शिवपुरी। ठंड के साथ चुनावी मौसम आते ही 'मोदी जैकेट' की मांग बढ़ रही है. यह 'मोदी जैकेट' (Modi Jacket) मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास में बनती है. कोरोना महामारी ने इस कारोबार को प्रभावित किया था, अब स्थितियां सुधरी तो एक बार फिर यहां के लोगों के रोजगार के अवसर बढ़े हैं. शिवपुरी जिले के बदरवास में बनाई जाने वाली यह 'मोदी जैकेट' इस समय उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान सहित नेपाल व अन्य क्षेत्रों में भेजी जा रही है. इस जैकेट निर्माण के कारोबार से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है. कोरोना काल में व्यापार धंधा ठप होने के कारण 50 फीसदी से ज्यादा जैकेट निर्माण का कारोबार प्रभावित हुआ था लेकिन अब फिर 'मोदी जैकेट' विभिन्न क्षेत्र में जा रही है. बाहर से आने वाले व्यापारी 'मोदी जैकेट' खरीद के ले जाते हैं और बेचते हैं.
कोरोना काल में जैकेट व्यापार हुआ था प्रभावित
पिछले डेढ़ वर्ष में कोरोना संकट काल ने यहां के जैकेट निर्माण के व्यापार की कमर तोड़ दी थी. मांग कम होने से व्यापार धंधा ठप हो गया था लेकिन अब कोरोना कम हो रहा है. इसके साथ ही ठंड भी बढ़ने से जैकेट की मांग में बढ़ोतरी हुई है. जैकेट निर्माण के कारोबार से जुड़े व्यापारी रमेश अग्रवाल ने बताया कि कोरोना कम होने के बाद अब व्यापार में तेजी आई है, जैकेट की मांग बढ़ी है इससे अब निर्माण भी तेजी आई है.
स्थानीय जानकार रंजीत गुप्ता बताते है कि वर्ष 2014 में यहां इस जैकेट का निर्माण शुरु हुआ था और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद तो इस जैकेट को 'मोदी जैकेट' (Modi Jacket) के नाम से जाना जाने लगा. यह रंगीन जैकेट सौ रुपये से चार सौ रुपये तक की कीमत में मिल जाती है. इस जैकेट की देश के अन्य हिस्सों में बड़ी मांग है, अब तो उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनाव है तो उस क्षेत्र के कारोबारी भी इस जैकेट को बड़ी तादाद में मंगा रहे है.
बदरवास में बड़े पैमाने पर जैकेट निर्माण का काम होता है. यहां पर पांच हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर मोदी जैकेट के निर्माण से रोजगार मिल रहा है. इस कारोबार से जुड़े व्यापारी सुरेश गुप्ता ने बताया कि इस इलाके के हजारों लोगों को इस जैकेट निर्माण से घर बैठे काम मिला है. बीते 15 नवंबर को भोपाल में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं ने मोदी जैकेट की प्रदर्शनी और स्टॉल लगाई थी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने भी देखा था.
इनपुट - आईएएनएस