया कि, "रिपोर्ट में दोनों मृत सुअरों के सैंपलों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, लोग भी सावधानी बरतें क्योंकि ये संक्रमण इंसानों को भी नुकसान पहुंचा सकता है."
एक सप्ताह में 3000 सुअरों की मौत: दमोह में भी अब स्वाइन फ्लू कहर बरपा रहा है, पिछले एक सप्ताह में करीब 3000 से अधिक सुअरों की मौत हो चुकी है, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है. पिछले दिनों हटा में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मामले देखे जाने के बाद हरकत में आए पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 150 से ज्यादा सूअरों को इंजेक्शन लगा कर मार दिया था, जिसके कारण वहां पर स्वाइन फ्लू गंभीर रूप से नहीं फैल पाया. लेकिन दमोह में स्थिति एकदम उलट है, यहां पर पिछले 1 सप्ताह में 3000 से अधिक सुअर अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं, फिर भी पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. सुअर पालकों की मानें तो रोजाना दर्जनों की संख्या में सुअर मर रहे हैं, सूअर क्यों मर रहे हैं और क्या बीमारी है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.