शिवपुरी। कोरोना वायरस के चलते सरकारी स्कूलों में प्रभावित हुई पढ़ाई की भरपाई करने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 'डिजीलैप एप' का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन जिले में ग्रामीण क्षेत्र में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में इस एप से ऑनलाइन शिक्षा के सार्थक परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं. ज्यादातर बच्चों पर एंड्राइड फोन और डाटा की उपलब्धता नहीं होने से तमाम कोशिशों के बाद भी शिवपुरी जिला प्रदेश में बेहद पिछड़े जिलों में शामिल हो गया है. यही वजह है कि अधिकारी अब मैदानी मॉनिटरिंग अमले सहित शिक्षकों पर अपेक्षित परिणाम के लिए दबाव बनाकर ग्रेडिंग सुधारने में जुटे हुए हैं.
23 जून यानि मंगलवार को डीपीसी डीआर कर्ण ने एपीसी अशोक जैन के साथ कोलारस के उत्कृष्ट विद्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग और कक्षा को सैनिटाइज कराने के बाद न केवल कोलारस बल्कि बदरवास विकासखंड के तमाम सीएसी और बीएसी की बैठक ली. उन्हें डिजीलैप के सहारे बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के साथ-साथ सीएम राइज के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर चर्चा की. इस दौरान टिप्स देते हुए डीपीसी ने कहा, वह ऑनलाइन शिक्षा के सुधार के लिए भरसक प्रयास करें, क्योंकि कोरोना संकट के चलते निर्धारित समय पर स्कूलों का खुलना नहीं हो पा रहा है. ऑनलाइन शिक्षा ही एक मात्र सहारा है.
इस दौरान कोलारस बीआरसीसी जीएस गोलिया सहित बदरवास बीआरसीसी राजेश कम्ठान भी मौजूद रहे. डीपीसी ने सीएसी और बीएसी को निर्देश दिए कि जिला डिजीलैप के मामले में पिछड़ा हुआ है और ग्रामीण क्षेत्र में लगातार संपर्क कर बच्चों के अभिभावकों को समझाइश दी जाए कि वे एंड्राइड फोन के जरिए बच्चों को एप से शिक्षा के लिए प्रेरित करें. साथ ही शिक्षकों को भी सक्रिय करें कि वह सीएम राइज और डिजीलैप अभियान को गंभीरता से लें. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि इस मामले में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर कार्रवाई भी की जाएगी.