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टॉर्च-मोमबत्ती की रोशनी में सरकारी अस्पताल में प्रसव, प्रशासनिक अनदेखी की सजा भुगत रही प्रसूताएं!

पोहरी विकासखंड के झिरी उप स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के उजाले में प्रसूताओं की डिलीवरी कराए जाने का मामला सामने आया है. शुक्रवार की देर शाम गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. यहां बिजली नहीं होने पर एएनएम ने महिला की डिलीवरी मोबाइल की टॉर्च के उजाले में कराई.

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शिवपुरी न्यूज
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Published : Aug 14, 2021, 12:05 PM IST

Updated : Aug 14, 2021, 1:46 PM IST

शिवपुरी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा (Medical facility) की स्थिति आज भी दयनीय बनी हुई है. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. सरकारी अस्पताल (Govt Hospital) में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के उजाले में प्रसूता महिलाओं (Pregnant women) की डिलीवरी कराने का मामला सामने आया है. पोहरी विकासखंड (Pohri Block) के झिरी उप स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के उजाले में प्रसूताओं की डिलीवरी कराई जा रही है. जिससे जच्चा-बच्चा की जान को खतरा बना हुआ है.

मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे डिलीवरी
शुक्रवार की देर शाम भदरौनी की रहने वाली अनारकली जाटव को प्रसव पीड़ा (Labor Pain) होने पर परिजन उसे उप स्वास्थ्य केंद्र (sub health center) में भर्ती कराया. यहां बिजली नहीं होने पर एएनएम ने महिला की डिलीवरी मोबाइल की टॉर्च के उजाले में कराई. गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. वरना ये लापरवाही जानलेवा हो सकती थी.

टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में कराए जा रहे प्रसव

बच्चे आ रहे हैं कोरोना की चपेट में, क्या यह तीसरी लहर की दस्तक है ?

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
झिरी उप स्वास्थ्य केंद्र (sub health center) की बिजली लाइन खराब होने से ऐसे हालात बने हैं. हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल की बिजली लाइन पिछले 10 दिनों से ज्यादा समय से खराब पड़ी हुई है, जिसकी शिकायत यहां पदस्थ एएनएम द्वारा बिजली विभाग के सुपरवाइजर सहित पोहरी बीएमओ डॉ शशांक चौहान को की जा चुकी है. लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं कराया गया है. जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों खासकर प्रसूता महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

शिवपुरी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा (Medical facility) की स्थिति आज भी दयनीय बनी हुई है. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. सरकारी अस्पताल (Govt Hospital) में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के उजाले में प्रसूता महिलाओं (Pregnant women) की डिलीवरी कराने का मामला सामने आया है. पोहरी विकासखंड (Pohri Block) के झिरी उप स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल टॉर्च और मोमबत्ती के उजाले में प्रसूताओं की डिलीवरी कराई जा रही है. जिससे जच्चा-बच्चा की जान को खतरा बना हुआ है.

मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे डिलीवरी
शुक्रवार की देर शाम भदरौनी की रहने वाली अनारकली जाटव को प्रसव पीड़ा (Labor Pain) होने पर परिजन उसे उप स्वास्थ्य केंद्र (sub health center) में भर्ती कराया. यहां बिजली नहीं होने पर एएनएम ने महिला की डिलीवरी मोबाइल की टॉर्च के उजाले में कराई. गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. वरना ये लापरवाही जानलेवा हो सकती थी.

टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में कराए जा रहे प्रसव

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शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
झिरी उप स्वास्थ्य केंद्र (sub health center) की बिजली लाइन खराब होने से ऐसे हालात बने हैं. हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल की बिजली लाइन पिछले 10 दिनों से ज्यादा समय से खराब पड़ी हुई है, जिसकी शिकायत यहां पदस्थ एएनएम द्वारा बिजली विभाग के सुपरवाइजर सहित पोहरी बीएमओ डॉ शशांक चौहान को की जा चुकी है. लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं कराया गया है. जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों खासकर प्रसूता महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : Aug 14, 2021, 1:46 PM IST
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