शिवपुरी। श्याम बिहारी आदिवासी का कहना है उसकी पत्नी लक्ष्मीबाई को प्रसव पीड़ा उठी. इसके बाद वह अपने एक सहयोगी दौलत सिंह धाकड़ की मोटरसाइकिल पर बिठाकर प्रसूता को कोलारस के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा. कोलारस स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने पत्नी को शिवपुरी के जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराने की हिदायत दी. श्याम बिहारी ने बताया कि उसने कोलारस वास्थ्य केंद्र से कई मर्तबा 108 एंबुलेंस को फोन लगाया परंतु वह अन्य प्रकरण में जाने की बात कहकर देरी से आने की बात कह रहा था.
शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचने में देरी : इधर, उसकी पत्नी लक्ष्मी बाई आदिवासी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. इसके बाद वह चार सौ रुपए की राशि खर्च कर एक निजी एंबुलेंस की मदद से अपनी पत्नी को शिवपुरी के जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकला. शिवपुरी जिला अस्पताल में उसने अपनी पत्नी लक्ष्मीबाई आदिवासी को प्रसूता वार्ड में भर्ती कराया, जहां जांच के दौरान डॉक्टरों ने उसकी पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे को मृत घोषित कर दिया. श्याम बिहारी ने अपने बच्चे की मौत का जिम्मेदार कोलारस स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात 108 एंबुलेंस को ठहरा है.
रास्ते मे खड़ी मिली एम्बुलेंस : श्याम बिहारी आदिवासी जब अपनी पत्नी को लेकर शिवपुरी की ओर निकला था. इस दौरान महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पडोरा के पास उसे स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात 108 एंबुलेंस खड़ी हुई मिली, जबकि उससे एंबुलेंस चालक ने काफी देर बाद आने की बात कही थी.अगर एंबुलेंस समय पर उसके पहुंच जाती तो उसके बच्चे की जान बच सकती थी. (Due to negligence of 108 ambulance) (Child born in womb of pregnant dies)