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MP Shivpuri पत्नी को जलाकर मारने वाले पति और सौतन को आजीवन कारावास, नाबालिग से कुकर्म में 20 साल की सजा

शिवपुरी न्यायालय ने अपनी पत्नी को जलाकर मार डालने वाले पति और महिला की सौतन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने ये सजा सुनाई. दोनों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है. अर्थदंड न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना पड़ सकता है. एक अन्य मामले में शिवपुरी न्यायालय की विशेष पॉक्सो न्यायाधीश दिपाली शर्मा ने एक बालक के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी को दोषी माना है. न्यायाधीश ने आरोपी को 20 साल की कैद के साथ तीन हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है.

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Published : Dec 24, 2022, 8:01 PM IST

20 years for misbehavior with minor
MP Shivpuri पत्नी को जलाकर मार डालने वाले पति और सौतन को आजीवन कारावास

शिवपुरी। मामले के अनुसार रन्नौद के ढेंकुआ गांव के रहने वाले जगदीश यादव की दो शादियां हुईं थीं. जगदीश दोनों पत्नियों के साथ रहता था. जगदीश की पहली पत्नी का नाम सुखवती तो दूसरी पत्नी का नाम इंद्रा यादव था. 26 अप्रैल 2019 की सुबह 6 बजे इंद्रा अपने घर के बाहर झाडू लगा रही थी. इसी दौरान जगदीश यादव व उसकी पत्नी सुखवती आए और इंद्रा को गालियां देने लगे. जगदीश की पहली पत्नी सुखवती ने इंद्रा को जान से मारने की मंशा से उस पर केरोसिन उड़ेल दिया और जगदीश यादव ने माचिस की तीली जलाकर उसे आग के हवाले कर दिया था. महिला को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां से भी ग्वालियर रेफर कर दिया गया था. ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान इंद्रा ने दम तोड़ दिया था. शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक धीरज जामदार ने की.

नाबालिग से कुकर्म में 20 साल की सजा : सतनवाड़ा की रहने वाली एक महिला ने अपने बालक के साथ सतनबाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके नाबालिग बेटे को जसवंत पुत्र मेहरबान आदिवासी निवासी ऐरावन सतनवाड़ा अपने साथ खेत पर मवेशी भगाने की कहकर ले गया था. बाद में जसवंत ने बालक के साथ खाली पड़े खंडर होटल में कुकर्म किया और बाद में बालक को घर छोडक़र भाग गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ पॉक्सों एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. बाद में पुलिस ने विवेचना कर चालान कोर्ट में पेश किया. पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी एडीपीओ प्रीति संत द्वारा की गई थी।

MP Anuppur बहन को जान से मारने की धमकी देकर नाबालिग का अपहण व दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष की सजा

याचिका वापस लेने का आग्रह : जबलपुर के बरगी हिल्स के समीप प्रदेश सरकार द्वारा आईटी पार्क व सिटी के लिए जमीन आवंटित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए संज्ञान याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये.

शिवपुरी। मामले के अनुसार रन्नौद के ढेंकुआ गांव के रहने वाले जगदीश यादव की दो शादियां हुईं थीं. जगदीश दोनों पत्नियों के साथ रहता था. जगदीश की पहली पत्नी का नाम सुखवती तो दूसरी पत्नी का नाम इंद्रा यादव था. 26 अप्रैल 2019 की सुबह 6 बजे इंद्रा अपने घर के बाहर झाडू लगा रही थी. इसी दौरान जगदीश यादव व उसकी पत्नी सुखवती आए और इंद्रा को गालियां देने लगे. जगदीश की पहली पत्नी सुखवती ने इंद्रा को जान से मारने की मंशा से उस पर केरोसिन उड़ेल दिया और जगदीश यादव ने माचिस की तीली जलाकर उसे आग के हवाले कर दिया था. महिला को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां से भी ग्वालियर रेफर कर दिया गया था. ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान इंद्रा ने दम तोड़ दिया था. शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक धीरज जामदार ने की.

नाबालिग से कुकर्म में 20 साल की सजा : सतनवाड़ा की रहने वाली एक महिला ने अपने बालक के साथ सतनबाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके नाबालिग बेटे को जसवंत पुत्र मेहरबान आदिवासी निवासी ऐरावन सतनवाड़ा अपने साथ खेत पर मवेशी भगाने की कहकर ले गया था. बाद में जसवंत ने बालक के साथ खाली पड़े खंडर होटल में कुकर्म किया और बाद में बालक को घर छोडक़र भाग गया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ पॉक्सों एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. बाद में पुलिस ने विवेचना कर चालान कोर्ट में पेश किया. पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी एडीपीओ प्रीति संत द्वारा की गई थी।

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याचिका वापस लेने का आग्रह : जबलपुर के बरगी हिल्स के समीप प्रदेश सरकार द्वारा आईटी पार्क व सिटी के लिए जमीन आवंटित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए संज्ञान याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये.

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