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देश की पहला EPL होल्डर बनीं जबलपुर की इशिता भार्गव, पायलट को मिला इलेक्ट्रॉनिक लाइसेंस - JABLPUR ISHITA 1ST EPL HOLDER PILOT

जबलपुर की इशिता भार्गव पहली ईपीएल होल्डर पायलट बन गई हैं. केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्री ने दिल्ली में उन्हें यह लाइसेंस दिया.

JABLPUR ISHITA GOT FIRST EPL
देश का पहला EPL जबलपुर की इशिता भार्गव को मिला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 12:20 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 12:37 PM IST

जबलपुर: कमर्शियल पायलट्स के लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस फॉर पायलट्स नाम का एक ऐप जारी किया है. इस ऐप की वजह से कमर्शियल पायलट्स को सहूलियत होगी. जबलपुर की कैप्टन इशिता भार्गव को केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने दिल्ली में कार्यक्रम के दौरान यह लाइसेंस दिया. इसके साथ ही इशिता भार्गव पहली ईपीएल पायलट बन गईं.

क्या होता है ईपीएल?

इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस फॉर पायलट्स इसका शॉर्ट फॉर्म ईपीएल है. भारत में पहली बार कमर्शियल पायलेट्स के लिए यह व्यवस्था दी गई है. दरअसल, कमर्शियल पायलट को उसके शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर विमान उड़ाने का लाइसेंस मिलता है. इस लाइसेंस को मेंटेन रखने के लिए कमर्शियल पायलट को डीजीसीए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के दफ्तर में फिजिकली प्रजेंट होकर लाइसेंस को मेंटेन करवाना पड़ता था. यह लाइसेंस 10 साल के लिए वैलिड होता है.

पायलट खुद कर सकेगा अपडेट

डिजिटलाइजेशन के दौर में यह प्रक्रिया पुरानी मानी जा रही थी, इसीलिए केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को खत्म करने के लिए एक ऐप तैयार किया है, जिसमें कमर्शियल लाइसेंस होल्डर अपनी जानकारी खुद ही अपडेट कर सकेगा. हर 10 साल में लाइसेंस को रिन्यू करवाना होता है. पायलट को हमेशा यह लाइसेंस अपने पास रखना होता था.

चीन में पहले से है यह व्यवस्था

यह एक किस्म का आधार कार्ड जैसा कार्ड है, लेकिन अब यह व्यवस्था ऑनलाइन हो गई है और ऑनलाइन एक कोड कमर्शियल पायलट को जनरेट कर दिया गया है. यह व्यवस्था इसके पहले भारत के अलावा चीन में थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ईपीएल की मान्यता है. मतलब यदि कोई पायलट भारत के बाहर भी विमान उड़ा कर जाता है, तो ऑनलाइन वह अपना लाइसेंस चेक करवा सकता है.

इशिता भार्गव को ही क्यों चुना गया

जबलपुर के नयागांव सोसाइटी की रहने वाली इशिता भार्गव के पिता रजत भार्गव ने बताया, "इशिता भार्गव डीजीसीए की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी उत्तर प्रदेश में विमान उड़ाने का प्रशिक्षण ले रही थी. इशिता भार्गव का कोर्स दिसंबर में ही कंप्लीट हुआ है और वे अपनी बैच की सबसे होनहार छात्रा थी. इसलिए उनका चयन सरकार की ओर से ही पहले एप बेस लाइसेंस के लिए किया गया."

पहली ईपीएल पायलट बनी इशिता भार्गव

इशिता को यह लाइसेंस दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने प्रदान किया. इशिता के साथ उनके ही एक दूसरे क्लासमेट को भी यह लाइसेंस दिया गया है. अब जबलपुर की कमर्शियल पायलट कैप्टन इशिता भार्गव पहली ईपीएल पायलट बन गई हैं.

ईपीएल से जुड़ेंगे सभी कमर्शियल पायलट

इशिता जबलपुर के नयागांव सोसाइटी की रहने वाली हैं और उन्होंने 2 साल पहले कमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में शुरू की थी. बता दें कि, धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में देश के सभी लाइसेंस होल्डर कमर्शियल पायलट जुड़ जाएंगे और सभी का डाटा ऑनलाइन हो जाएगा. कमर्शियल पायलट्स के लिए यह व्यवस्था बेहद सुविधाजनक है, अब उन्हें अपने लाइसेंस को हमेशा साथ में लेकर चलने की जरूरत खत्म हो जाएगी.

