ETV Bharat / state

17 दिन में तीन पीढ़ी खत्म! दादा के बाद बाप-बेटे ने भी हारी जिंदगी की जंग

17 दिन में पूरा परिवार तबाह हो गया. पहले दादा का निधन हो गया. इसके सात दिन बाद पिता की मृत्यु हो गई. वहीं बेटे की भी मौत हो गई.

author img

By

Published : May 15, 2021, 3:21 PM IST

Updated : May 15, 2021, 4:34 PM IST

grandfather father and son died in 17 days
17 दिन में तबाह हुआ परिवार

शिवपुरी। शहर की महल कॉलोनी में रहने वाले जैन परिवार की तीन पीढ़ियां कोरोना से जंग हार गईं. सिर्फ 17 दिन के अंतराल में दादा, पिता और बेटे ने संसार को अलविदा कह दिया. महावीर जयंती के दिन दादा का निधन हो गया. इसके सात दिन बाद पिता का कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया. बेटा अपने पिता की तेरहवीं भी नहीं कर सका, क्योंकि 12 वें दिन ही बेटे की मौत हो गई.

महल कॉलोनी में रहने वाले 84 वर्षीय जगन्नाथ प्रसाद जैन परिवार में सबसे पहले बीमार हुए थे. 25 अप्रैल को महावीर जयंती के दिन एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. हालांकि, उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं हो सकी थी. इस वजह से वह कोरोना पॉजिटिव नहीं कहलाए, लेकिन परिवारवालों ने बताया कि लक्षण लगभग वैसे ही थे. जगन्नाथ प्रसाद की मृत्यु से परिवार शोकमग्न था. इसी बीच योगेश जैन के पिता शिखर चंद जैन कोरोना संक्रमित हो गए. इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में एक मई की रात उनकी मौत हो गई. यानी दादा के निधन के सात दिन बाद ही पिता की विदाई इस दुनिया से हो गई.

मौत के आंकड़ों में बाजीगरी! जलती चिताएं बोल रहीं सच


एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां खत्म

फार्मा कंपनी में काम करने वाले 37 वर्षीय योगेश अपने दादा जगन्नाथ जैन की मृत्यु का शोक सप्ताह भर भी नहीं मना पाए कि सात दिन में ही पिता शिखरचंद जैन की मौत हो गई. योगेश अपने पिता की तेरहवीं भी नहीं कर सका, क्योंकि उसकी भी सिम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई. कुल मिलाकर एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां कोरोना का ग्रास बन गईं.

शिवपुरी। शहर की महल कॉलोनी में रहने वाले जैन परिवार की तीन पीढ़ियां कोरोना से जंग हार गईं. सिर्फ 17 दिन के अंतराल में दादा, पिता और बेटे ने संसार को अलविदा कह दिया. महावीर जयंती के दिन दादा का निधन हो गया. इसके सात दिन बाद पिता का कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया. बेटा अपने पिता की तेरहवीं भी नहीं कर सका, क्योंकि 12 वें दिन ही बेटे की मौत हो गई.

महल कॉलोनी में रहने वाले 84 वर्षीय जगन्नाथ प्रसाद जैन परिवार में सबसे पहले बीमार हुए थे. 25 अप्रैल को महावीर जयंती के दिन एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. हालांकि, उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं हो सकी थी. इस वजह से वह कोरोना पॉजिटिव नहीं कहलाए, लेकिन परिवारवालों ने बताया कि लक्षण लगभग वैसे ही थे. जगन्नाथ प्रसाद की मृत्यु से परिवार शोकमग्न था. इसी बीच योगेश जैन के पिता शिखर चंद जैन कोरोना संक्रमित हो गए. इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में एक मई की रात उनकी मौत हो गई. यानी दादा के निधन के सात दिन बाद ही पिता की विदाई इस दुनिया से हो गई.

मौत के आंकड़ों में बाजीगरी! जलती चिताएं बोल रहीं सच


एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां खत्म

फार्मा कंपनी में काम करने वाले 37 वर्षीय योगेश अपने दादा जगन्नाथ जैन की मृत्यु का शोक सप्ताह भर भी नहीं मना पाए कि सात दिन में ही पिता शिखरचंद जैन की मौत हो गई. योगेश अपने पिता की तेरहवीं भी नहीं कर सका, क्योंकि उसकी भी सिम्स हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई. कुल मिलाकर एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां कोरोना का ग्रास बन गईं.

Last Updated : May 15, 2021, 4:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.