शिवपुरी। प्रसिद्ध मिश्रा क्लीनिक के संचालक सेवाभावी डॉ. ए.के.मिश्रा का आकस्मिक देहावसान की खबर सामने आई है. डॉ. मिश्रा का शनिवार की सुबह ग्वालियर के विरला हॉस्पिटल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली. मिश्रा हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए थे और उनकी लगातार हालत बिगडने के बाद परिजन उन्हें ग्वालियर ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शनिवार सुबह उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि डॉक्टर भी जबाव दे गए और अंत में उन्होंने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया.
मरीजों को देते थे निशुल्क दवाएं
बता दें कि डॉ मिश्रा के क्लीनिक पर गरीबों को नि:शुल्क इलाज के साथ-साथ निशुल्क दवाएं भी मिलती थी. इस कारण क्षेत्र में उनका काफी अधिक सम्मान था. डॉक्टरी के पेशे के साथ-साथ वह ग्वालियर से संचालित एक दैनिक समाचार पत्र में भी कार्यरत थे, जिसमें छपे उनके लेख काफी पसंद किए जाते थे. इस दु:खद घटना से पूरे शहर में शोक की लहर छा गई है.
प्रो. सिकरवार के सिद्धांतों पर चलकर जिया जीवन
डॉ. मिश्रा प्रदेश शासन से अधिमान्य पत्रकार थे और शिवपुरी की व्यवस्थाओं को लेकर वह अक्सर लिखा करते थे. चिकित्सा और दवाईयों के साथ साथ वह शिवपुरी के बडे मुद्दों पर वह हमेशा कलम चलाते रहते थे. डॉ. मूलरूप से जबलपुर के रहने वाले थे और वह अपने गुरू शिक्षाविद प्रोफेसर सिकरवार के सिद्धांतो पर चलने का प्रयास करते थे. उनके क्लीनिक पर सैकडों लोग अपना इलाज कराने आते थे, उसमे से 70 प्रतिशत मरीज पुरानी शिवपुरी के गरीब लोग आते थे.
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सेंट झेवियर्स स्कूल का भी करते थे संचालन
पुरानी शिवपुरी में मिश्रा क्लीनिक चलाने वाले डॉ.ए.के.मिश्रा अंग्रेजी विषय के अच्छे जानकार थे. वह शिक्षा के क्षेत्र भी कुछ कर गुजरनते की क्षमता रखते थे, यही कारण रहा कि उन्होंने स्वयं चिकित्सक होकर बच्चों को शिक्षा प्रोत्साहन के लिए अपने गुरू शिक्षाविद प्रो.चन्द्रपाल सिंह सिकरवार का काम आगे बढाने उद्देश्य से सेंट झेवियर्स स्कूल का भी संचालन करते थे. जिसमें गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. डॉ.मिश्रा मिश्रा शहर के ख्यातिनाम लोगों में शुमार थे और वह हमेशा समाजसेवा में अग्रणी रहते थे.