जबलपुर: कमर्शियल पायलट्स के लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस फॉर पायलट्स नाम का एक ऐप जारी किया है. इस ऐप की वजह से कमर्शियल पायलट्स को सहूलियत होगी. जबलपुर की कैप्टन इशिता भार्गव को केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने दिल्ली में कार्यक्रम के दौरान यह लाइसेंस दिया. इसके साथ ही इशिता भार्गव पहली ईपीएल पायलट बन गईं.

क्या होता है ईपीएल?

इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस फॉर पायलट्स इसका शॉर्ट फॉर्म ईपीएल है. भारत में पहली बार कमर्शियल पायलेट्स के लिए यह व्यवस्था दी गई है. दरअसल, कमर्शियल पायलट को उसके शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर विमान उड़ाने का लाइसेंस मिलता है. इस लाइसेंस को मेंटेन रखने के लिए कमर्शियल पायलट को डीजीसीए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के दफ्तर में फिजिकली प्रजेंट होकर लाइसेंस को मेंटेन करवाना पड़ता था. यह लाइसेंस 10 साल के लिए वैलिड होता है.

पायलट खुद कर सकेगा अपडेट

डिजिटलाइजेशन के दौर में यह प्रक्रिया पुरानी मानी जा रही थी, इसीलिए केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को खत्म करने के लिए एक ऐप तैयार किया है, जिसमें कमर्शियल लाइसेंस होल्डर अपनी जानकारी खुद ही अपडेट कर सकेगा. हर 10 साल में लाइसेंस को रिन्यू करवाना होता है. पायलट को हमेशा यह लाइसेंस अपने पास रखना होता था.

चीन में पहले से है यह व्यवस्था

यह एक किस्म का आधार कार्ड जैसा कार्ड है, लेकिन अब यह व्यवस्था ऑनलाइन हो गई है और ऑनलाइन एक कोड कमर्शियल पायलट को जनरेट कर दिया गया है. यह व्यवस्था इसके पहले भारत के अलावा चीन में थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ईपीएल की मान्यता है. मतलब यदि कोई पायलट भारत के बाहर भी विमान उड़ा कर जाता है, तो ऑनलाइन वह अपना लाइसेंस चेक करवा सकता है.

इशिता भार्गव को ही क्यों चुना गया

जबलपुर के नयागांव सोसाइटी की रहने वाली इशिता भार्गव के पिता रजत भार्गव ने बताया, "इशिता भार्गव डीजीसीए की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी उत्तर प्रदेश में विमान उड़ाने का प्रशिक्षण ले रही थी. इशिता भार्गव का कोर्स दिसंबर में ही कंप्लीट हुआ है और वे अपनी बैच की सबसे होनहार छात्रा थी. इसलिए उनका चयन सरकार की ओर से ही पहले एप बेस लाइसेंस के लिए किया गया."

पहली ईपीएल पायलट बनी इशिता भार्गव

इशिता को यह लाइसेंस दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय उड्डयन विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने प्रदान किया. इशिता के साथ उनके ही एक दूसरे क्लासमेट को भी यह लाइसेंस दिया गया है. अब जबलपुर की कमर्शियल पायलट कैप्टन इशिता भार्गव पहली ईपीएल पायलट बन गई हैं.

ईपीएल से जुड़ेंगे सभी कमर्शियल पायलट

इशिता जबलपुर के नयागांव सोसाइटी की रहने वाली हैं और उन्होंने 2 साल पहले कमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में शुरू की थी. बता दें कि, धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में देश के सभी लाइसेंस होल्डर कमर्शियल पायलट जुड़ जाएंगे और सभी का डाटा ऑनलाइन हो जाएगा. कमर्शियल पायलट्स के लिए यह व्यवस्था बेहद सुविधाजनक है, अब उन्हें अपने लाइसेंस को हमेशा साथ में लेकर चलने की जरूरत खत्म हो जाएगी.

Last Updated : Feb 21, 2025, 12:37 PM IST
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